VIDEO: कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जुबान फिसली, लगा दिए 'राहुल गांधी मुर्दाबाद' के नारे
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VIDEO: कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जुबान फिसली, लगा दिए 'राहुल गांधी मुर्दाबाद' के नारे

बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल से भी इस वीडियो को ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है. 

हालांकि जैसे ही कार्यकर्ताओं को अपनी गलती का अहसास हुआ, वैसे ही सुधार कर लिया.

नीमच: नीमच में कांग्रेस के भारत बंद के दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओ की जुबान फिसल गई. राहुल गांधी जिंदाबाद की जगह मुर्दाबाद के नारे लगा दिए. वहीं मंदसौर मे कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने भी नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगा दिए. नारे लगाने का एक वीडियो सामने आया है.

हालांकि जैसे ही कार्यकर्ताओं को अपनी गलती का अहसास हुआ, वैसे ही सुधार कर लिया. बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल से भी इस वीडियो को ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है. कांग्रेस द्वारा बुलाए गए बंद के अपने-अपने दावे हैं. कांग्रेस जहां बंद को सफल बता रही हैं, वहीं बीजेपी ने बंद को पूरी तरह से विफल बताया 
 
भारत बंद ऐतिहासिक रहा: कांग्रेस
कांग्रेस ने 'भारत बंद' को ऐतिहासिक और सफल करार देते हुए कहा कि सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोईं गैस पर उत्पाद शुल्क में कटौती कर जनता को तत्काल राहत दे. पार्टी ने यह भी दावा किया कि सरकार पेट्रोलियम उत्पादों में कीमत में बढ़ोतरी के लिए जिन अंतरराष्ट्रीय कारणों का हवाला दे रही है, वो 'झूठ का पुलिंदा' हैं. कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ' भारत बंद पूरे देश में कामयाब रहा. यह ऐतिहासिक है. इसके सभी देशवासियों, राजनीतिक दलों का धन्यवाद करते हैं.' उन्होंने कहा, '2014 के चुनाव से पहले पूरे देश को गुमराह किया गया और ऐसा माहौल बना दिया गया कि मोदी जी सत्ता में आएंगे तो आसमान से तारे तोड़कर लाएंगे. अब देखिये स्थिति क्या है. 

बीजेपी ने बंद को बताया विफल
उधर, बीजेपी ने अंतरराष्ट्रीय संकट की वजह से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी को क्षणिक परेशानी बताते हुए भारत बंद के दौरान घटी हिंसक घटनाओं की निंदा की. बीजेपी ने दावा किया कि बंद विफल रहा, क्योंकि लोग कारण जानते हैं कि पेट्रोल व डीजल की कीमतें क्यों ऊपर जा रही हैं. केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मीडिया से कहा, "भारत के लोग भारत बंद से अलग क्यों हैं. वे ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को समझते हैं कि यह क्षणिक है और यह भारत सरकार और सामान्य भारतीय नागरिक के नियंत्रण के बाहर के कारकों के कारण है."

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