मिशन 2019: लोकसभा के साथ इन राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की रणनीति
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मिशन 2019: लोकसभा के साथ इन राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की रणनीति

2019 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में पार्टियां विधानसभा चुनाव के लिए भी कमर कस रही हैं.

मिशन 2019: लोकसभा के साथ इन राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की रणनीति

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी समेत कई पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. 2019 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में पार्टियां विधानसभा चुनाव के लिए भी कमर कस रही हैं. आम चुनाव आगामी अप्रैल-मई के महीने में हो सकते हैं. अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम तेलंगाना, ओडिशा और आंध्रप्रदेश के विधानसभा चुनाव, लोकसभा के साथ कराए जा सकते हैं. सीटों के लिहाज से बात करें तो सिक्किम में विधानसभा की 32 और अरुणाचल प्रदेश में 60 सीटे हैं. तेलंगाना में विधानसभा की 119, आंध्र प्रदेश में 175 और ओडिशा में विधानसभा की 147 सीटें हैं. बीजेपी की नजर इन राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाकर अपनी सीटें बढ़ाने पर है. एक नजर इन सभी विधानसभा चुनाव के समीकरणों और रणनीति पर: 

अरुणाचल में अकेले लड़ेगी बीजेपी
यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि अरुणाचल में बीजेपी किसी पार्टी से गठबंधन न करके अकेले मैदान में उतरेगी. अरुणाचल बीजेपी अध्यक्ष तापिर गाओ ने साफ कहा है कि उनकी पार्टी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व खांडू सरकार के प्रदर्शन से खुश बताया जा रहा है. 
 
तेलंगाना में भी अकेले लड़ सकती है पार्टी
तेलंगाना में टीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव के सुर नरम पड़े हैं. तीसरा मोर्चा बनाने की वकालत करने वाले राव ने अचानक अपने रुख में बदलाव करते हुए बीजेपी से नजदीकियां बढ़ाई हैं. केसीआर ने अविश्वास प्रस्ताव और राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के दौरान बीजेपी की परोक्ष-अपरोक्ष रूप से मदद की थी. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि बीजेपी तेलंगाना में भी 'एकला चलो रे' की रणनीति अपनाएगी. हालांकि चुनाव बाद टीआरएस से गठबंधन कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी सितंबर से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर सकती है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले माह जुलाई में तेलंगाना का दौरा करके संगठन की तैयारियों का जायजा लिया था. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को तेलंगाना में 5 सीटें मिली थी. 

ओडिशा में पार्टी अपनाएगी 'एकला चलो रे' का फॉर्मूला
तेलंगाना जैसी रणनीति ओडिशा में भी अपनाएगी. ओडिशा में बीजेपी को पंचायत चुनाव में अभूतपूर्व जीत मिली थी. कांग्रेस अब मुकाबले में पिछड़ती जा रही है. बीजेपी, बीजेडी की मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी ने ओडिशा में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. 

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