दीपावली पर इस शुभ मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी की पूजा, घर में होगी धनवर्षा
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दीपावली पर इस शुभ मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी की पूजा, घर में होगी धनवर्षा

धन की अनुकूलता-प्रचुरता के लिए मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है. दीपावली पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां सरस्वती का पूजन-अर्चन किया जाता है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली भारत में ही नहीं विदेशों में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. कहा जाता है कि भगवान राम इसी दिन 14 वर्ष वनवास से अयोध्या लौटे थे. इसी खुशी में तब से दिवाली मनाई जा रही है. दीपावली मनाने का धार्मिक महत्व भी है. मां लक्ष्मी धन की देवी हैं. सनातन धर्म में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का विशेष महत्व है. इसी पर मानव का जीवन आधारित है. धन से ही मानव की जीविका चलती है. वह अपनी आवश्यक वस्तुओं की प्राप्ति धन से करता है. जीवन में कर्म के अलावा धर्म भी आवश्यक है.

धन की अनुकूलता-प्रचुरता के लिए मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है. दीपावली पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां सरस्वती का पूजन-अर्चन किया जाता है. देवी लक्ष्मी यश, सुख, समृद्धि, पराक्रम और वैभव का वरदान देती है. दीपावली पर उनके विधिपूर्वक पूजन से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

कैसे करें पूजा
धन की देवी के पूजन हर एक चीज बेहद खास होती है पूजा की थाली को खास तरीके से सजाना चाहिए. पूजा की थाली को सूरजमुखी के फूल की तरह सजाने के लिए आप पीले पोस्टर या एक्रेलिक कलर से थाली को बेस के तौर पर रंगें. थाली के किनारे लाल और संतरी रंग से फूलों का डिजाइन बनाएं. थाली के बीचो-बीच पीले रंग से सूरजमुखी का फूल बनाएं. सूरजमुखी का फूल बनाते वक्त यह ध्यान रखें कि उसके और किनारे बने फूलों के बीच जगह जरूर हो. खाली जगहों पर आप गुलाब की पंखुडियां डाल सकती हैं. छोटे-छोटे रंगीन डिब्बों के अंदर गुलाब की पंखुडियों को रखें, उन पंखुडियों के ऊपर चावल और कुमकुम रखें. तैयार है आपकी सूरजमुखी वाली पूजा की थाली.

पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस वर्ष दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होगा और रात 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस साल दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 1 घंटा 58 मिनट तक रहेगा. इसी दौरान सभी घरों में लक्ष्मी-गणेश की पूजा सम्पन्न की जाएगी. 

 

कुमकुम, घी है बेहद जरूरी
कुमकुम वाली थाली के लिए मध्यम आकार की थाली लें और उस पर घी लगाएं. घी के ऊपर थोड़ा-सा कुमकुम छिड़क दें. थाली के बीच में अंगुली की सहायता से स्वास्तिक बनाएं. उसके बाद फूलों की पंखुडियों को भी डालें. आप चाहें तो अलग-अलग रंग के फूलों की पंखुडियां लें. इसके बाद थाली में पूजा की घंटी, कर्पूर और चावल रखें.

हल्दी और रोली वाली थाली के लिए थाली पर थोड़ा-सा तेल लगाएं. थोड़ी-सी हल्दी और रोली को थाली पर लगाएं. थाली को घुमाते हुए रोली और हल्दी को फैलाएं. ऊपर से चाहें तो थोड़ा गिल्टर छिड़क दें. तैयार है आपकी रोली और हल्दी वाली थाली. आप चाहें तो उस पर खाली ब्रश की मदद से कुछ डिजाइन भी बना सकती हैं.

रोशनी से जगमग थाली के लिए पूजा की थाली को आप किसी साफ और चमकदार साटिन के कपड़े से कवर करें. कोई फैंसी बॉर्डर हो तो ग्लू की मदद से उसे कपड़े के किनारे-किनारे चिपकाएं. इसे आप बीड्स और मिरर से सजाएं. चाहें तो अलग-अलग आकार और रंग के स्टोन्स को भी आप ग्लू की मदद से कपड़े पर चिपका सकती हैं.

बुराइयों पर अच्छाईयों की जीत पर हर्षोल्लास के साथ लोग दिवाली मनाते हैं. जो भी हो दीपावली स्वच्छता का प्रतीक है. दीपावली पर लोग घर व आसपास साफ-सफाई कर दीप जलाते हैं. दीप जलाने से कीडे़-मकोड़े, कीटाणु का सफाया हो जाता है. जिससे लोगों को बहुत सारी बीमारियों से राहत मिलती है. दीपावली मनाने का तरीका दीपावली पर्व पर लोगों द्वारा की जाने वाली साफ सफाई से निकलने वाले कचरे को जला दें. दीप ऐसा न जलाएं कि आग पकड़ ले और प्रदूषण फैलाए. पटाखा का उपयोग न करें. पटाखा खुले जगहों पर छोड़े.

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