दशहरा 2018: दशमी पर जमकर खेला जाता है 'सिंदूर', बंगाल में कुछ ऐसे मनाया जाता है ये त्योहार
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दशहरा 2018: दशमी पर जमकर खेला जाता है 'सिंदूर', बंगाल में कुछ ऐसे मनाया जाता है ये त्योहार

राम आज रावण दहन करके समाज में बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाता है.

(फोटो साभार- ANI)

नई दिल्ली: शारदीय नवरात्र के नौ दिन बाद दशमी को पूरे देश में बुराई पर अच्छाई का प्रतीक मनाते हुए दशहरा का त्योहार मनाया जाता है. राम आज रावण दहन करके समाज में बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाता है. वहीं मां दुर्गा को भी विसर्जन कर उनके धाम वापस जाने का आग्रह किया जाता है और इस मौके पर बंगाल के लोग जमकर सिंदूर खेलते हैं. दशमी के दिन बंगाल में सिंदूर खेलने की परंपरा है और इसे सिंदूर खेला के नाम से जाना जाता है. 

सिंदूर खेला का महत्व 
सिंदूर खेला को लेकर मान्यताएं हैं कि दशमी के दिन सिंदूर खेला करने से सुहागनों के पतियों की आयु लंबी होती है. वहीं ये भी मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा दस दिन के लिए अपने मायके आती हैं. नवरात्रि पर जिस तरह लड़की के मायके आने पर उसकी सेवा की जाती है, उसी तरह मां दुर्गा की भी खूब सेवा की जाती है. 

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कुंवारी लड़कियां भी खेलती हैं सिंदूर 
सिंदूर खेला की रस्म केवल शादीशुदा महिलाओं के लिए ही होती है लेकिन कुंवारी लड़कियां भी अब इस रस्म को निभाती हैं ताकि उन्हें अच्छा और मनपसंद वर मिल सके. 

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