इंसानों के कारण अस्तित्‍व का खतरा, बचने के लिए निशाचर हो रहे जीव
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इंसानों के कारण अस्तित्‍व का खतरा, बचने के लिए निशाचर हो रहे जीव

जर्नल 'साइंस' में प्रकाशित इस अध्ययन में पहली बार यह सामने आया है कि मानवीय क्रियाकलापों से प्रभावित होकर वन्यजीव किस तरह अपने रोजमर्रा की गतिविधियों में परिवर्तन ला रहे हैं.

जर्नल साइंस में यह अध्‍ययन प्रकाशित हुआ है.(प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

लॉस एंजिलिस: मानवीय गतिविधियों से पृथ्वी पर मौजूद स्तनपायी जीवों के व्यवहार में परिवर्तन की खबरों के बीच एक अनुसंधान में पहली बार यह सामने आया है कि इंसानों से बचने के लिए स्तनपायी जीव निशाचर हो रहे हैं. जर्नल 'साइंस' में प्रकाशित इस अध्ययन में पहली बार यह सामने आया है कि मानवीय क्रियाकलापों से प्रभावित होकर वन्यजीव किस तरह अपने रोजमर्रा की गतिविधियों में परिवर्तन ला रहे हैं.

  1. स्‍तनपायी जीवों के व्‍यवहार में हो रहा परिवर्तन
  2. जर्नल साइंस में प्रकाशित हुई है यह अध्‍ययन
  3. मानवीय गतिविधियां इसके लिए अहम जिम्‍मेदार

इस अनुसंधान के परिणाम मजबूती से इस बात को उजागर करते हैं कि मानवीय गतिविधियों से परेशान होकर एक बड़ी प्राकृतिक निशाचर जीवों की दुनिया तैयार हो रही है. अनुसंधानकर्ताओं ने छह महाद्वीपों की 62 प्रजातियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इन आंकड़ों से उन्होंने यह समझने की कोशिश की कि मानवीय गतिविधियों की वजह से स्तनपायी जीवों के रोजमर्रा की दिनचर्या में किस तरह के बदलाव हो रहे हैं?

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यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की शोधार्थी कैटलीन गेनर ने बताया, ''मानवों की तरफ से पेश की जा रही किसी भी परेशानी पर जानवर मजबूती से प्रतिक्रिया देते हैं चाहे यह परेशानी सीधे उनके जीवन के खतरे से जुड़ी हो या नहीं. हमारी मौजूदगी ही उनके जीवन के प्राकृतिक क्रियाकलापों को बाधित करने के लिए काफी होती है.''

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