अविश्वास बढ़ने के कारण पूरे विश्व में हुआ मानव का विस्तार
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अविश्वास बढ़ने के कारण पूरे विश्व में हुआ मानव का विस्तार

नैतिकता से जुड़े विवादों से उत्पन्न अविश्वास के कारण शुरुआती मानव करीब 100,000 वर्ष पहले सिंधु और गंगा जैसे डेल्टाओं समेत सभी भौगोलिक बाधाओं को पार करते हुए पूरे विश्व में फैल गये थे।

लंदन : नैतिकता से जुड़े विवादों से उत्पन्न अविश्वास के कारण शुरुआती मानव करीब 100,000 वर्ष पहले सिंधु और गंगा जैसे डेल्टाओं समेत सभी भौगोलिक बाधाओं को पार करते हुए पूरे विश्व में फैल गये थे।

ब्रिटेन में यॉर्क विश्वविद्यालय के पेन्नी स्पिकिंस ने कहा कि मानव के प्रसार की गति और स्वरूप में करीब 100,000 वर्ष पहले उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ था। इससे पहले मनुष्यों के स्थान परिवर्तन की दर बहुत धीमी थी और मुख्य रूप से जनसंख्या वृद्धि या पारिस्थितिक तंत्र में परिवर्तन के कारण उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों के कारण वे एक जगह से दूसरी जगह पर जाते थे।

इसके बाद लोग बहुत तेजी से सभी भौगोलिक सीमाओं को पार करते हुए पूरे विश्व में फैल गये। स्पिकिंस ने इस बदलाव को इंसानों के भावनात्मक रिश्ते में आये परिवर्तन से जोड़कर देखते हैं। अविश्वास बढ़ने के कारण शुरुआती इंसानों में अपने प्रतिद्वंद्वियों से दूरी बनाकर रहने की भावना पैदा हुई और वे दुनिया के अन्य हिस्सों में तेजी से जाने लगे। ‘ओपन क्वार्टरनरी’ नामक जर्नल में इस अध्ययन का प्रकाशन हुआ है।

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