अगर आपको किसी से प्यार हो गया है तो ऐसे जीतें दिल!
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अगर आपको किसी से प्यार हो गया है तो ऐसे जीतें दिल!

आपको अगर किसी से प्यार हो गया है, तो अपनी भावनाएं जाहिर करने के लिए वॉयस मैसेज या व्हाट्सऐप संदेश भेजने की जगह अपनी प्रेमिका को ई-मेल भेजें। हाल ही में आए एक रोचक अध्ययन में यह सलाह दी गई है। इंडियाना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, आज के डिजिटल युग में प्रेम को जाहिर करने के लिए ई-मेल सबसे बेहतर जरिया है।

अगर आपको किसी से प्यार हो गया है तो ऐसे जीतें दिल!

न्यूयॉर्क:  आपको अगर किसी से प्यार हो गया है, तो अपनी भावनाएं जाहिर करने के लिए वॉयस मैसेज या व्हाट्सऐप संदेश भेजने की जगह अपनी प्रेमिका को ई-मेल भेजें। हाल ही में आए एक रोचक अध्ययन में यह सलाह दी गई है। इंडियाना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, आज के डिजिटल युग में प्रेम को जाहिर करने के लिए ई-मेल सबसे बेहतर जरिया है।

इंडियाना यूनिवर्सिटी के कैले स्कूल ऑफ बिजनेस के ऐलन आर. डेनिस ने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि आपके संदेश को गंभीरता से लिया जाए तो उसे भेजने के लिए ई-मेल सबसे बेहतर है। कॉलेज जाने वाले 72 विद्यार्थियों के मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक विश्लेषण के जरिए किए गए अध्ययन में डेनिस और सह-लेखक टेलर एम वेल्स ने पाया कि वॉयस मेल की तुलना में प्रेम की अभिव्यक्ति के लिए ई-मेल भेजने वाले लोगों ने अधिक प्रभावशाली भाषा का प्रयोग किया। आपको अगर किसी से प्यार हो गया है, तो अपनी भावनाएं जाहिर करने के लिए वॉयस मैसेज या व्हाट्सऐप संदेश भेजने की जगह अपनी प्रेमिका को ई-मेल भेजें।

डेनिस और वेल्स के शब्दों में, प्रेमपूर्ण ई-मेल लिखते समय भेजने वाले, इस माध्यम में मौखिक ध्वनि की कमी की भरपाई करने के लिए सचेत या अवचेतन रूप से अधिक सकारात्मक भाषा का प्रयोग करते हैं। वॉयसमेल में संदेश भेजने वाला एक ही बार में इसे रिकॉर्ड कर लेता है। उसे या तो ऐसे ही भेजा जा सकता है या दोबारा रिकॉर्ड किया जा सकता है, लेकिन उसमें सुधार नहीं किया जा सकता।

इससे पूर्व के शोधों में भी कहा जा चुका है कि ई-मेल और टेक्स्ट चैट भावनाओं को जाहिर करने के अनुपयुक्त माध्यम हैं। शोध में यह भी जाहिर हुआ कि संदेश भेजने का माध्यम भी विषय को प्रभावित करता है। संदेश भेजने वाले जरूरी काम के संदेशों को भेजते समय वॉयस मैसेज की तुलना में ई-मेल में उसी कार्य के लिए कम सकारात्मक भाषा का प्रयोग करते हैं। लेकिन इन अध्ययनों से यह साबित नहीं होता कि आमने-सामने की मुलाकात में होने वाले संदेशों के आदान-प्रदान, व्यक्तिगत तौर पर किए गए फोन कॉल और संप्रेषण के अन्य माध्यम उपयोगी नहीं हैं।

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