इसरो 2015-16 के दौरान नौ नैनो-माइक्रो अमेरिकी उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा
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इसरो 2015-16 के दौरान नौ नैनो-माइक्रो अमेरिकी उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2015-16 की अवधि के दौरान अमेरिका के नौ नैनो-माइक्रो उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा। इसरो पहली बार अमेरिकी उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा।

इसरो 2015-16 के दौरान नौ नैनो-माइक्रो अमेरिकी उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा

बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2015-16 की अवधि के दौरान अमेरिका के नौ नैनो-माइक्रो उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा। इसरो पहली बार अमेरिकी उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा।

इसरो के जनसंपर्क निदेशक देवीप्रसाद कर्णिक ने कहा, ‘इसरो की व्यावसायिक शाखा एंट्रिक्स कॉपरेरेशन लिमिटेड ने आज की तारीख में 2015-16 की समयावधि के दौरान नौ नैनो-माइक्रो (अमेरिकी) उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए समझौता किया है।’ अधिकारियों ने कहा कि ये उपग्रह पीएसएलवी :ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान: पर पीठ पर लदे सामान की तरह अंतरिक्ष में जाएंगे।

इसरो के उपग्रह प्रक्षेपण यानों ने अभी तक 19 देशों के अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों से संबंधित 45 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है।

इस बीच विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरवनंतपुरम के निदेशक डॉ के सीवान ने कहा कि पहला रियूजेबल लांच व्हीकल-टेक्नोलॉजी डिमांस्ट्रेशन (आरएलवी-टीडी) इस साल के आखिर में होगा।

आरएलवी-टीडी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन की श्रृंखला है।

सीवान ने कहा कि पूरी तरह स्वदेश निर्मित जियो-सिंक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हीकल (जीएसएलवी) डी6 का प्रक्षेपण इस महीने के आखिर तक किया जाएगा। ढाई टन वजनी इस अंतरिक्षयान की लागत करीब 250 करोड़ रुपये होगी।

 

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