'सालों पहले अपने अंगों को फिर से विकसित कर सकते थे स्तनधारी'
Advertisement

'सालों पहले अपने अंगों को फिर से विकसित कर सकते थे स्तनधारी'

करीब 30 करोड़ साल पहले कुछ उभयचर (जल और थल दोनों में रह सकने वाले) जंतु ठीक उसी तरह अपने पैर और पूंछ पुनर्विकसित करने में सक्षम थे जिसके लिए आधुनिक सैलामैंडर (छिपकली की तरह दिखने वाला उभयचर) को जाना जाता है। एक नये अध्ययन में सामने आई जानकारी के अनुसार जमीन पर पाये जाने वाले सभी स्तनधारी जीवों में एक समय अंग विकसित करने की क्षमता थी।

फाइल फोटो (प्रतीकात्मक)

वाशिंगटन : करीब 30 करोड़ साल पहले कुछ उभयचर (जल और थल दोनों में रह सकने वाले) जंतु ठीक उसी तरह अपने पैर और पूंछ पुनर्विकसित करने में सक्षम थे जिसके लिए आधुनिक सैलामैंडर (छिपकली की तरह दिखने वाला उभयचर) को जाना जाता है। एक नये अध्ययन में सामने आई जानकारी के अनुसार जमीन पर पाये जाने वाले सभी स्तनधारी जीवों में एक समय अंग विकसित करने की क्षमता थी।

बर्लिन में म्यूजियम फार नातुरकुंदे, ओस्वेगो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू यॉर्क और ब्राउन यूनिवर्सिटी के जीवाश्म विज्ञानियों के एक दल ने जीवाश्म वाले उभयचरों पर अपने नये अध्ययन में पता लगाया कि आधुनिक सैलामैंडर की अत्यधिक पुनर्विकास क्षमताएं प्राचीन समय के चार पैरों वाले कशेरूकी जंतुओं की विशेषता की तरह ही हैं, जो धीरे-धीरे विकास के क्रम में लुप्त होते चले गये।

अनुसंधानकर्ताओं ने कार्बन युग और परमियन कालखंड के विभिन्न उभयचरों के समूहों पर शोध किया और पता लगाया कि चार पैर वाले विभिन्न जंतुओं के समूह उसी तरह अपने पैरों और पूंछ को फिर से विकसित करने में सक्षम थे, जिसके लिए आधुनिक सैलामैंडर को जाना जाता है।

Trending news