'मोबाइल टावरों से स्वास्थ्य को खतरा नहीं'
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'मोबाइल टावरों से स्वास्थ्य को खतरा नहीं'

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि यह सच नहीं है कि मोबाइल टावर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की रपटें इस बात की पुष्टि नहीं करती हैं।

'मोबाइल टावरों से स्वास्थ्य को खतरा नहीं'

नई दिल्ली : केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि यह सच नहीं है कि मोबाइल टावर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की रपटें इस बात की पुष्टि नहीं करती हैं।

राज्यसभा में पूछे गए अनुपूरक सवालों के जवाब में प्रसाद ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए निजी दूरसंचार कंपनियों से बात कर रही है।

कॉल कटने और अन्य समस्याओं पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रसाद ने कहा, ''बुनियादी ढांचे के लिए हमें टावरों की जरूरत है। यदि हमें टावर लगाने की अनुमति नहीं है तो बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं हो सकता।''

प्रसाद ने राज्यसभा में कहा, ''अभी देश में एक अभियान चलाया जा रहा है कि मोबाइल टावरों से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। मैंने स्वयं इसकी जांच की है। मैं सदन के सामने इसके विषय में अधिक जानकारी रखूंगा। यह पूरा अभियान वास्तविक नहीं है।''

उन्होंने कहा, ''डब्लूएचओ की 30 रपटों का उचित अध्ययन किया गया है। मैंने इस पर अपनी समिति की स्थापना की है और मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि टावरों के लिए उचित बुनियादी ढांचों को मंजूरी दी जाएगी।''

प्रसाद ने यह भी कहा कि सरकार एमटीएनएल और बीएसएनएल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर काम कर रही है और इस दिशा में कई नए टावर स्थापित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा, ''बीएसएनएल और एमटीएनएल की स्थिति ठीक नहीं है। जब तक निजी क्षेत्र मजबूत नहीं होगा तब तक प्रतिस्पर्धा को स्वस्थ नहीं बनाया जा सकेगा।'' उन्होंने कहा, ''बीएसएनएल 25,000 नए टावरों की स्थापना करेगा। एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में भी 800 से 900 टावरों का निर्माण करेगा।''

प्रसाद ने यह भी कहा कि ऐसी कुछ शक्तियां थीं, जिन्होंने एमटीएनएल और बीएसएनएल को बदहाल बनाए रखा।

उन्होंने कहा, ''2004 तक बीएसएनएल को 10,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। अब यह घाटे में क्यों है? यह सवाल जरूर उठाया जाना चाहिए। उस दौरान एमटीएनएल को 800 से 900 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। अब इसे घाटा क्यों हुआ? इन्हें अपना विकास करने की मंजूरी नहीं दी गई।''

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