उत्सर्जन को मापने के लिए अंतरिक्ष में नया मिशन भेजेगा नासा
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उत्सर्जन को मापने के लिए अंतरिक्ष में नया मिशन भेजेगा नासा

नासा एक बलून आधारित ऑब्सर्वेटरी को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है जो तारों के बीच कॉस्मिक सामग्री से निकलने वाले उत्सर्जन को मापेगी. मिशन का डाटा मिल्की वे आकाशगंगा में इंटरस्टेलर गैस के जीवनचक्र का पता लगाने में, तारों से बनने वाले बादलों के बनने और बिगड़ने का साक्षी बनने में तथा हमारी आकाशगंगा के केंद्र के नजदीक के गतिविज्ञान और गैस प्रवाह को समझने में वैज्ञानिकों की मदद करेगा.

मिशन गैस प्रवाह को समझने में वैज्ञानिकों की मदद करेगा.                        फाइल फोटो

वाशिंगटन : नासा एक बलून आधारित ऑब्सर्वेटरी को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है जो तारों के बीच कॉस्मिक सामग्री से निकलने वाले उत्सर्जन को मापेगी. मिशन का डाटा मिल्की वे आकाशगंगा में इंटरस्टेलर गैस के जीवनचक्र का पता लगाने में, तारों से बनने वाले बादलों के बनने और बिगड़ने का साक्षी बनने में तथा हमारी आकाशगंगा के केंद्र के नजदीक के गतिविज्ञान और गैस प्रवाह को समझने में वैज्ञानिकों की मदद करेगा.

यूनिवर्सिटी ऑफ अरिजोना के प्रमुख अनुसंधानकर्ता क्रिस्टोफर वाकर के नेतृत्व में ‘द गैलेक्टिक-एक्स्ट्रागैलेक्टिक यूएलडीबी स्पेक्ट्रोस्कोपिक टेराहर्ट्ज ऑब्सर्वेटरी’ (गस्टो) एक लंबे समय तक रहने वाले बलून (यूएलडीबी) को उड़ाएगा जिसमें कार्बन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन उत्सर्जन लाइन डिटेक्टरों के साथ एक दूरदर्शी लगी होगी.

विशेष तरह के आंकड़े अनुसंधानकर्ताओं को इंटरस्टेलर मीडियम की जटिलताओं को समझने में मददगार होंगे.

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