तारों के भीतर के चुंबकीय क्षेत्र का पता लगाएगी नई तकनीक
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तारों के भीतर के चुंबकीय क्षेत्र का पता लगाएगी नई तकनीक

वैज्ञानिकों ने पहली बार एक ऐसा तरीका इजाद किया है जिसमें मेडिकल अल्ट्रासाउंड जैसी एक तकनीक का इस्तेमाल कर कंपायमान विशालकाय तारों के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।

तारों के भीतर के चुंबकीय क्षेत्र का पता लगाएगी नई तकनीक

वाशिंगटन : वैज्ञानिकों ने पहली बार एक ऐसा तरीका इजाद किया है जिसमें मेडिकल अल्ट्रासाउंड जैसी एक तकनीक का इस्तेमाल कर कंपायमान विशालकाय तारों के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।

किसी तारे के निर्माण से लेकर इसके समाप्त होने तक तारकीय उद्विकास के सभी चरणों में चुंबकीय क्षेत्रों का काफी महत्व रहा है।

अब पहली बार, तारा भौतिकविद कंपायमान विशालकाय तारों की गहराई में मजबूत चुंबकीय क्षेत्रों की मौजूदगी का पता लगाने में सक्षम हुए हैं।

अनुसंधानकर्ताओं ने तारों के भीतर की प्रकृति का पता लगाने के क्रम में उनसे होकर गुजरने वाली तरंगों को पकड़ने के लिए तारकीय भूकंप विज्ञान का इस्तेमाल किया।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैंटा बारबरा के कावलि इंस्टिट्यूट फॉर थ्योरिटिकल फिजिक्स (केआईटीपी) से संबंध रखने वाले सह-अग्र लेखक मैट्टेओ कांटियेलो ने कहा, ‘अब हम तारे के उन क्षेत्रों की जांच कर सकते हैं जो पहले छिपे हुए थे।’ कैंटिएलो ने कहा, ‘तकनीक मेडिकल अल्ट्रासाउंड के समान है जिसमें मानव शरीर के दिखाई न देने वाले हिस्सों की तस्वीर उतारने के लिए ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है।’ ये खोज निष्कर्ष ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है।

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