दुर्लभ जीवाश्म ने प्राचीन समुद्री जीवन के खोले राज
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दुर्लभ जीवाश्म ने प्राचीन समुद्री जीवन के खोले राज

अनुसंधानकर्ताओं के एक अंतर्राष्ट्रीय दल ने चीन में एक 52 करोड़ वर्ष पुराना दुर्लभ जीवाश्म खोजा है, जो पृथ्वी के सर्वाधिक प्राचीन समुद्र में जीवन के संबंध में एक अभूतपूर्व दृष्टिकोण उलब्ध कराता है।

दुर्लभ जीवाश्म ने प्राचीन समुद्री जीवन के खोले राज

बीजिंग: अनुसंधानकर्ताओं के एक अंतर्राष्ट्रीय दल ने चीन में एक 52 करोड़ वर्ष पुराना दुर्लभ जीवाश्म खोजा है, जो पृथ्वी के सर्वाधिक प्राचीन समुद्र में जीवन के संबंध में एक अभूतपूर्व दृष्टिकोण उलब्ध कराता है।

चिड़िया के कुचले घोंसले के आकार जैसा यह जीवाश्म निडलरिक पुगिओ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह जीवाश्म दक्षिणी चीन के चेंगजिआंग में पाया गया था। संभवत: यह एक चांसेलॉरिड (विचित्र गुब्बारे के आकार के जानवरों का एक समूह) है। इस समूह के जानवरों के शरीर के बाहरी हिस्सों पर कांटे होते हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिए होते हैं।

जीवाश्मीकरण प्रक्रिया के दौरान जीव समतल था, इसीलिए यह एक चिड़िया के खाली घोंसले जैसा दिखता है। इस शोध के सह-लेखक और लीसेस्टर विश्वविद्यालय के टॉम हार्वे ने बताया, चेंगजिआंग में हमारे सहयोगियों द्वारा इकट्ठा करने के 30 साल बाद इस रहस्मय जानवर का केवल एक जीवाश्म मिला है। यह जीवाश्म मिलना दुर्लभ है, लेकिन यह हमें दिखाता है कि पहले के समय में जानवरों की आकृति कितनी अजीब हो सकती थी।

इस दल ने इस प्रजाति का नाम 'निडेलरिक पुगिओ' रखा है। यह नाम लीसेस्टर विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जीवाश्म विज्ञानी और पक्षी विज्ञानी दिवंगत प्राध्यापक रिचर्ड आल्ड्रिज के सम्मान में रखा गया है। शोधकर्ता समूह का प्रतिनिधित्व चीन के युन्नान विश्वविद्यालय में जीवाश्म विज्ञान की युन्नान प्रधान प्रयोगशाला के प्राध्यापक जिआंगगुआंग होउ ने किया। इस शोध में लीसेस्टर और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का भी सहयोग रहा।

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