वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक से होने वाले समुद्री प्रदूषण को लेकर व्यक्त की चिंता
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वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक से होने वाले समुद्री प्रदूषण को लेकर व्यक्त की चिंता

विशेषज्ञों ने कहा है कि प्लास्टिक से होने वाले समुद्री प्रदूषण की समस्या नियमों का कार्यान्वयन करके, पुनर्चक्रण पर बल देकर और प्लास्टिक का विकल्प खोजकर सुलझाई जा सकती है।

वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक से होने वाले समुद्री प्रदूषण को लेकर व्यक्त की चिंता

पणजी: विशेषज्ञों ने कहा है कि प्लास्टिक से होने वाले समुद्री प्रदूषण की समस्या नियमों का कार्यान्वयन करके, पुनर्चक्रण पर बल देकर और प्लास्टिक का विकल्प खोजकर सुलझाई जा सकती है।

गोवा के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशियनोग्राफी (एनआईओ) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है, ‘प्लास्टिक मलबे की समस्या सुलझाना महत्वपूर्ण है। प्लास्टिक मलबे का समाधान कई कदम उठाकर ही निकाला जा सकता है।’ इकोटॉक्सीलॉजी एवं पर्यावरणीय विज्ञान पर गत सप्ताह कोच्चि में आयोजित पांचवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान एनआईओ वैज्ञानिकों द्वारा पेश एक पत्र में कहा गया है, ‘इन कृत्यों में प्लास्टिक से होने वाले समुद्री प्रदूषण के खिलाफ कानून लागू करना, मौजूदा प्लास्टिक उत्पादों का विकल्प खोजना और मौजूदा मलबे को साफ करना शामिल है।’ 

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, ‘यदि समुद्र में प्लास्टिक की समस्या को धीरे-धीरे दूर करना है तो सरकार इस काम को अकेले पूरा नहीं कर सकती और उसे इसके लिए लोगों की मदद और पहल की आवश्यकता होगी।’ एनआईओ वैज्ञानिकों ने माइक्रो प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण से जुड़ा अनुसंधान शुरू किया है। उनका दावा है कि देश में यह इस प्रकार का पहला अध्ययन है।

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