थियेटरों में 'ट्यूबलाइट' तो जली, लेकिन नहीं बजी सीटी
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थियेटरों में 'ट्यूबलाइट' तो जली, लेकिन नहीं बजी सीटी

 एक मंझे हुए कलाकार की ताकत सिर्फ उसके अभिनय में ही होती है...

ईद का वक्त... सलमान खान की मूवी... और थियेटरों में नहीं बजी एक भी सीटी. थोड़ा सुनने में अटपटा लग रहा होगा, लेकिन यह बिलकुल सच है. जहां तक मुझे याद है अब तक सलमान की जितनी भी फिल्में मैंने देखी है, लगभग फिल्मों में मुझे थियेटर के अंदर सीटी की आवाज सुनाई दी है, लेकिन सलमान की इस ईद में रिलीज हुई फिल्म 'ट्यूबलाइट' देखने गए उनके फैंन (उनमें से एक मैं भी) उस सीन का इंतजार करते रह गए, जिसमें वह खड़े होकर सीटी बजा सके.

कबीर खान ने क्या सोचकर इस फिल्म को बनाई, यह तो वही जानते होंगे... लेकिन सलमान इस रोल के लिए तैयार कैसे हो गए, यह बात मुझे सोचने पर मजबूर कर रही है. एक मंझे हुए कलाकार की ताकत सिर्फ उसके अभिनय में ही होती है, जिससे वह अपने दर्शकों को हंसाता भी है और रुलाता भी है... लेकिन सलमान इस बार चूक गए. वह 'ट्यूबलाइट' में दर्शकों को न तो सही से हंसा सके और न ही रुलाने में सफल साबित हुए.

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फिल्म की शुरुआत अच्छी थी, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म की कहानी आगे बढ़ती गई... वैसे-वैसे बोरियत भी बढ़ती गई. फिल्म की रफ्तार इतनी धीमी थी कि हम चाह कर भी फिल्म को एंजॉय नहीं कर पा रहे थे. ऐसा लग रहा था कि फिल्म को जबरन आगे बढ़ाया जा रहा है. 2005 में आई सलमान की फिल्म 'लकी' के बाद यह पहला मौका था जब मुझे लगा कि मेरा समय और पैसा बरबाद हो रहा है, चूंकि मैं सलमान के प्रशंसकों में से एक हूं, इसलिए मैंने इस फिल्म को पूरा देखने का प्रयास किया और इस फिल्म को मैंने अंत तक देखा.

इस फिल्म को पूरी देखने के बाद मुझे यह समझ में आया कि अगर सलमान ऐसी ही फिल्मों में काम करते रहे, तो उनके नाम से 'ट्यूबलाइट' तो चल ही जाएगी, लेकिन उसके बाद दर्शकों का उनके ऊपर से विश्वास उठ जाएगा. 2009 में आई फिल्म 'वांटेड' से हर साल ईद पर सलमान की फिल्मों का स्टैंडर्ड लगातार ही बढ़ता दिखा है, चाहे वह 'दबंग' हो, 'बॉडीगार्ड', 'एक था टाइगर', 'किक', 'बजरंगी भाईजान' या फिर 'सुल्तान' हो... लेकिन मुझे लगता है इस बार 'ट्यूबलाइट' ने इनके फिल्मों के स्टैंडर्ड ग्राफ को नीचे गिराया है. 

खैर फिल्म कैसी है? यह तो मैंने आपको बता दिया... लेकिन फिल्म की कहानी क्या है, यह मैं आपको नहीं बताऊंगा... कारण साफ है कि मैं यह चाहता हूं कि सलमान के सभी प्रशंसक इस फिल्म को देखें और वह खुद ही इस फिल्म का विश्लेषण करें. मैंने फिल्म देखी, इसलिए मैंने अपना विचार रखा.  

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