तुमने देश को मैच देखने को मजबूर किया...यही तुम्हारी जीत है
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तुमने देश को मैच देखने को मजबूर किया...यही तुम्हारी जीत है

तुम्हारा वर्ल्ड कप के फाइनल में हार जाना हमें निराश नहीं कर रहा है, हम खुश हैं कि तुमने आइना दिखाया है देश को, हम खुश हैं कि...

निदा रहमान

लॉड्स के ऐतिहासिक मैदान में भले ही तुम वर्ल्ड कप की ट्रॉफी ना उठा पाई हो लेकिन तुमने हमारा दिल जीत लिया है. तुमने देश को मैच देखने के लिए मजबूर कर दिया. तुमने पीएम नरेंद्र मोदी को ट्वीट करने पर मजबूर कर दिया. तुमने क्रिकेट के धुरंधर खिलाड़ियों को तारीफ़ करने पर मजबूर कर दिया यही तो तुम्हारी जीत है. 

मैन इन ब्लू को चीयर करते-करते देश पहली बार वूमन इन ब्लू के लिए दुआएं मांग रहा था. पहली बार सोशल मीडिया पट गया तुम्हारा हौसला बढ़ाने के लिए. पहली बार ही तो हुआ है कि जब भारत धोनी, विराट के बजाए मिताली, हरमनप्रीत, पूनम, झूलन के नाम को जान रहा है.

तुम्हारा वर्ल्ड कप के फाइनल में हार जाना हमें निराश नहीं कर रहा है, हम खुश हैं कि तुमने आइना दिखाया है देश को, हम खुश हैं कि तुमने सोचने को मजबूर किया है कि सिर्फ़ कहने से कुछ नहीं होगा बेटियों का साथ भी देना होगा. 

लंबे संघर्ष, अनदेखी और आभावों के बावजूद भारतीय महिला क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची, हर तरफ़ वाहवाही हो रही है. होनी भी चाहिए लेकिन हमें याद रखना होगा कि ये शुरुआत है. जिस तरह देश पुरुष क्रिकेटर्स को अपनी पलकों पर बैठाकर रखता है उनके लिए दीवाना है उसी तरह हमें इन लड़कियों का भी हौसला बढ़ाना है. 

लड़कियों ने इस मुक़ाम तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया और उनके परिवार ने भी. कुछ हालातों के हाथों मजबूर होकर मझधार से लौट गई होंगी लेकिन वो खुश होंगी आज लॉड्स् के मैदान में ख्वाबों को पूरा करती हुई लड़कियों को देखकर.

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उम्मीद है कि ये हार एक नई जीत की शुरुआत करेगी. बीसीसीआई ने फाइनल मैच से पहले ही महिला क्रिकेट टीम की हर खिलाड़ी को 50-50 लाख रुपए देने का ऐलान किया है. शायद ये ऐलान मजबूरी में किया गया होगा क्योंकि लड़कियों ने अपने प्रदर्शन से बीसीसीआई को आइना दिखा दिया जो दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है. 

उम्मीद है कि पुरुष क्रिकेट टीम को मिलने वाली फीस के जैसी ही फीस महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों को मिलनी चाहिए. क्योंकि महिला और पुरुष की मैच फीस में ज़मीन आसमान का फर्क़ है और ये फर्क़ अब मिटाना होगा. करोड़ों कमाने वाले पुरुष क्रिकेटर्स से तुम कतई कम नहीं हो अब ये क्रिकेट के कर्ताधर्ताओं को मानना ही होगा. 

हम उम्मीद करते हैं कि क्रिकेट टीम की गुनमान लड़कियों को उनकी पहचान मिलेगी. उम्मीद करते हैं कि ये जश्न सिर्फ़ एक दिन एक हफ्ते का नहीं होगा बल्कि लगातार जारी रहेगा. हमें याद रखना होगा कि लड़कियों को हम सिर्फ़ आदर्शवाद के लिए ही प्रोत्साहित ना करें बल्कि सच में उन्हें एप्रीशिएट करें. 

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उम्मीद है कि जिसने भी इन 11 लड़कियों को इग्लैंड में खेलते देखा होगा कम से कम वो तो लड़कियों को बोझ नहीं मानेगा. जिसने भी इन लड़कियों का हौसला बढ़ाया होगा कम से कम वो तो कोख में किसी बेटी का कत्ल नहीं करेगा. हालांकि उम्मीद कुछ ज्यादा कर रही हूं क्योंकि लोग बहुत जल्द भूल जाते हैं लेकिन फिर भी उम्मीद ही हमें हौसला देती है कि हम हारेंगे नहीं कभी.

उम्मीद है कि भारत लौटने पर तुम्हारा स्वागत ढोल नगाड़ों के साथ होगा क्योंकि तुमने फाइनल हारा है लेकिन तुमने हम सबको जीत लिया है. जो लोग एक टकटकी लगाए फाइनल देख रहे थे वो आगे भी तुम्हारा हौसला बढाएंगे. 

लड़कियों मुबारक हो तुमने एक बार फिर लड़कों से कमज़ोर समझने वालों को आइना दिखाया है. लड़कियों मुबारक हो तुमने अपना मुक़ाम खुद हासिल किया है. लड़कियों हमें तुम पर नाज़ है, तुम पर देश गर्व कर रहा है. 

(लेखिका वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक विषयों पर टिप्पणीकार हैं)

(डिस्क्लेमर: इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)

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