मुक्केबाजी को ओलंपिक में शामिल करने के लिए सबकुछ कर रहे हैं: AIBA अध्यक्ष
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मुक्केबाजी को ओलंपिक में शामिल करने के लिए सबकुछ कर रहे हैं: AIBA अध्यक्ष

रहिमोव खुद आईओसी के विवादित मुद्दों में शामिल हैं क्योंकि वह अमेरिका की ट्रेजरी डिपार्टमेंट लिस्ट में शामिल हैं जिन्होंने उन पर संगठित अपराध माफिया से संबंध का आरोप लगाया है.

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने एआईबीए को फंड देना बंद कर दिया है है. (PHOTO: AIBA website)

नई दिल्ली. परेशानियों से जूझ रही अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के अंतरिम अध्यक्ष गाफूर रहिमोव मानते हैं कि खेल को ओलंपिक से बाहर किये जाने की धमकी ‘चुनौतीपूर्ण क्षण’ है लेकिन वह यह भी कहते हैं कि संस्था आईओसी का भरोसा हासिल करने के लिए पुरजोर कोशिशों में जुटी है.

रहिमोव ने ईमेल साक्षात्कार में उन कई मुद्दों पर बात की जिसका एमेच्योर मुक्केबाजी संचालन संस्था को सामना करना पड़ रहा है जिसकी हालत पिछले कुछ समय में काफी खस्ता है. मुक्केबाजी को 2020 टोक्यो ओलंपिक के कार्यक्रम से हटाए जाने के संबंध में जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एआईबीए के शीर्ष अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि हमारे हितधारकों - विशेषकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) का भरोसा फिर से हासिल करने में सब प्रयास किये जाएं.

उन्होंने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण क्षण है, मैं और एआईबीए के नेतृत्वकर्ता अपने खेल की लगातार प्रगति के लिये प्रतिबद्ध हैं और इसका उदाहरण हमारा नई आधार योजना को स्वीकृति देना है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने एआईबीए को फंड देना बंद कर दिया है जिससे इसके प्रशासन और नैतिक और वित्तीय प्रबंधन संबंधित चिंताएं पैदा हो गई हैं. रहिमोव ने कहा कि हमने इस प्रक्रिया का स्वागत किया और इसे मजबूत संस्था बनाने के मौके के रूप में लिया. हमारा मानना है कि हाल के दिनों में संस्था के सभी पहलूओं में काफी प्रगति हुई है.

आईओसी ने चेतावनी दी है कि एआईबीए अगर अपने सभी पहलूओं का हल निकालने में विफल रहता है तो मुक्केबाजी को टूर्नामेंट के बड़े मंच से हमेशा के लिए हटा दिया जाएगा. मुक्केबाजी स्पर्धा को 1904 खेलों के शुरू होने के बाद से हर ओलंपिक में रखा गया है, सिर्फ 1912 स्टॉकहोम में ही यह शामिल नहीं थी. उस वक्त ओलंपिक से बाहर होने का एकमात्र कारण स्वीडन का कानून रहा था जिसने उस समय खेल को प्रतिबंधित कर दिया था.

पिछले महीने आईओसी ने एआईबीए को कार्यकारी बोर्ड की बैठक के बाद कहा था कि वह सुधारों में कदम बढ़ा रहा है लेकिन अभी उसे इसमें काफी दूरी तय करनी है. रहिमोव ने कहा कि आईओसी का जहां तक संबंध हैं, हम उनसे लगातार चर्चायें कर रहे हैं. हमें हाल में आईओसी कार्यकारी बोर्ड का स्पष्टीकरण मिला और हम उन चिंताओं को भी दूर करने के लिये काम करेंगे जो उन्होंने उठायी हैं.

रहिमोव खुद आईओसी के विवादित मुद्दों में शामिल हैं क्योंकि वह अमेरिका की ट्रेजरी डिपार्टमेंट लिस्ट में शामिल हैं जिन्होंने उन पर संगठित अपराध माफिया से संबंध का आरोप लगाया है. लेकिन उनका नाम उनके ही देश उज्बेकिस्तान में भी इसी तरह की सूची से हटाया गया है और यह 67 साल का व्यवसायी अमेरिका में भी इस कलंक को हटाने के लिये कानूनी लड़ाई लड़ रहा है और उनका कहना है कि उनके खिलाफ लगे आरोप झूठे हैं.

वह 1998 से एआईबीए के उपाध्यक्ष के तौर पर काम रहे थे और पिछले साल ही इस वह शीर्ष पद पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता मुक्केबाजी है. मैं सचमुच मुक्केबाजी को पसंद करता हूं और एआईबीए किसी भी तरह की चुनौती से पार पा लेगा और मैं प्रतिबद्ध हूं कि मैं अपना जीवन इस खेल को समर्पित करना जारी रखूंगा.

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