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नई दिल्लीः रियो ओलंपिक की कांस्य पदकधारी साक्षी मलिक सहित तीन महिला पहलवानों ने आज यहां एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप के अपने वजन वर्गों में रजत पदक जीता. तीनों भारतीय महिला पहलवान जापान की प्रतिद्वंदियों से हार गईं, जो उनके लिये काफी मजबूत साबित हुईं. साक्षी (60 किग्रा) और दिव्या ककरान (69 किग्रा) हालांकि स्वर्ण पदक के मुकाबले में छह मिनट की पूरी बाउट भी नहीं खेल सकीं जबकि विनेश फोगाट (55 किग्रा) ने हारने से पहले कड़ी चुनौती पेश की.
लय में नहीं दिखीं साक्षी
ओलंपिक के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में वापसी कर रही साक्षी लय में नहीं दिखी और उन्हें रियो ओलंपिक के 63 किग्रा वर्ग की स्वर्ण पदक विजेता जापान की रिसाकी कवाई के खिलाफ दो मिनट और 44 सेकेंड में ही 10-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा. पिछले साल रियो में कांस्य पदक के साथ ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचने वाली साक्षी जापान की अपनी मजबूत प्रतिद्वंद्वी को कोई चुनौती नहीं दे पाई. वजन वर्ग बढ़ाने के बाद 58 किग्रा की जगह पहली बार 60 किग्रा वर्ग में हिस्सा ले रही साक्षी को फाइनल तक के सफर के दौरान बामुश्किल पसीना बहाना पड़ा.
Was away from game for some time,now getting in the rhythm and will hopefully perform even better in world championships: Sakshi Malik pic.twitter.com/T6MZEJ4KiC
— ANI (@ANI_news) May 12, 2017
साक्षी ने माना कर सकती थी इससे बेहतर प्रदर्शन
चौबीस साल की साक्षी ने क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान की नबीरा एसेनबाएवा को 6-2 से हराने के बाद सेमीफाइनल में अयाअुलिम कासीमोवा को 15-3 से हराकर फाइनल में जगह बनाई. साक्षी ने पदक समारोह के बाद कहा, ‘‘कवाई बहुत ही अनुभवी पहलवान है और ओलंपिक स्वर्ण पदकधारी है. यह मेरे लिये काफी अच्छा सीखने वाला अनुभव रहा. मैं खुश हूं कि रियो ओलंपिक और शादी के बाद वापसी के बाद मैंने रजत पदक अपने नाम किया. हालांकि मुझे लगता है कि मैं इससे बेहतर कर सकती थी. ’’
चोट के बाद शानदार वापसी से खुश हुई विनेश
विनेश भी चोट के कारण काफी लंबे समय बाद वापसी कर रही हैं, उन्होंने शुरू में जापानी पहलवाना साई नानजो को चुनौती दी लेकिन अंत में उन्हें 4-8 से हारकर दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. उन्होंने क्वार्टरफाइनल में उज्बेकिस्तान की सेवारा एशमुरातोवा को 10-0 से और सेमीफाइनल में चीन की कि झांग को 4-0 से पराजित कर स्वर्ण पदक दौर में प्रवेश किया था. विनेश हालांकि आमतौर पर 48 किग्रा या 53 किग्रा में भाग लेती हैं लेकिन उन्हांने एशियाई चैम्पियनशिप में 55 किग्रा में भाग लेने का फैसला किया.
I am happy that I have recovered well from the injury and have finished on the podium: Vinesh Phogat #AsianWrestlingChampionship pic.twitter.com/4KzyG6r1Mh
— ANI (@ANI_news) May 12, 2017
उन्होंने कहा कि इस वजन वर्ग में रजत पदक जीतकर वह खुश हैं. पिछले साल के रियो ओलंपिक के बाद वापसी करने वाली विनेश ने यह भी साफ किया कि वह अपने 48 किग्रा वर्ग में वापसी करेंगी, उन्होंने कहा, ‘‘55 किग्रा वर्ग में भाग लेना और रजत पदक जीतना संतोषजनक है. मैं वापसी कर खुश हूं. ’’
दिव्या को एकतरफा मुकाबले में मिली पराजय
दिव्या तीसरी भारतीय महिला पहलवान रहीं जिन्हें रियो खेलों की स्वर्ण पदकधारी जापान की सारा दोशो से हार का मुंह देखना पड़ा. उन्हें एकतरफा मुकाबले में चार मिनट 55 सेकेंड में 0-8 से पराजय मिली. उन्होंने सुबह के सत्र में ताइपे की चेन ची को मैट पर गिराकर 2-0 से हराया और फिर सेमीफाइनल में कोरिया की हियोनयोंग पार्क को 12-4 से शिकस्त दी.
रितु फोगाट ने जीता कांस्य पदक
Asian Wrestling Championship-India's Ritu Phogat wins Bronze in 48kg category,after Chinese opponent Sun Yanan gives her a walkover(FilePic) pic.twitter.com/pCLmi8L2t4
— ANI (@ANI_news) May 12, 2017
रितु फोगाट को महिला 48 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक मिला क्योंकि उनकी प्रतिद्वंदी चीन की सुन यनान ने चोट के कारण तीसरे स्थान के प्ले आफ से हटने का फैसला किया. रितु फोगाट को हालांकि महिला 48 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में जापान की युई सुसाकी के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी. उन्होंने क्वालीफिकेशन दौर में मंगोलिया की नारांगेरेल अर्देनसुख को क्वालीफिकेशन दौर में 11-4 से जबकि क्वार्टरफाइनल में कोरिया की यिओ जिन किम को मात दी थी. पिंकी हालांकि एकमात्र भारतीय रहें जिन्हें महिला 53 किग्रा वर्ग क्वार्टर फाइनल में ही हार का सामना करना पड़ा.