BCCI एसजीएम: लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने के पक्ष में राज्य संघ
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BCCI एसजीएम: लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने के पक्ष में राज्य संघ

उच्चतम न्यायालय ने एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह जैसे अधिकारियों को अयोग्य घोषित किया है लेकिन इसके बावजूद उनके कुछ वफादार व्यवधान पैदा कर सकते हैं हालांकि उनकी संख्या बहुत कम है.

कोर्ट ने एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह जैसे अधिकारियों को अयोग्य घोषित किया है. (FILE PHOTO)

नई दिल्ली: बीसीसीआई की विशेष आमसभा (एसजीएम) का आयोजन गुरुवार को किया जाएगा जिससे पहले संकेत मिले हैं कि अधिकतर राज्य संघ गतिरोध दूर करने के लिए लोढ़ा समिति के सुधारों को आंशिक रूप से लागू करने के पक्ष में हैं. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उच्चतम न्यायालय बीसीसीआई की उस याचिका पर 18 अगस्त को सुनवाई करेगा जिसमें उसने कुछ सिफारिशों को लागू करने में असमर्थता जताई थी. उच्चतम न्यायालय ने एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह जैसे अधिकारियों को अयोग्य घोषित किया है लेकिन इसके बावजूद उनके कुछ वफादार व्यवधान पैदा कर सकते हैं हालांकि उनकी संख्या बहुत कम है. बीसीसीआई पदाधिकारियों को खुशी हैं कि उच्चतम न्यायालय उन कुछ सुधारों पर उनकी बात सुनने के लिये तैयार है जिन्हें लागू करने में उन्हें व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं.

सर्वोच्च न्यायालय ‘एक राज्य एक मत’ और राष्ट्रीय चयन समिति की सदस्य संख्या कम करने के मसलों पर सुनवाई करेगा. बीसीसीआई शुरू से कहता रहा है कि उसके लिये इन्हें लागू करना संभव नहीं है. इस बीच पता चला है कि अधिकतर सदस्य इस पक्ष में हैं कि आमसभा सुधारों को आंशिक तौर पर स्वीकार करने का इरादा रखती है जिससे प्रशासकों की समिति (सीओए) और शीर्ष अदालत के पास भी सकारात्मक संकेत जाएंगे.

एक राज्य इकाई के अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि देखिये उच्चतम न्यायालय ने यह कहकर कि वह कुछ विवादास्पद मसलों पर फिर से सुनवाई करेगा, हमारे लिये नई उम्मीद जगायी है. उन्होंने बीसीसीआई को निर्देश दिये हैं वे जितने संभव हों उतने सुधारों को लागू करें. उच्चतम न्यायालय की इस मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी और तब उन्हें यह पता होना चाहिए कि हमने अधिकतर सुधार स्वीकार कर लिये हैं. 

एसजीएम के एजेंडे का अन्य विषय डेलोइट रिपोर्ट होगी जो धन वितरण नीति से जुड़ी है. बोर्ड कंपनी से अपनी प्रस्तुति देने के लिये कह सकता है. इसके अलावा लोकपाल की नियुक्ति, बीसीसीआई की हितों के टकराव की नियमावली को औपचारिक मंजूरी देना आदि भी एजेंडा का हिस्सा हैं.

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