सीरीज में वापसी पर भारत की निगाहें, ऑस्ट्रेलिया चाहेगा श्रृंखला जीतना
Advertisement

सीरीज में वापसी पर भारत की निगाहें, ऑस्ट्रेलिया चाहेगा श्रृंखला जीतना

लगातार दो मैचों में हार और ड्रेसिंग रूम में बने असहज माहौल से बैकफुट पर खड़ी भारतीय टीम 26 दिसंबर से यहां आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में जीत दर्ज करके श्रृंखला जीवंत बनाये रखने की कोशिश करेगी। आस्ट्रेलिया अभी चार मैचों की श्रृंखला में 2-0 से आगे है और केवल ड्रा कराने से वह बोर्डर गावस्कर ट्राफी हासिल कर लेगा जबकि भारत को ट्राफी अपने पास बनाये रखने के लिये बाकी बचे दोनों मैच जीतने होंगे। ट्राफी के अलावा भारत विदेशी सरजमीं पर एक और श्रृंखला में हार से बचने की कोशिश करेगा। एक ऐसी स्थिति से जिससे महेंद्र सिंह धोनी की टीम आदी हो चुकी है।

सीरीज में वापसी पर भारत की निगाहें, ऑस्ट्रेलिया चाहेगा श्रृंखला जीतना

मेलबर्न: लगातार दो मैचों में हार और ड्रेसिंग रूम में बने असहज माहौल से बैकफुट पर खड़ी भारतीय टीम 26 दिसंबर से यहां आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में जीत दर्ज करके श्रृंखला जीवंत बनाये रखने की कोशिश करेगी। आस्ट्रेलिया अभी चार मैचों की श्रृंखला में 2-0 से आगे है और केवल ड्रा कराने से वह बोर्डर गावस्कर ट्राफी हासिल कर लेगा जबकि भारत को ट्राफी अपने पास बनाये रखने के लिये बाकी बचे दोनों मैच जीतने होंगे। ट्राफी के अलावा भारत विदेशी सरजमीं पर एक और श्रृंखला में हार से बचने की कोशिश करेगा। एक ऐसी स्थिति से जिससे महेंद्र सिंह धोनी की टीम आदी हो चुकी है।

आस्ट्रेलिया ने एडिलेड में पहला टेस्ट मैच में 48 रन और ब्रिस्बेन में दूसरा मैच चार विकेट से जीता और वह मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में बोर्डर गावस्कर ट्राफी अपने नाम कर सकता है। भारत ने 2011-12 में इंग्लैंड दौरे से लेकर अब तक विदेशों में पिछली पांच टेस्ट श्रृंखलाएं गंवायी हैं। इससे पहले ऐसा तब हुआ था जबकि भारतीय टीम कमजोर मानी जाती थी और उसने टेस्ट क्रिकेट में खेलना ही शुरू किया था। भारत ने इंग्लैंड में 1932 में अपने पहले विदेशी दौरे से लेकर विदेशी धरती पर लगातार छह टेस्ट श्रृंखलाएं गंवायी थी। इस बीच टीम ने 21 मैचों में 12 में हार झेली थी। लेकिन तब से भारतीय क्रिकेट में काफी बदलाव आ गया है और अब वह किसी भी तरह से कमजोर टीम नहीं रही। भारत ने सीमा रेखा से बाहर क्रिकेट पर पूरी तरह से दबदबा बना रखा है। भारत को अब हर तरह की परिस्थिति में मैदान के अंदर भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए। पिछले चार सत्रों में हालांकि परिणाम अपेक्षानुरूप नहीं रहे।

दक्षिण अफ्रीका से लेकर न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में प्रत्येक चरण भारतीय खिलाड़ियों के लिये सीखने के लिहाज से महत्वपूर्ण रहे। टीम प्रबंधन कई बार दावा करता रहा है कि वे अब टीमों को विदेशों में चुनौती देने के लिये तैयार हैं लेकिन लार्डस की जीत को छोड़ दिया जाए तो फिर किसी तरह का बदलाव देखने को नहीं मिला। आस्ट्रेलिया पहुंचने पर भारतीय टीम ने कुछ अलग हटकर करने की कोशिश की। उसने मैदान पर अपने आक्रामक तेवर दिखाये। श्रृंखला के पहले दिन स्वर्गीय फिलिप ह्यूज को समर्पित रहे और खेल पर भावनाएं हावी रहीं लेकिन इसके बाद परिस्थितियां बदल गयी। विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, मुरली विजय और इशांत शर्मा ने एडिलेड और ब्रिस्बेन में अलग अलग समय पर अपना आपा खोया।

आस्ट्रेलियाई टीम की तरफ से डेविड वार्नर और मिशेल जानसन ने तीखी टिप्पणियां की। इस जंग में हालांकि उनका पलड़ा भारी रहा क्योंकि उन्होंने अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी। भारत जब बाक्सिंग डे पर मैदान पर उतरेगा तो खिलाड़ी अपने आक्रामक इरादों का खुलकर प्रदर्शन करने से बचना चाहेंगे। इसके बजाय वे अपने काम पर ध्यान देने की कोशिश करेंगे। टेस्ट मैच के पहले दिन यहां दर्शकों के काफी संख्या में पहुंचने की संभावना है और यह भी भारतीयों के लिये एक परीक्षा होगी। कुछ भी अनहोनी लोगों को ध्यान खींच सकती है और घरेलू टीम को उनका भारी समर्थन मिल सकता है। ब्रिस्बेन में बेकार अभ्यास पिचों और खाने की उचित व्यवस्था की शिकायत करने के बाद भारतीय टीम का मजाक भी उड़ाया जा रहा है। उन्हें खुद को इससे उबारने के लिये मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

टीम प्रबंधन को हालांकि एक बड़े सवाल से भी निबटना होगा। उन्हें सलामी बल्लेबाज के रूप में धवन के खराब प्रदर्शन पर गौर करना होगा। भले ही उन्होंने गाबा में दूसरी पारी में अर्धशतक बनाया लेकिन इसके अलावा उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। ऐसे में देखना होगा कि क्या के एल राहुल को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिलता है या नहीं। इसके अलावा एक और सवाल है कि क्या रोहित शर्मा को एक और मौका मिलेगा? कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इस बल्लेबाज से काफी प्रभावित रहे हैं लेकिन चार पारियों में 43, 6, 32 और शून्य का स्कोर उनकी प्रतिभा के अनुरूप नहीं रहा।

भारत ने इंग्लैंड में जब पांच गेंदबाजों के साथ उतरने की रणनीति अपनायी थी और तब रोहित को मौका नहीं मिला था। क्या वे फिर से ऐसी नीति अपनाएंगे या फिर से सुरेश रैना को मौका देंगे जो स्पिन गेंदबाजी भी कर सकते हैं। गुरूवार को भारतीय टीम के अभ्यास सत्र को देखकर लगता है कि टीम में कुछ बदलाव किये जा सकते हैं। राहुल ने बल्लेबाजी की और शार्ट लेग पर क्षेत्ररक्षण किया जैसा कि शुरूआती मैच खेलने वाले खिलाड़ी करते हैं। रैना ने नेट्स पर रोहित से पहले बल्लेबाजी की। उन्होंने कैच का अभ्यास भी किया जबकि रोहित ने क्षेत्ररक्षण सत्र में हिस्सा नहीं लिया। गेंदबाजों में इशांत शर्मा, उमेश यादव, मोहम्मद शमी और वरूण आरोन ने गेंदबाजी का अच्छा अभ्यास किया। जहां तक भुवनेश्वर कुमार की बात है तो वह भले ही फिट हैं और उन्होंने गेंदबाजी शुरू कर दी है लेकिन टीम इस मैच में उनको लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। जारी

जो बर्न्‍स को भी चोटिल मिशेल मार्श की जगह छठे नंबर पर पदार्पण का मौका मिलेगा जबकि रेयान हैरिस को मिशेल स्टार्क के स्थान पर टीम में रखा गया है। खराब फार्म में चल रहे शेन वाटसन और ब्रैड हैडिन ने भी अपना स्थान बरकरार रखा है।

टीमें इस प्रकार हैं - आस्ट्रेलिया ( स्टीवन स्मिथ ) कप्तान , डेविड वार्नर, क्रिस रोजर्स, शेन वाटसन, शान मार्श, जो बर्न्‍स, ब्रैड हैडिन ( विकेटकीपर ), मिशेल जानसन, रेयान हैरिस, नाथन लियोन और जोश हेजलवुड।

भारत ( महेंद्र सिंह धोनी)  कप्तान एवं विकेटकीपर , शिखर धवन, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, सुरेश रैना, रिद्धिमान साहा, रविंद्र जडेजा, आर अश्विन, कर्ण शर्मा, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, वरूण आरोन, उमेश यादव, धवल कुलकर्णी, के एल राहुल और नमन ओझा में से। मैच भारतीय समयानुसार सुबह पांच बजे शुरू होगा।

 

Trending news