कैग ने 15 करोड़ के ‘निरर्थक’ खर्च के लिए साइ को लताड़ा
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कैग ने 15 करोड़ के ‘निरर्थक’ खर्च के लिए साइ को लताड़ा

भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (कैग) ने देश में दो अलग- अलग परियोजनाओं पर 15 करोड़ से अधिक का ‘निरर्थक’ खर्च करने और उचित नियोजन के अभाव में बुनियादी ढांचे को ‘निष्क्रिय बनाये रखने’ के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण को आड़े हाथों लिया है।

नई दिल्ली : भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (कैग) ने देश में दो अलग- अलग परियोजनाओं पर 15 करोड़ से अधिक का ‘निरर्थक’ खर्च करने और उचित नियोजन के अभाव में बुनियादी ढांचे को ‘निष्क्रिय बनाये रखने’ के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण को आड़े हाथों लिया है।

कैग ने कहा है कि साइ ने झारखंड के हजारीबाग में 2001 में एक उप केंद्र बनाने को मंजूरी दी थी लेकिन इस पर 14 करोड़ 15 लाख रूपये खर्च करने के बावजूद इसे चालू नहीं किया जा सका। नक्सल प्रभावित इलाके में होने के कारण इसे राज्य सरकार से सुरक्षा मंजूरी नहीं मिल सकी। राज्य सरकार ने हजारीबाग के पद्म गांव में इस उप केंद्र को बनाने के लिये 47.5 एकड़ जमीन दी थी जिसमें आदिवासी युवाओं को विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण दिया जाना था।

संसद में शुक्रवार को रखी गई रिपोर्ट में कहा, ‘साइ ने जुलाई अगस्त 2003 में 15.66 करोड़ रूपये के प्रारंभिक बजट को मंजूरी दी थी। इस परियोजना के पूरे होने की समय सीमा दिसंबर 2004 थी। एनबीसीसी ने दिसंबर 2003 में काम शुरू किया और मई 2008 में काम पूरा हुआ। इस पर 14.15 करोड़ रूपये खर्च होने के बाद साइ ने जून 2010 में इसे अपने आधिपत्य में लिया।’ 

इसमें कहा गया, ‘आडिट में पता चला कि उप केंद्र राज्य सरकार से सुरक्षा मंजूरी नहीं मिलने के कारण अभी तक चालू नहीं हो सका है और दिसंबर 2014 से निष्क्रिय पड़ा है।’

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