धोनी ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, अपने आलोचकों को दिया करारा जवाब
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धोनी ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, अपने आलोचकों को दिया करारा जवाब

न्यूजीलैंड के साथ दूसरे टी20 मैच के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने आलोचकों के निशाने पर आ गए थे . 

फाइल फोटो

दुबई : न्यूजीलैंड के साथ दूसरे टी20 मैच के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने आलोचकों के निशाने पर आ गए. टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज अजित आगरकर ने इस फॉर्मेट से उनकी विदाई की बात कहते हुए टीम मैनेजमेंट से उनका विकल्प तलाशने को कहा था. इसके बाद से ही क्रिकेट जगत दो खेमों में बंट गया. कुछ लोगों ने जहां धोनी को इस फॉर्मेट से संन्यास लेने की सलाह दे डाली तो कुछ धोनी के समर्थन में खड़े नजर आए.

  1. न्यूजीलैंड के साथ दूसरे टी20 के बाद उठी मांग
  2. आगरकर और लक्ष्मण ने की थी विकल्प तलाशने की मांग
  3. दुबई में धोनी ने दिया इस सवाल का जवाब

अब इस मुद्दे पर पहली बार खुद महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. धोनी अपनी क्रिकेट अकादमी के शुभारंभ मौके पर दुबई पहुंचे थे. जब उनसे इस बारे में यह सवाल किया गया तो धोनी ने कहा हर व्यक्ति के जीवन का अपना अपना  नजरिया होता है.

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जब धोनी से अगरकर की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी के जीवन के बारे में अपने विचार होते हैं और इनका सम्मान किया जाना चाहिए.’ धोनी ने युवा भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर 2007 में शुरूआती विश्व टी20 कप और 2011 वनडे विश्व कप जीता. भारतीय टीम राजकोट में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 40 रन से हार गयी जिसमें धोनी बल्लेबाजी में जूझते दिखे जिसके बाद उनके संन्यास को लेकर सवाल खड़े हुए.

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इस 36 वर्षीय दिग्गज किकेटर को हालांकि लगता है उनमें अब भी भारतीय टीम की जर्सी पहनने का जज्बा है. उन्होंने कहा, ‘सबसे बड़ी प्रेरणा भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा होना है. आपने ऐसे क्रिकेटर भी देखे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से मुकाम हासिल किया है, लेकिन फिर भी वे बहुत आगे तक पहुंचे हैं. ऐसा उनके जुनून की वजह से हुआ है.  कोचों को उन्हें ढूंढने की जरूरत है. हर कोई देश के लिये नहीं खेलता.’ धोनी यहां अपनी वैश्विक क्रिकेट अकादमी को लांच करने के लिये यहां पहुंचे थे, उन्होंने दुबई की पैसिफिक वेंचर्स के साथ मिलकर अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय अकादमी ‘एम एस धोनी क्रिकेट अकादमी’ का उद्घाटन किया.

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उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमेशा ही माना है कि नतीजों से अहम प्रक्रिया होती है. मैंने कभी भी परिणाम के बारे में नहीं सोचा, मैंने हमेशा यही सोचा कि उस समय क्या करना ठीक होगा, भले ही तब 10 रन की जरूरत हो, 14 रन की जरूरत हो या फिर पांच रन की जरूरत हो.’ धोनी ने कहा, ‘‘मैं इस प्रक्रिया में ही इतना शामिल रहा कि मैंने कभी भी इस बात का बोझ नहीं लिया कि तब क्या होगा, अगर नतीजे मेरे हिसाब से नहीं रहे.’ उनके ट्रेडमार्क हेलीकाप्टर शॉट के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि वह नहीं चाहेंगे कि कोई युवा इस तरह के शाट का इस्तेमाल करे, क्योंकि इसमें चोटिल होने की संभावना ज्यादा है.

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धोनी ने कहा, ‘यह ऐसी चीज है जो मैंने सड़क पर टेनिस गेंद से क्रिकेट खेलने के दौरान सीखी है. यह मुश्किल है. टेनिस गेंद से क्रिकेट खेलने से बल्ले के निचले हिस्से भी गेंद हिट हो जाती है और काफी दूर तक जाती है, लेकिन सामान्य क्रिकेट में इसे बल्ले के मध्य में होना चाहिए, इसलिये इसमें मेहनत की जरूरत होती है. मैं नहीं चाहता कि वे हेलीकाप्टर शाट खेलें, क्योंकि इससे वे चोटिल हो सकते हैं.’ धोनी ने भारत के 2014-15 में आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और इसके बाद उन्होंने 2016 में सीमित ओवर की टीम कप्तानी भी छोड़ दी थी, जिसके बाद विराट कोहली ने खेल के तीनों प्रारूपेां में भारतीय टीम की कप्तानी संभाली.

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