INDvsENG: साउथम्पटन में जीत के लिए ये होंगी टीम इंडिया के सामने चुनौतियां
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INDvsENG: साउथम्पटन में जीत के लिए ये होंगी टीम इंडिया के सामने चुनौतियां

टीम इंडिया को नॉटिंघम टेस्ट में जीत का मनोवैज्ञानिक लाभ साउथम्पटन में जरूर मिलेगा, लेकिन विराट कोहली के सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं.

विराट कोहली के लिए साउथम्टन टेस्ट आसान नहीं होने वाला है. (फोटो : PTI)

नई दिल्ली: इंग्लैंड दौरे में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में पहले दो टेस्ट मैच हारने के बाद नॉटिंघम टेस्ट में टीम इंडिया की वापसी के बाद टीम के हौसले बुलंद हैं. अब टीम इंडिया इस सीरीज में 1-2 से पीछे चल रही है. इस जीत से टीम इंडिया ने साबित किया है कि वह विदेशी पिच पर कमजोर बल्लेबाजी अब बीती बात हो गई है. टीम ने नॉटिंघम टेस्ट की दोनों पारियों में 300 से ज्यादा रन बनाकर साबित कर दिया है कि अब टीम इंडिया काफी बेहतर टीम बन कर उबर रही है.

  1. अगला टेस्ट मैच साउथएम्पटन में होगा दोनों टीमों के बीच
  2. 2-1 से आगे चल रही है इंग्लैड की टीम से अभी
  3. इंग्लैंड पर तीसरे टेस्ट में हासिल की थी 203 रनों से जीत

अब इस सीरीज के बाकी दो मैच टीम इंडिया के लिए कड़ा इम्तिहान होंगे. ये सच है कि नॉटिंघम में टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है लेकिन विराट कोहली इस बात को अच्छी तरह से समझ रहे होंगे कि उनके सामने चुनौतियां अभी कम नहीं हैं. इस मैच में इंग्लैंड की हार के बाद  इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमजोरियां उजागर हुईं थी लेकिन ऐसा नहीं है कि टीम की पूरी बल्लेबाजी ही कमजोर हो गई. तीसरे मैच में इंग्लैंड के मध्यक्रम ने एक बढ़िया मजबूती दिखाई. 

1 सबसे जरूरी चुनौती टीम इंडिया की गेंदबाजी
जीहां, टीम इंडिया की गेंदबाजी बेशक इस समय बेहतरीन हो लेकिन उसके लिए इस सीरीज में काफी कुछ करने की गुंजाइश है. पहले बात करें गेंदबाजी में सुधार की जरूरत क्यों. सब जानते हैं कि टीम इंडिया के गेंदबाज अगर नॉटिंघम टेस्ट की पहली पारी में सस्ते में आउट नहीं कर पाते तो मैच का परिणाम दूसरा भी हो सकता था. नॉटिंघम में चौथे दिन इंग्लैंड की टीम को समेट न पाना, लॉर्ड्स में भी इंग्लैंड के निचले क्रम को आउट करने में देरी, ऐसी बातें जिनका तोड़ भारतीय गेंदबाजों को निकालना ही होगा वरना भारत नजदीकी मैच गंवा दे तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए. भारत के गेंदबाजी कोच, भरत अरुण इसे अच्छी तरह से समझ रहे होंगे. वहीं यह भी साफ है कि पिच और मौसम का फायदा उठाने में इंग्लैंड के गेंदबाज टीम इंडिया के गेंदबाजों से एक कदम आगे हैं.  

2 टीम इंडिया की बल्लेबाजी में भारी सुधार की गुंजाइश
इसमें कोई शक नहीं कि नॉटिंघम में भारतीय बल्लेबाजों ने दोनों ही पारियों में 300 से ज्यादा रन बनाने में कामयाबी हासिल की, लेकिन अभी भी टीम की बैटिंग में सुधार की बहुत गुंजाइश है कौन मानेगा कि अब टीम इंडिया कि विराट कोहली पर निर्भरता खत्म हो गई है. अभी भी केएल राहुल वह आत्मविश्वास दिखा पाने में कामयाब नहीं रहे हैं जिसके लिए वे जाने जाते हैं. शिखर धवन अपनी पारियों को लंबा खींचने में नाकाम रहे हैं जिसकी टीम को बहुत जरूरत है. केवल पुजारा और रहाणे ही कुछ सुधार दिखा पाए हैं. लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजी के कोच, संजय बांगर इन बातों से अनजान नहीं होंगे.

3 अभी तक इंग्लैंड की तेज गेंदबाजी का जवाब नहीं मिला है भारत को 
यहां सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं भारत की, खासकर बल्लेबाजों की रणनीति की बात अहम है. नॉटिंघम में ऐसा जरूर लगा कि टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को कुछ हद तक परेशान किया. इसके बाद भी अभी तक नई गेंद का सामना करने में भारत के सारे बल्लेबाजों को काम करने की बहुत काम करने की जरूरत है. आलम यह है कि विराट को छोड़ दें तो बाकी सारे भारतीय बल्लेबाजों की  कमजोरियों पर इंग्लैंड लगातार काम कर रही है. यह भारतीय बल्लेबाजों के आउट होने के तरीकों में समानता से जाहिर है. नॉटिंघम में इंग्लैंड की बल्लेबाजी भारतीय बल्लेबाजों से 19 ही नजर आई थी इस लिए टीम इंडिया के बल्लेबाजों की कमी छुप गई. लेकिन ऐसा नहीं कि भारतीय बल्लेबाज इंग्लैंड के गेंदबाजों को माकूल जवाब नहीं दे सकते. जरूरत इस बात की है कि विराट के अलावा कम से कम दो बल्लेबाज लंबी पारी खेल जाएं.

4 मौसम और पिच के मामले में भारत को आना होगा फ्रंट फुट पर
अब कोई भी टीम पिचों के मिजाज पर निर्भर होने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगी. टीम इंडिया की गेंदबाजी जिस तरह से दिन ब दिन धारदार होती जा रही है  इंग्लैंड की टीम चाहेगी वह बतौर एक टीम अपनी ताकत बढ़ाए न कि केवल टीम इंडिया की कमजोरी के भरोसे रहे. दूसरे और तीसरे टेस्ट में मौसम और पिच के मामले दोनों टीमों का साथ दिया है. लॉर्ड्स में जहां इंग्लैंड टीम ने इन हालातों का बखूबी फायदा उठाया था, वहीं तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन सुबह बारिश का फायदा टीम इंडिया के गेंदबाजों ने उठाया जो कि मैच के लिए निर्णायक साबित हुआ. ऐसे में अब टीमें मौसम और पिच के मिजाज के मुताबिक योजना नहीं बना सकतीं हां लेकिन अब दोनों टीमें इसके तैयार रहना जरूर चाहेंगी. अब टीम इंडिया को हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा और मौका मिले तो इंग्लैंड से बेहतर प्रदर्शन करना होगा. 

5 भारत का विश्वास ज्यादा और इंग्लैड का कम, इसका फायदा उठाना होगा टीम इंडिया को
साउथएम्पटन के चौथे टेस्ट में जब टीम इंडिया मैदान पर उतरेगी तब उसका विश्वास कुछ ज्यादा ही होगा जो कि इंग्लैंड पर भारी भी पड़ सकता है. कप्तान विराट कोहली पहले ही इंग्लैंड के लिए सरदर्द बने हुए हैं. बल्लेबाजों में, शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और हार्दिक पांड्या का विश्वास लौटता दिखाई दे रहा है. गेंदबाजों का प्रदर्शन चरम पर है. नॉटिंघम टेस्ट के चौथे दिन टीम इंडिया भले ही इंग्लैंड को आउट नहीं कर सकी लेकिन जिस तरह से तीन बार टीम ने वापसी की, उससे गेंदबाजों को एक अलग ही विश्वास मिला है. अब टीम को इस प्रदर्शन से आगे जाने की जरूरत है. 

इस सरीज का पहला मैच भारत आखिरी पारी में 194 रनों का पीछा करते हुए केवल 31 रनों से हार गया था. जबकि लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया को एक पारी और 159 रनों की करारी हार मिली थी.. इसके बाद टीम ने वापसी करते हुए इंग्लैंड को तीसरे टेस्ट में 203 रनों से मात दी. इस मैच में टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने बेहतर बल्लेबाजी की और दोनों ही पारियों में 300 से ज्यादा रन बनाए. वहीं भारतीय तेज गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में इंग्लैंड को केवल 161 रनों पर समेट दिया था. जिसके बाद इंग्लैंड मैच में वापसी नहीं कर सका. टीम इंडिया के लिए यह प्रदर्शन दोहराना एक चुनौती होगी. 

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