मोहाली में इतिहास रचने के बाद बोले रोहित, “मुझमें डिविलियर्स, गेल, और धोनी जैसी ताकत नहीं”
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मोहाली में इतिहास रचने के बाद बोले रोहित, “मुझमें डिविलियर्स, गेल, और धोनी जैसी ताकत नहीं”

रोहित शर्मा ने अपनी दोहरे शतक के बारे में बात करते हुए अपनी शैली के बारे में कहा कि उनमें एबी डिविलियर्स, क्रिस गेल और एमएस धोनी जैसी ताकत नहीं लेकिन वे सिर्फ “फील्डिंग के मैन्यूप्लेशन” पर ध्यान देते हैं.

रोहित शर्मा ने 12 छक्कों के शतक के बाद अपनी बल्लेबाजी की तकनीक के बारे में बात की (फाइल फोटो)

मोहाली : श्रीलंका के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड दोहरा शतक जमाने वाले रोहित शर्मा इन दिनों बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं. उनका बल्ला लगातार रन मशीन बनता जा रहा है और उनका खुद मानना है कि  उनके करियर में 2017 उनके लिये सर्वश्रेष्ठ वर्ष रहा. रोहित ने इस साल सात शतक (वनडे में छह और टेस्ट में एक) लगाये और पिछले साल नवंबर में जांघ के आपरेशन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार वापसी की.

  1. श्रीलंका के खिलाफ रोहित ने अपन दोहरे शतक में 12 छक्के लगाए
  2. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 16 छक्के लगा चुके हैं रोहित
  3. छक्का लगाने के मामले में ताकत से ज्यादा तकनीक पर निर्भर

रोहित ने अपने दोहरे शतक में 12 छक्कों मारे. एक मैच में सबसे ज्यादा छक्के मारने के मामले में वे क्रिस गेल और एबी डिविलियर्स के बराबर चल रहे हैं तीनों ने एक ही पारी में सबसे ज्यादा 16-16 छक्के मारे हैं. रोहित ने 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ  158 गेंदों पर 209 रन बनाते समय 16 छक्के लगाए थे.

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रोहित सबसे ज्यादा छक्के लगाने के मामले 162 छक्कों के साथ में नौवें स्थान पर हैं जिसमें केवल तीन भारतीय उनसे आगे है जिनमें एमएस धोनी, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली हैं. सबसे ज्यादा छक्कों के मामले में दुनिया में 351 छक्कों के साथ पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी ही हैं. उसके बाद श्रीलंका के सनद जयसूर्या 270 और फिर वेस्टइंडीज के क्रिस गेल 252 छक्कों के साथ तीसरे स्थान पर हैं. 
शायद रोहित को यही आंकड़े ही याद होंगे जब उन्होंने कहा कि उनमें एबी डिविलियर्स, क्रिस गेल और एमएस धोनी जैसी ताकत नहीं वे गेंद के प्लेसमेंट पर ज्यादा ध्यान देते हैं और “फिल्डिंग के मैन्युप्लेशन” पर ज्यादा निर्भर होते हैं. 

यह साल मेरे लिये सर्वश्रेष्ठ 
रोहित ने दूसरे वनडे में भारत की जीत के बाद कहा, ‘‘क्रिकेटर के तौर पर यह साल मेरे लिये सर्वश्रेष्ठ रहा. मैं गेंद को बहुत अच्छी तरह से हिट कर रहा हूं.’’ यह सलामी बल्लेबाज सीमित ओवरों की टीम का अहम सदस्य है लेकिन टेस्ट एकादश में अब भी उनकी जगह पक्की नहीं है लेकिन वह हमेशा यही सोचकर चलते हैं कि उन्हें प्रत्येक मैच खेलना है.

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रोहित ने कहा, ‘‘मैं खुद से कहता हूं कि अगर मौका मिलता है तो मुझे इसके लिये तैयार रहना होगा. पहले क्या हुआ उसका मुझे खेद नहीं है. भविष्य उज्ज्वल है. पिछले पांच छह महीनों में यही बात मेरे दिमाग में रही.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं टेस्ट मैचों के लिये तैयार रहना चाहता हूं. मैं जानता हूं कि हम कुछ अवसरों पर पांच गेंदबाजों तो कभी चार गेंदबाजों के साथ खेलते हैं और ऐसे संयोजन में कभी मुझे मौका मिल सकता है और कभी नहीं. मैं खुद को इस तरह से तैयार करता हूं कि मैं हर मैच में खेल रहा हूं. ’’ रोहित ने कहा, ‘‘मैं अपनी अच्छी शुरूआत को बड़ी पारी में बदलने की कोशिश कर रहा हूं. मैं जानता हूं कि हर समय ऐसा नहीं होगा लेकिन जब ऐसा होता है तो मैं उसका पूरा फायदा उठाना चाहता हूं. ’’

अभी ध्यान इसी सीरीज पर
पहली बार किसी श्रृंखला में कप्तान के तौर पर खेल रहे रोहित का ध्यान अभी दक्षिण अफ्रीकी श्रृंखला पर नहीं है जो अगले महीने शुरू होगी.उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन लोगों में शामिल हूं जो इतने आगे के बारे में नहीं सोचते इसलिए मैं इस पर बात नहीं करूंगा कि हमें दक्षिण अफ्रीका में क्या करना है. मुझे पहली बार कप्तान नियुक्त किया गया है और मैं केवल इस श्रृंखला के बारे में सोच रहा हूं. ’’

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