मयंक अग्रवाल पर भारी पड़े पृथ्वी शॉ के ये रिकॉर्ड, नहीं मिली टीम इंडिया में जगह
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मयंक अग्रवाल पर भारी पड़े पृथ्वी शॉ के ये रिकॉर्ड, नहीं मिली टीम इंडिया में जगह

मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ दोनों ओपनर हैं. टीम इंडिया में मुरली विजय के बाहर होने से ओपनिंग स्लॉट में एक जगह बनी, जिसमें पृथ्वी ने बाजी मार ली.

इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया में पृथ्वी शॉ को मिला मौका (PIC : PTI)

नई दिल्ली: मयंक अग्रवाल ने 25 अगस्त 2018 को इंडिया ए के खिलाफ बेंगलुरु में शतकीय पारी खेली. इसके साथ ही एक बार फिर उनके टीम इंडिया में नहीं चुने जाने की डिबेट छिड़ गई. क्रिकेट के कई दिग्गजों से लेकर मयंक के प्रशंसकों का मानना है कि उन्हें इंग्लैंड दौरे के आखिरी दो टेस्ट में मौका दिया जाना था. बहस का एक सिरा यह भी है कि मयंक ने डोमेस्टिक क्रिकेट में पृथ्वी शॉ और हनुमा विहारी से ज्यादा रन बनाए हैं. ऐसे में टीम में उनकी जगह पहले बनती थी. हालांकि, आंकड़े कुछ और ही कहते हैं.

  1. टीम इंडिया में चुने गए पृथ्वी शॉ
  2. हनुमा विहारी को भी मिला मौका
  3. मयंक अग्रवाल का नहीं हुआ सलेक्शन

विजय की जगह पृथ्वी शॉ शामिल किए गए
भारत ने 22 अगस्त को तीसरा टेस्ट जीता. उसी दिन अगले दो टेस्ट के लिए भारतीय टीम की घोषणा हुई. ओपनर मुरली विजय को ड्रॉप कर पृथ्वी शॉ को शामिल किया गया. कुलदीप यादव की जगह भी बल्लेबाज हनुमा विहारी को दी गई. यह भी कहा गया कि हनुमा को कप्तान विराट कोहली के कवर के तौर पर शामिल किया गया है. कोहली को लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान पीठ में दर्द की शिकायत थी जिसकी वजह से वह 39 मिनट तक मैदान के बाहर रहे थे. 

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पृथ्वी-मयंक के बीच था मुकाबला
मयंक ओपनर हैं. पृथ्वी शॉ भी ओपनर हैं. टीम इंडिया में ओपनर के लिए सिर्फ एक जगह खाली थी, क्योंकि मुरली विजय को ड्रॉप किया गया. ऐसे में पृथ्वी और मयंक में से किसी एक को ही मौका दिया जा सकता था और दोनों खिलाड़ियों में से पृथ्वी को यह मौका दिया गया है. हनुमा तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं. इसलिए मयंक का सीधा मुकाबला पृथ्वी के साथ ही है. 

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फर्स्ट क्लास में पृथ्वी पड़े भारी 
पिछले 11 मैचों में पांच शतक जड़ चुके मयंक पर टीम में सलेक्शन के दौरान पृथ्वी शॉ के फर्स्ट क्लास मैचों के आंकड़े भारी पड़ गए. मयंक का फर्स्ट क्लास में 49.92 का औसत है. जबकि पृथ्वी शॉ औसत 56.72 का है. पृथ्वी  सात शतक और पांच अर्द्धशतक जमा चुके हैं. मयंक ने 42 फर्स्ट क्लास मैचों की 71 पारियों में 3245 रन बनाए हैं. इसमें उनका अधिकतम नाबाद 304 रन है. पृथ्वी शॉ ने 14 फर्स्ट क्लास मैचों की 26 पारियों में 1418 रन बनाए हैं. इसमें उनका अधिकतम 188 रन रहा है. 

लिस्ट ए के परफॉर्मेंस के कारण होता है कंफ्यूजन 
लिस्ट ए मैचों की बात करें तो मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ से कहीं आगे हैं. लिस्ट ए के 66 मैचों में मयंक 3291 रन बना चुके हैं, जिनमें उनका अधिकतम 176 रन रहा है. इन मैचों में मयंक के नाम 12 शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं. लिस्ट ए मैचों में मयंक का औसत 50.63 का है. वहीं, पृथ्वी की बात करें तो उन्होंने 19 लिस्ट ए मैचों की 19 पारियों में 651 रन बनाए हैं, जिसमें उनका अधिकतम 132 रन है. इसमें पृथ्वी के नाम 2 शतक और 3 अर्धशतक शामिल है. लिस्ट ए मैचों में पृथ्वी का औसत 34.26 का है. 

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डोमेस्टिक क्रिकेट के एक सीजन में 2000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज
अगस्त के शुरुआत में ही दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ मयंक अग्रवाल ने 220 रनों की शानदार पारी खेली. मयंक अग्रवाल घरेलू क्रिकेट के एक सीजन में 2000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज हैं. यह रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी भी नहीं बना पाए हैं.  

पिछले डोमेस्टिक सीजन में छाए रहे मयंक अग्रवाल
मयंक ने पिछले घरेलू सीजन में 32 पारियों में 2162 रन बनाए. उनका औसत 67.56 का रहा. रणजी ट्रॉफी 2017-18 में मयंक ने 13 पारियों में 105.45 की औसत से 1160 रन बनाए. वे टूर्नामेंट में एक हजार रन बनाने वाले अकेले बल्लेबाज थे. उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी की 8 पारियों में 723 रन बनाए. 

टी-20 में भी गरजा मयंक का बल्ला
इस ओपनिंग बल्लेबाज ने टी-20 सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी के 9 मैचों में 258 रन बनाए. इनमें तीन अर्द्धशतक शामिल हैं. उनका स्ट्राइक रेट 144.94 का रहा. लिस्ट ए टूर्नामेंट में मयंक ने विजय हजारे ट्रॉफी में 3 शतकों के साथ 723 रन बनाए. उनका स्ट्राइक रेट 107 का रहा.

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2008 में पहली बार सुर्खियों में आए थे मयंक 
अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी, 2008 में पहली बार मंयक अग्रवाल सुर्खियों में आए थे. उन्होंने 50 की औसत से 432 रन बनाए. अगले साल ही मयंक अग्रवाल ने होबर्ट में अंडर-19 में 160 रन की पारी खेली. 

प्रसाद ने कहा- मयंक से बात कर रहे हैं
कर्नाटक के मयंक अग्रवाल पिछले साल से ही लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन उन्हें नेशनल टीम में जगह नहीं मिल रही है. तब भी मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा था कि हम मयंक पर नजर रखे हुए हैं और उनसे बात भी कर रहे हैं. उन्हें मौका भी दिया जाएगा. इसके बाद कई सीरीज बीत गई लेकिन मयंक को मौका नहीं मिला.

मयंक अग्रवाल का खेल निरंतर आक्रामक और मजबूत होता जा रहा है, लेकिन चयनकर्ताओं की उन पर नजर नहीं पड़ रही है. इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि मयंक ओपनिंग बल्लेबाज हैं और इस स्लॉट के लिए भारत के पास शिखर धवन, रोहित शर्मा, मुरली विजय, केएल राहुल जैसे खिलाड़ी हैं.

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