माइकल होल्डिंग ने कहा: लारा की बातों में कोई दिलचस्पी नहीं, और होगी भी नहीं
Advertisement

माइकल होल्डिंग ने कहा: लारा की बातों में कोई दिलचस्पी नहीं, और होगी भी नहीं

एमसीसी भाषण के दौरान लारा ने कहा कि वह वेस्टइंडीज के 80 और 90 के दशक में खेल भावना के विपरीत व्यवहार से काफी ‘शर्मिंदा’ थे.

यह जगह जाहिर है कि वेस्टइंडीज के दोनों महान खिलाड़ियों लारा और होल्डिंग में दोस्ती नहीं है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अपने जमाने के दिग्गज तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने ब्रायन लारा की 1980 में न्यूजीलैंड दौरे के दौरान उनके व्यवहार की आलोचना को बुधवार (6 सितंबर) को खारिज करते हुए कहा कि उनकी इस महान बल्लेबाजी की राय में ‘कोई भी दिलचस्पी’ नहीं है. जब होल्डिंग से लारा की टिप्पणी के बारे में पूछा तो उन्होंने सपाट जवाब देते हुए कहा, ‘‘ब्रायन लारा जो कुछ भी कहता है, मेरी उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. कभी थी भी नहीं और कभी होगी भी नहीं.’’ लारा ने लॉर्ड्स पर एमसीसी ‘स्प्रिरिट ऑफ क्रिकेट काउड्रे लेक्चर’ के दौरान 63 वर्षीय होल्डिंग के खिलाफ टिप्पणी की थी. यह जगह जाहिर है कि वेस्टइंडीज के दोनों महान खिलाड़ियों लारा और होल्डिंग में दोस्ती नहीं है.

एमसीसी भाषण के दौरान लारा ने कहा कि वह वेस्टइंडीज के 80 और 90 के दशक में खेल भावना के विपरीत व्यवहार से काफी ‘शर्मिंदा’ थे. उन्होंने विशेषकर उस घटना की बात की जो 1980 में न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला के दौरान घटी जिसमें होल्डिंग ने हताशा में पैर से स्टंप पर किक मारी थी. लारा ने लॉर्ड्स में कहा, ‘‘माइकल होल्डिंग ने फैसला किया कि वह अब क्रिकेटर नहीं बल्कि फुटबॉलर हैं और उन्होंने स्टंप पर किक मार दी. मुझे लगता है कि उस समय हुई घटनाओं का क्रिकेट पर काफी बड़ा असर पड़ा.’’ 

होल्डिंग ने सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की तुलना की हाइप पर भी अपने विचार व्यक्त किये. श्रीलंका के खिलाफ समाप्त हुई सीरीज में कोहली ने 30 वनडे शतक पूरे किये हैं. होल्डिंग ने कहा, ‘‘अभी लंबा सफर तय करना है (तेंदुलकर के रिकॉर्ड के करीब पहुंचने के लिये) लेकिन वह निश्चित रूप से महान बल्लेबाज है.’ यह पूछने पर कि क्या कोहली तेंदुलकर की तुलना में बेहतर बल्लेबाज हैं या इसके उलट है तो होल्डिंग ने कहा, ‘‘वैसे, मुझे तुलनायें पसंद नहीं हैं.’’

लारा का वेस्टइंडीज पर आरोप, 90 के दशक में टीम का व्यवहार मैदान पर हर बार सही नहीं रहा

वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने कहा कि उनकी टीम 90 के दशक में विश्व क्रिकेट में अपनी बादशाहत के बाद भी हमेशा सही भावना से नहीं खेलती थी. लारा ने यह बात लॉड्स में एमसीसी स्प्रिट ऑफ क्रिकेट लेक्चर के दौरान कही. लारा ने इस दौरान शीर्ष टीमों से खेल की अखंडता को बनाए रखने की अपील की है. 

क्रिकइंफो ने लारा के हवाले से लिखा है, "विश्व की शीर्ष टीम पर पर खेल की अखंडता को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है. वह जब भी मैदान पर उतरते हैं तो खेल भावना को बनाए रखने की जिम्मेदारी हमेशा से उनको प्राथमिकता है."

लारा का मानना है कि 1980 और 1990 में वेस्टइंडीज के बेहतरीन रिकॉर्ड के बाद भी कई ऐसे मौके थे जब टीम ने अपनी रणनीतियों को लागू किया तो परिणाम वैसे रहे जैसे होने नहीं चाहिए थे. लारा ने 1989 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज का उदाहरण देते हुए कहा कि जब कोलिन क्रॉफ्ट से बहस के बाद माइकल होल्डिंग ने अंपायर को कंधा मार दिया था.

(इनपुट एजंसी से भी)

Trending news