सौरव गांगुली ने बदला तो ले लिया, लेकिन आज तक है इस काम का अफसोस
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सौरव गांगुली ने बदला तो ले लिया, लेकिन आज तक है इस काम का अफसोस

टीम इंडिया को दुनिया में खास पहचान दिलाने वाले कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी आत्मकथा ‘ए सेंचुरी इज नॉट एनफ’ में क्रिकेट से जुड़ी अपनी कई रोचक और खास किस्सों के बारे में बेबाकी से खुलासा किया है. 

हाल में सौरव ने अपनी आत्मकथा का जिक्र करते हुए नेटवेस्ट ट्रॉफी सीरीज में शर्ट लहराने की घटना की बात की (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : टीम इंडिया को दुनिया में खास पहचान दिलाने वाले कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी आत्मकथा ‘ए सेंचुरी इज नॉट एनफ’ में क्रिकेट से जुड़ी अपनी कई रोचक और खास किस्सों के बारे में बेबाकी से खुलासा किया है.  उन्होंने कई विवादित मुद्दों के बारे में इस किताब में बारीक लेकिन रोचक बातें बताईं हैं जिसमें नेटवेस्ट ट्राफी के फाइनल में शर्ट उतारने से लेकर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का उनसे फोन पर बातचीत जैसे वाक्ये भी शामिल हैं.

  1. नेटवेस्ट ट्रॉफी से पहले मुंबई में फ्लिनटॉफ ने लहराई थी टीशर्ट
  2. इसके बाद नेटवेस्ट ट्रॉफी जीतने पर सौरव ने भी  टीशर्ट लहराई थी
  3. अपनी आत्मकथा में बताए उस घटना के बारे में अपने विचार

सौरव की यह किताब को जल्द ही लॉन्च होने वाली है, लेकिन लॉन्च से पहले किताब के कुछ अंशों को गांगुली ने फैन्स के साथ शेयर किया. सौरव गांगुली ने अपनी किताब में साल 2002 में खेले गए नैटवेस्ट सीरीज का जिक्र किया. गांगुली ने बताया, ”फाइनल मैच में जीत को लेकर टीम काफी उत्साहित थी और जहीर खान के विनिंग शॉट लगाते ही मैं अपने आपको रोक नहीं सका.”

 

गांगुली ने माना कि जीतने के बाद शर्ट उतारकर सेलिब्रेट करना सही नहीं था. जीत का जश्न मनाने के लिए और भी कई तरीके थे.” गांगुली ने कहा, ”जब इंग्लैंड की टीम भारत आई थी तो एंड्र्यू फ्लिंटॉफ ने यह काम किया था. लॉर्ड्स में फाइनल मुकाबला जीतने के बाद मैंने भी कुछ ऐसा ही किया. हालांकि, इस घटना के बाद इसे लेकर काफी पछतावा हुआ और मैं आज तक इस बात का अफसोस कर रहा हूं. रियल लाइफ में मैं इस तरह का इंसान नहीं हूं. खुशी जाहिर करने के और भी तरीके थे, लेकिन क्रिकेट का जुनून मुझ पर इस कदर हावी था कि मैंने फ्लिंटॉफ को उन्हीं के अंदाज में जवाब देना बेहतर समझा.”

 

उन्होंने कहा, 'मुझे अफसोस है क्योंकि इंग्लैंड को लॉर्ड्स में हराने का और भी बेहतर तरीका था. मैं इस तरह का व्यक्ति नहीं हूं जो अपनी शर्ट उतारकर खुशी जाहिर करे. मैं आमतौर पर शांत रहता हूं जबकि मैदान में इसके विपरीत आक्रामक होता हूं.'

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दरअसल इंग्लैंड की टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत को वनडे सीरीज के फाइनल मुकाबले में हराया था. इसके बाद जब भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी तो वहां सौरव की कप्तानी में टीम जीतने में कामयाब रही. इस मैच में मुश्किल परिस्थितियों से निकलकर भारतीय खिलाड़ियों ने जीत हासिल की थी और पीछा करने वाले सर्वाधिक रनों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 326 रन बनाए थे. यह टीम इंडिया की विदेश धरती पर अब तक की सबसे शानदार जीतों में से एक मानी जाती है. 

पूरी टीम इंडिया का था जीत में योगदान
326 रनों का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी रही. सौरव और वीरेंद्र सहवाग ने पहले विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी की. इसके बाद सहवाग 45 और गांगुली 60 रन बनाकर आउट हो गए. इन दोनों के अलावा युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने टीम को जीताने में खास भूमिका निभाई. इस मैच में भारत ने रोमांचक तरीके से अंतिम ओवर में दो विकेट से इस मैच को अपने नाम कर लिया.

 पाकिस्तान दौरे पर मुशर्रफ ने ली थी सौरव की क्लास
2004 में जब भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के एतिहासिक दौरे पर थी तो उस दौरान भारतीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली को पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का फोन आया था. उनकी बात सुनकर सौरव सहम गए थे. क्योंकि मुशर्रफ को गांगुली का छिपकर होटल से जाने की बात पता चल गई थी. मुशर्रफ ने उसी सिलसिले में फोन किया था.

पाकिस्तान के दौरे में टीम इंडिया लाहौर के पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल में रुकी हुई थी. वहां पर सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए गए थे मानो एक किला घेर रखा हो. सुरक्षा इतनी कड़ी थी कि कई बार घुटन महसूस होती थी. पाकिस्तान पर सीरीज में 3-2 से जीत हासिल करने के बाद सौरव गांगुली इस किले से भाग जाना चाहते थे.

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गांगुली ने बताया है कि 'मैं सुरक्षा अधिकारी को बिना बताए होटल के पिछले दरवाजे से निकला, जानता था कि मैं नियम तोड़ रहा हूं. मेरे सिर पर टोपी थी और चेहरे को ढंका था. मैं बस इस टैंक्स और राइफल्स से दूर जाना चाहता था. गांगुली कहते हैं, 'भोजन खत्म कर हम होटल से निकलने वाले थे की हमें पहचान लिया गया. हम जहां बैठे थे वही पत्रकार राजदीप सरदेसाई भी बैठे थे, उन्होंने मुझे पहचान लिया और चिल्लाने लगे. जल्द ही वहां पर लोगों की भीड़ जमा हो गई.

पाकिस्तान में भी आप जैसे कप्तान की जरूरत है
होटल का बिल देकर मैंने निकलना चाहा, लेकिन मैनेजर ने पैसे नहीं लिये. वह कह रहा था हमें पाकिस्तान में भी आप जैसे कप्तान की जरूरत है. यही नहीं जब हम लोग होटल लौट रहे थे तो कुछ स्थानीय लोग मोटरसाइकिल से हमारा पीछा कर रहे थे. वह हमसे गाड़ी का शीशा नीचे करने को कह रहे थे. गाड़ी में सवार साथी ने मुझे ऐसा करने से मना किया और खतरा होने का आशंका जताई, लेकिन मुझे ऐसा कोई खतरा नहीं लगा.

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सौरव गांगुली होटल सुरक्षित तो पहुंच गए, लेकिन इस घटना की जानकारी जनरल परवेज मुशर्रफ तक पहुंच चुकी थी. होटल पहुंचते ही सौरव को फोन आया दूसरी तरफ मुशर्रफ थे. मुशर्रफ ने अपनी बात नम्रता से कही, लेकिन वह मजबूती से बोल रहे थे, उन्होंने कहा 'अगली दफा जब आप बाहर जाएं तो सुरक्षा अधिकारी को जरूर बताएं. आपके लिए हम इंतजाम करेंगे. लेकिन कृपया करके आप इस तरह का खतरा न उठाएं.'

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