25 साल पहले अफ्रीकी दौरे में टीम इंडिया के साथ जाने वाला खिलाड़ी इस बार लेगा बदला
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25 साल पहले अफ्रीकी दौरे में टीम इंडिया के साथ जाने वाला खिलाड़ी इस बार लेगा बदला

नवंबर 1992 में पहली बार टीम इंडिया ने मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में किया था दक्षिण अफ्रीका का दौरा.

उम्मीद है इस बार टीम इंडिया 25 साल के जीते के सूखे को खत्म परचम लहराएगी. फोटो : बीसीसीआई

नई दिल्ली : टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन पहुंच चुकी है. लोग रोमांचक मुकाबले की उम्मीद लगाए बैठे हैं. टीम के कोच रवि शास्त्री कह चुके हैं कि इस बार टीम इंडिया यहां इतिहास बनाएगी. उनकी टीम इस बार टेस्ट क्रिकेट में अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम को चित कर सकती है. हालांकि आपको बता दें कि अब तक टीम इंडिया का दक्षिण अफ्रीका दौरा कभी सफल नहीं रहा. वहां टीम को अक्सर हार कर ही लौटना पड़ा है. चाहे वह तब की ही बात क्यों न हो जब 90 के शुरुआती दशक में जब प्रतिबंध के बाद दक्षिण अफ्रीका को पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की अनुमति मिली थी.

  1. 25 साल पहले टीम इंडिया ने ही खेली थी अफ्रीका में पहली सीरीज
  2. 3 टेस्ट ड्रॉ और एक टेस्ट में मिली थी टीम इंडिया को हार
  3. तब से अब तक कभी भी टीम इंंडिया को वहां सीरीज जीतने का मौका  नहीं मिला

प्रतिबंध हटने के बाद दक्षिण अफ्रीका का पहला दौरा भारतीय टीम ने ही किया था. उस समय टीम में सचिन तेंदुलकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन, कपिल देव, संजय मांजरेकर, अजय जडेजा के साथ एक खिलाड़ी ऐसा भी था, जो इस बार भी टीम इंडिया के साथ जा रहा है.

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इस शख्स का नाम है रवि शास्त्री. हालांकि तब टीम में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाने वाले रवि शास्त्री इस बार कोच की भूमिका में हैं. 1970 में रंगभेद की नीति के कारण दक्षिण अफ्रीका की टीम पर 20 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया. उसके बाद ये प्रतिबंध 1990 में खत्म हुआ. दक्षिण अफ्रीका ने पहला टेस्ट मैच अप्रैल 1992 में वेस्ट इंडीज से खेला. इसके बाद नवंबर 1992 टीम इंडिया के साथ दक्षिण अफ्रीका ने पहली औपचारिक सीरीज खेली.

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4 टेस्ट मैचों की इस सीरीज के 3 टेस्ट ड्रॉ रहे. एक टेस्ट दक्षिण अफ्रीका ने जीता. उस समय अफ्रीका टीम की कमान केपलर वेसल्स के हाथ में थी और टीम इंडिया की कमान मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथ में. टीम इंडिया में उस समय सलामी बल्लेबाजी की भूमिका रवि शास्त्री और अजय जडेजा ने निभाई थी. हालांकि उस पूरी सीरीज में रवि शास्त्री बुरी तरह असफल रहे थे. पहले तीन टेस्ट मैचों की 5 पारियों में उन्होंने मात्र 59 रन बनाए थे. इस कारण चौथे टेस्ट से उन्हें बाहर कर दिया गया था.

इस सीरीज में भारत की ओर से तीन शतक बनाए गए थे. पहला शतक अजिंक्य रहाणे के गुरु और बल्लेबाज प्रवीण आमरे ने बनाया था. दूसरा शतक सचिन तेंदुलकर और तीसरा शतक कपिल देव के बल्ले से निकला था.

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अब ये संयोग ही है कि दक्षिण अफ्रीका के साथ होने वाली उस पहली ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज के बाद 25 साल बाद होने जा रही इस टेस्ट सीरीज में भी रवि शास्त्री टीम का हिस्सा हैं. भले वह प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन वह टीम के कोच हैं. यानी कि टीम की नीति बनाने में वह शामिल होंगे. ऐसे में उन्हें पता होगा कि टीम को वहां किस तरह खेलना है.

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