Asian Games: दुती चंद बोलीं- हिमा दास के फाउल होने से मैं दुखी थी
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Asian Games: दुती चंद बोलीं- हिमा दास के फाउल होने से मैं दुखी थी

हिमा 200 मीटर के सेमीफाइनल में फाउल कर बैठी थीं और रेस शुरू होने से पहले ही बाहर हो गई थीं.

दुती चंद ने एशियन गेम्स में 2 सिल्वर मेडल जीते हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: जकार्ता में 18वें एशियाई खेलों में दो पदक जीतने वाली भारतीय महिला एथलीट दुती चंद ने कहा है कि 200 मीटर रेस में हिमा दास के फाउल होने से वह बहुत दुखी हो गई थीं. दुती ने 200 मीटर के फाइनल में 23.20 सेकंड और 100 मीटर के फाइनल में 11.32 सेकंड के समय लेकर रजत पदक अपने नाम किया था.

22 वर्षीय दुती पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं जिन्होंने बीते 32 वर्षो में पहली बार एशियाई खेलों के 100 और 200 मीटर रेस में पदक जीता है. इससे पहले उड़नपरी पीटी ऊषा ने 1986 में यह उपलब्धि हासिल की थी. स्वदेश लौटने पर कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) द्वारा दुती को सम्मानित किया गया.

दुती ने हिमा के फाउल होने को लेकर आईएएनएस से कहा, "हिमा के फाउल होने से मैं दुखी हो गई थी क्योंकि मैंने सोचा था कि 200 मीटर में मैं और हिमा भारत के लिए दो पदक जीतेंगे. लेकिन यह खबर सुनकर मैं बहुत दुखी हुई कि तकनीक गलती के कारण उनका फाउल हो गया और वह रेस के लिए अयोग्य करार दी गईं."

हिमा 200 मीटर के सेमीफाइनल में फाउल कर बैठी थीं और रेस शुरू होने से पहले ही बाहर हो गई थीं. उनके बाहर हो जाने से देश को तगड़ा झटका लगा था क्योंकि वह पदक की दावेदार के रूप में जकार्ता गई थीं. हालांकि रिले टीम के साथ उन्होंने पदक जीता.

दुती ने कहा, "स्पोर्ट्स में थोड़ा सी भी गलती होने के कारण आपको प्रतियोगिता से निकाल दिया जाता है या अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. जैसा कि हिमा के साथ हुआ."

18 साल की हिमा ने आईएएएफ विश्व अंडर-20 चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा था. एशियाई खेलों में भी उनसे स्वर्ण पदक की उम्मीद थी और वह इसकी दावेदार भी थीं. लेकिन सेमीफाइनल में उनके फाउल होने के कारण भारत के पदक जीतने की उम्मीदों को झटका लगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या हिमा के अनुभवहीन होने के कारण ऐसा हुआ, ओडिशा की रहने वाली दुती ने कहा, "हिमा को अभी बहुत आगे जाना है. मुझे लगता है कि उन्हें ऐसी गलतियों से बचना चाहिए और इसके ऊपर ध्यान देना चाहिए."

यह पूछे जाने कि क्या आपने इसके बारे में हिमा से बात की, उन्होंने कहा, "मैंने ट्रेनिंग के दौरान ही हिमा को सबकुछ समझा दिया था. मैंने उनसे कहा था कि 400 मीटर की रेस में आप थोड़ा बहुत जोखिम उठा सकती हो, लेकिन 100 और 200 मीटर में बहुत मुश्किल होता है क्योंकि इसमें आपको पूरी तरह से सतर्क रहना पड़ता है."

दुती ने कहा, "ये स्पर्धाएं बहुत तकनीकी होती हैं और अगर इनमें थोड़ी सी भी गलती हुई तो आपको इसका खामिजयाजा भुगतना पड़ सकता है. हिमा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. लेकिन मुझे लगता है कि समय के साथ वह इन सब चीजों पर काबू पा लेंगी."

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