फेड कप: अंकिता रैना ने दी कड़ी चुनौती, 2 घंटे 54 मिनट चले मुकाबले को जीता
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फेड कप: अंकिता रैना ने दी कड़ी चुनौती, 2 घंटे 54 मिनट चले मुकाबले को जीता

फेड कप के एकल मुकाबलों में अपने से अधिक रैंकिंग वाली खिलाड़ियों को हराकर टूर्नामेंट में अपराजेय रहीं अंकिता रैना इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि पेशेवर टेनिस में उन्हें इसका लाभ मिलेगा.

अंकिता और करमन की जीत से भारत ग्रुप वन में बरकरार (PIC : Twitter)

नई दिल्ली: भारतीय टेनिस खिलाड़ी करमन कौर थांडी के बाद अंकिता रैना की जीत के दम पर भारत फेड कप एशिया ओशियान ग्रुप वन में आज यहां जगह बरकरार रखने में कामयाब रहा. दिन के दोनों एकल मुकाबले में जीत कर भारत ने चीनी ताइपे पर 2-0 की अपराजेय बढ़त बना ली. रेलिगेशन प्लेऑफ के पहले एकल मुकाबले करमन की जीत के बाद दूसरे एकल मुकाबले में शानदार फॉर्म में चल रही अंकिता ने चीए-यू ह्सू को 6-4,5-7, 6-1 से शिकस्त दी. 

  1. अंकिता ने चीए-यू ह्सू को 6-4,5-7, 6-1 से शिकस्त दी
  2. अंकिता इस टूर्नामेंट के एकल मुकाबलों में अपराजेय रहीं
  3. अंकिता ने चीनी खिलाड़ी ताइपे को हराया

विश्व रैंकिंग में 377 स्थान पर काबिज चीनी ताइपे की इस खिलाड़ी ने अंकिता को कड़ी चुनौती पेश की लेकिन दो घंटे 54 मिनट तक चले इस मुकाबले को अंकिता ने तीसरा सेट आसानी से जीत कर मैच अपने नाम किया. 

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अंकिता इस टूर्नामेंट के एकल मुकाबलों में अपराजेय रहीं और लगातार चार एकल मैचों में जीत दर्ज की. इससे पहले करमन ने एक घंटे 28 मिनट तक चले मुकाबले में अपने से निचली रैंकिंग वाली यूडिस चोंग को 7-6, 6-3 से हराकर टूर्नामेंट में अपनी दूसरी जीत दर्ज की. जापान ने कजाखस्तान को 2-1 से हराकर विश्व ग्रुप प्लेऑफ में जगह पक्की की. पूल मैचों में दोनों टीम अपराजेय रही थी. 

फेड कप का अनुभव मेरे लिए मददगार साबित होगा : अंकिता रैना
फेड कप के एकल मुकाबलों में अपने से अधिक रैंकिंग वाली खिलाड़ियों को हराकर टूर्नामेंट में अपराजेय रहीं अंकिता रैना इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि पेशेवर टेनिस में उन्हें इसका लाभ मिलेगा. विश्व रैंकिंग में 81वें स्थान पर काबिज यूलिया पुतिनसेवा एवं चीन की लिन झू जैसी खिलाड़ियों के खिलाफ जीत दर्ज करने वाली 25 वर्षीय अंकिता ने बहुत अधिक आत्मविश्वास का परिचय दिया. 

अंकिता और करमन ने भारत को हांगकांग पर जीत दिलाई

चीनी ताइपे की चीए-यू ह्सू को आज 6-4, 5-7, 6-1 से हराने वाली अंकिता ने कहा, ‘‘मैंने कुछ अच्छे मैच खेले, जो मेरे अनुभव में जुड़ गया. अलग-अलग संदर्भों में सभी मैच चुनौतीपूर्ण रहे. एकल मैचों के खेलने के बाद सबसे बड़ी चुनौती युगल और अगले एकल मुकाबलों के लिए तैयार रहने की थी.’’ 

भारतीय कप्तान अंकिता भांबरी ने इस बात से ‘राहत की सांस ली’ कि मैच शुरुआती दो मुकाबलों में ही खत्म हो गया. अंकिता ने कहा, ‘‘ मैं काफी तनाव में थी. युगल में चीनी ताइपे की टीम मजबूत थी. अब मैं राहत महसूस कर रही हूं.’’ 

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