हॉकी दिग्गज बलबीर की स्थिति अब भी नाजुक, हाल जानने अस्पताल पहुंचे खेलमंत्री
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हॉकी दिग्गज बलबीर की स्थिति अब भी नाजुक, हाल जानने अस्पताल पहुंचे खेलमंत्री

पीजीआईएमईआर ने एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, ‘‘उनकी स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है और उन्हें वेंटिलेटर पर ही रखा गया है.’’

बलबीर सिंह सीनियर का हाल जानने अस्पताल पहुंचे खेलमंत्री (फाइल फोटो)

चंडीगढ़ : महान हॉकी खिलाड़ी और तीन बार के ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता बलबीर सिंह सीनियर की स्थिति में शुक्रवार को भी कोई परिवर्तन नहीं आया. उन्हें सांस लेने में तकलीफ के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया है. अपने जमाने के दिग्गज सेंटर फॉरवर्ड 94 वर्षीय बलबीर सीनियर का पीजीआईएमईआर अस्पताल में उपचार चल रहा है और उनकी स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है. उन्हें सांस लेने में दिक्कत के कारण मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

पीजीआईएमईआर ने एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, ‘‘उनकी स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है और उन्हें वेंटिलेटर पर ही रखा गया है.’’ एक वरिष्ठ चिकित्सक ने इससे पहले पीटीआई को बताया कि बलबीर सीनियर की हालत पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. 

खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने गुरुवार को इस दिग्गज खिलाड़ी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी. राठौड़ ने ट्वीट किया था, ‘‘हमारे देश के गौरव, हमारे हॉकी दिग्गज श्री बलबीर सिंह सीनियर के जल्द स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं. जल्द स्वस्थ हो जाओ सर.’’ 

पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह ने शुक्रवार को अस्पताल जाकर इस महान खिलाड़ी की स्थिति के बारे में जानकारी ली. उन्होंने कहा, ‘‘हम संकट की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ हैं.’’ 

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लंदन ओलंपिक 2012 में उन्हें आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महान खिलाड़ियों में चुना गया था और इस सूची में वह अकेले भारतीय थे.

ओलंपिक में पुरुष हॉकी फाइनल में सर्वाधिक गोल का उनका रिकॉर्ड अब भी बरकरार है. उन्होंने हेलसिंकी ओलंपिक 1952 में नीदरलैंड के खिलाफ फाइनल में भारत की 6.1 से जीत में पांच गोल किए थे.

उन्हें 1957 में पद्मश्री मिला था और वह 1975 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के मैनेजर भी थे. बलबीर सीनियर लंदन (1948), हेलंसिकी (1952) और मेलबर्न (1956) में स्वर्ण पदक जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य थे. मेलबर्न ओलंपिक खेलों में वह टीम के कप्तान भी थे.

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