मनप्रीत ने कहा कि उनकी टीम का आत्मविश्वास ऊंचा है और अब वह अपने खिताब को बचाने के लिए पूरी से तैयार हैं.
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नई दिल्ली. पिछले महीने खत्म हुई चैंपियन्स ट्रॉफी में उप-विजेता रहने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह का कहना है कि उनकी टीम का लक्ष्य इसी महीने से इंडोनेशिया के जकार्ता में शुरू हो रहे एशियाई खेलों में अपने खिताब की रक्षा करते हुए स्वर्ण पदक जीतना है.
मनप्रीत ने कहा कि उनकी टीम का आत्मविश्वास ऊंचा है और अब वह अपने खिताब को बचाने के लिए पूरी से तैयार हैं. अगर भारतीय टीम इस बार भी स्वर्ण जीतने में सफल रहती है तो वह टोक्यो ओलम्पिक-2020 का टिकट हासिल कर लेगी. उन्होंने कहा कि हमारा सिर्फ एक लक्ष्य है. हम सिर्फ स्वर्ण पदक चाहते हैं. इससे कम कुछ नहीं. हमें टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करना है.
हरेंद्र सिंह के कोच बनने के बाद चैम्पियंस ट्रॉफी भारत का पहला टूर्नामेंट था. हरेंद्र को शुअर्ड मरेन के स्थान पर टीम का कोच नियुक्त किया गया था जो अब महिला हॉकी टीम के कोच हैं.
मनप्रीत ने माना कि मरेन की सोच का टीम पर काफी प्रभाव है लेकिन मनप्रीत ने कहा कि हरेंद्र की रणनीति भारतीय खिलाड़ियों को अपना खेल खेलने देने की है जो आगे जाकर काफी फायदेमंद होगी.
मिडफील्डर ने कहा कि वह शानदार कोच हैं जिनकी सोच सकारात्मक है. हर कोच की अपनी एक अलग शैली होती है. हमें उनकी रणनीति के मुताबिक खेलना होगा. उन्होंने कहा कि हर कोच भारतीय खिलाड़ियों की नैसर्गिक योग्यता, आक्रामक हॉकी, का उपयोग करना चाहता है. हर कोच इस पर काम करना चाहता है.
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उन्होंने कहा, "हमारी स्पीड के कारण काउंटर अटैक हमारा मजबूत पक्ष है. इसलिए अभी तक जितने भी कोच आए हैं, सभी ने इस पर काम किया है. 26 साल के खिलाड़ी ने कहा कि उनकी टीम का ध्यान अपनी फिटनेस सुधारने पर है।
मनप्रीत ने कहा कि तैयारी अच्छी है. हम अधिकतर ध्यान अपनी फिटनेस और फिनिशिंग पर दे रहे हैं. साथ ही हमारा ध्यान पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने पर है. उन्होंने कहा, "हम हर टीम को परख रहे हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि हमने जो गलतियां की हैं, उन्हें दोहराएं नहीं.