टीम इंडिया को मिला पहला 'चाइनामैन' बॉलर, ये हैं इस बॉलिंग कला के महारथी
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टीम इंडिया को मिला पहला 'चाइनामैन' बॉलर, ये हैं इस बॉलिंग कला के महारथी

कुलदीप यादव के भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे धर्मशाला टेस्ट में पदार्पण के साथ ही टीम इंडिया को अपना पहला 'चाइनामैन' बॉलर मिल गया है. 'चाइनामैन बॉलर' के नाम से मशहूर कुलदीप यादव को कैप्टन विराट कोहली के चोटिल होने के कारण ये मौका मिला है. कुलदीप से पहले भारत की तरफ से अभी तक कोई भी चायनामैन गेंदबाज नहीं खेला था. अब उन्हें कोई भी भारतीय चायनामैन गेंदबाज पीछे नहीं छोड़ पाएगा, क्योंकि रिकॉर्ड बुक्स में वो भारत की तरफ से टेस्ट खेलने वाले पहले चायनामैन गेंदबाज बन गए हैं और उनकी ये उपलब्धि अब उनसे कोई भी नहीं छीन पाएगा. 

विश्व के सर्वश्रेष्ठ चाइनामैन गेंदबाज

नई दिल्ली : कुलदीप यादव के भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे धर्मशाला टेस्ट में पदार्पण के साथ ही टीम इंडिया को अपना पहला 'चाइनामैन' बॉलर मिल गया है. 'चाइनामैन बॉलर' के नाम से मशहूर कुलदीप यादव को कैप्टन विराट कोहली के चोटिल होने के कारण ये मौका मिला है. कुलदीप से पहले भारत की तरफ से अभी तक कोई भी चायनामैन गेंदबाज नहीं खेला था. अब उन्हें कोई भी भारतीय चायनामैन गेंदबाज पीछे नहीं छोड़ पाएगा, क्योंकि रिकॉर्ड बुक्स में वो भारत की तरफ से टेस्ट खेलने वाले पहले चायनामैन गेंदबाज बन गए हैं और उनकी ये उपलब्धि अब उनसे कोई भी नहीं छीन पाएगा. 

कुलदीप अपनी इस खास स्पिन से सचिन तेंदुलकर और चेतेश्वर पुजारा को भी चकमा दे चुके हैं. सुनील गावस्कर ने तो उनके यहां तक कह डाला था कि अगर मैं चयनकर्ता होता, तो बिना एक भी फर्स्ट क्लास मैच खेले ही इसे टेस्ट टीम में चुन लेता. सिर्फ गावस्कर ही नहीं, वसीम अकरम भी कुलदीप से खासे प्रभावित हैं. कानपुर में जन्मे कुलदीप अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी अपना कमाल दिखा चुके हैं. 

भारत में अभी इस शैली के दो गेंदबाज प्रभावी रहे हैं. इनमें से एक हैं कुलदीप यादव और दूसरे हैं शिविल कौशिक. भारत के दूसरे चाइनामैन गेंदबाज का आगाज आईपीएल 2016 में हुआ. कौशिक को गुजराज लॉयन्स के कप्तान सुरेश रैना ने राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के खिलाफ मौका दिया था. 

आइए जानते हैं विश्व के सर्वश्रेष्ठ 'चाइनामैन' गेंदबाजों के बारे में : 

श्रीलंका के लक्षण संदाकन

श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में संपन्न हुई टेस्ट सीरीज में बाएं हाथ के स्पिनर जिसे "चाइनामैन" भी कहते हैं, सामने आया. 25 साल के लक्षण संदाकन दुर्लभ चाइनामैन गेंदबाजों की फेहरिस्त में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई है.

वेस्टइंडीज के एलिस अचोंग

इस अलग तरह की गेंदबाजी की शुरुआत वेस्टइंडीज के एलिस अचोंग ने 1930 में की. एलिस ने वेस्टइंडीज के लिए 8 टेस्ट मैच खेले. टेस्ट खेलने वाले चीनी मूल के पहले क्रिकेटर अचोंग बाएं हाथ के स्पिनर थे. इंग्लैंड के खिलाफ मेनचेस्टर में 1933 में वाल्टर रॉबिन्स को उन्होंने ऐसी गेंद की जिसने सभी को चकित कर दिया. एलिस ने कलाई के बल पर गेंद फेंकी जो दाएं हाथ के बल्लेबाज के ऑफ स्टंप पर पड़कर बाहर चली गई.

रॉबिन्स ने आश्चर्यजनक गेंद करने के बाद पवेलियन लौटते समय अंपायर से कहा, 'ब्लडी चाइनामैन ने शानदार गेंदबाजी की.' यहीं से चाइनामैन शब्द लोकप्रिय हुआ और फिर आगे चलकर इन्हें चाइनामैन कहा जाने लगा.

वेस्टइंडीज के गैरी सोबर्स

वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर गैरी सोबर्स क्रिकेट के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में शामिल हैं. अच्छी बल्लेबाजी और बेहतरीन फील्डिंग के साथ ही उनकी गेंदबाजी भी अव्वल दर्जे की थी. उन्होंने वेस्टइंडीज टीम को एक मुकाम दिलाया और अपने टेस्ट करियर में 235 विकेट लिए. सोबर्स बाएं हाथ से धीमी गेंद करते थे और उनका स्तर भी चाइनामैन गेंदबाज का बन चुका था. वह कलाई के बल पर गुगली और चाइनामैन गेंदबाजी का सफल उपयोग करते थे. 

इंग्लैंड के जॉनी वार्ड्ले

क्रिकेट के इतिहास में इंग्लिश गेंदबाज जॉनी वार्ड्ले को सबसे कौशलपूर्ण स्पिनर माना जाता था. उन्होंने वार्ड्ले ने सिर्फ 25 टेस्ट खेले. वार्ड्ले पारंपरिक बाएं हाथ की गेंदबाजी लॉक की तरह भी कर लेते थे तो उनके पास चाइनामैन एक हथियार के रूप में मौजूद था. वह विशेषकर इसका प्रयोग इंग्लैंड में करते थे. वार्ड्ले इंग्लैंड के अब तक में एकमात्र चाइनामैन गेंदबाज रहे हैं. उन्होंने कुल 102 टेस्ट विकेट लिए.

साउथ अफ्रीका के पॉल एडम्स

साउथ अफ्रीका के क्रिकेटर पॉल एडम्स का गेंदबाजी एक्शन किसी परिचय का मोहताज नहीं है. पॉल ने 1995-96 में अपने एक्शन से सभी को चकित कर दिया.
हालांकि, चाइनामैन गेंदबाज का जलवा थोड़े ही समय में कम होता दिखा क्योंकि एडम्स चोटों से परेशान रहने लगे. पॉल एडम्स ने अपना आखिरी टेस्ट 2014 में खेला. उन्होंने 45 टेस्ट में 134 जबकि 24 वन-डे में 29 विकेट लिए. बहुत लोगों को भरोसा नहीं था कि शीर्ष स्तर के क्रिकेट में दोबारा कभी एडम्स जैसा एक्शन देखने को मिलेगा. लेकिन आईपीएल में गुजरात लायंस के युवा चाइनामैन शिविल कौशिक ने इसे गलत साबित कर दिया. कौशिक और एडम्स का एक्शन बहुत समान नजर आता है.

ऑस्ट्रेलिया के चक फ्लीटवुड-स्मिथ

क्रिकेट गेंद से शानदार टर्न हासिल करने वाले चक फ्लीटवुड-स्मिथ ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 1935-38 के बीच 10 टेस्ट में 42 विकेट लिए. फ्लीटवुड-स्मिथ ने स्कूल में अपना दायां हाथ चोटिल करने के बाद उन्होंने दूसरे हाथ से अपना अनोखा गेंदबाजी एक्शन शुरू किया. फ्लीटवुड-स्मिथ ने 1937 की एशेज सीरीज में बड़ी भूमिका अदा की थी। उन्होंने डॉन ब्रैडमैन की टीम को सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद 3-2 से जीत दिलाई थी.

ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉग

क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल चाइनामैन गेंदबाजों में से एक ब्रैड हॉग ऑस्ट्रेलिया की 2003 और 2007 विश्व कप विजेता टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे. हॉग की गेंदबाजी को समझना बल्लेबाज के लिए काफी मुश्किल भरा होता है और 45 साला के होने के बावजूद भी वह अपना कमाल कई टी20 प्रतियोगिताओं में दिखा रहे हैं.

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