आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग: खिलाड़ियों के नाम वाली रिपोर्ट संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
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आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग: खिलाड़ियों के नाम वाली रिपोर्ट संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी, जिसमें न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल समिति की रिपोर्ट को न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति को सौंपने की मांग की गई। रिपोर्ट में स्कैंडल में कथित तौर पर शामिल कुछ खिलाड़ियों के नाम हैं।

आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग: खिलाड़ियों के नाम वाली रिपोर्ट संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

नई दिल्ली : आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी, जिसमें न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल समिति की रिपोर्ट को न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति को सौंपने की मांग की गई। रिपोर्ट में स्कैंडल में कथित तौर पर शामिल कुछ खिलाड़ियों के नाम हैं।

गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग मामले में याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के लिए सहमति जताई थी, जिसमें न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल समिति की रिपोर्ट को न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति को सौंपने की मांग की गई, जो बीसीसीआई के लिए प्रशासनिक सुधार पर विचार कर रही है। बताया जाता है कि रिपोर्ट में स्कैंडल में कथित तौर पर शामिल कुछ खिलाड़ियों के नाम हैं।

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के आवेदन को न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखा गया, जिसने आज दोपहर दो बजे इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। याचिका में दावा किया गया है कि अगर तीसरी रिपोर्ट की पूरी विषयवस्तु न्यायमूर्ति लोढा समिति को नहीं दी जाती तो न्यायमूर्ति मुद्गल समिति और जांच दल द्वारा खर्च समय और किये गये प्रयास बेकार चले जाएंगे। याचिका के अनुसार संबंधित सरकारों द्वारा किया जाने वाला भारी खर्च भी पूरी तरह बेकार चला जाएगा। याचिका में पहली रिपोर्ट और न्यायमूर्ति मुदगल समिति की तीसरी रिपोर्ट का पूरा पाठ न्यायमूर्ति लोढा समिति को सौंपने का निर्देश उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री को देने की मांग की गई है। तीसरी रिपोर्ट पिछले साल एक नवंबर को शीर्ष अदालत में जमा की गई थी।

एसोसिएशन के सचिव आदित्य वर्मा की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि यह जरूरी है क्योंकि खेल में आई खराबी के स्तर का मूल्यांकन करने के लिए न्यायमूर्ति लोढा समिति को पूरे पाठ का लाभ देना होगा ताकि बीसीसीआई के लिए प्रशासनिक सुधारों पर सुझाव देते समय समिति ऐसे कदम सुझा सके जिनसे सुनिश्चित होगा कि भविष्य में किसी घोटाले से क्रिकेट के खेल की साख खराब नहीं होगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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