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नई दिल्ली : महेश भूपति ने आज कहा कि भारतीय डेविस कप टीम से लिएंडर पेस को बाहर रखने में उनका कोई ‘निजी एजेंडा’ नहीं था और उन्होंने साथ ही कहा कि उनके पूर्व साझेदार का बेंगलुरू में मुकाबले के बीच से ही चला जाना ताबूत में अंतिम कील थी. उज्बेकिस्तान के खिलाफ भारत के डेविस कप मैच के बाद भूपति ने पेस के साथ पांच मार्च की ‘व्हाट्सऐप’ सार्वजनिक की, जिसमें भूपति पेस से कह रहे हैं कि उन्होंने अब तक संयोजन पर फैसला नहीं किया है लेकिन तार्किक रूप से रोहन बोपन्ना बेंगलुरू के हालात के अधिक अनुकूल हैं. पेस ने इसके बाद भूपति पर भेदभाव का आरोप लगाया था.
Woah. @Maheshbhupathi just put this up on Facebook. Just sharing them pic.twitter.com/6hA7IHVFnM
— Digvijay Singh Deo (@DiggySinghDeo) April 9, 2017
भूपति ने हालांकि फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘अपने करियर के 20 साल के दौरान मेरा हमेशा से विश्वास रहा कि तथ्य हमेशा सामने आते हैं और जब तक कि मुझे गिराया नहीं जाए मैं कभी प्रतिक्रिया नहीं देता क्योंकि कुछ भी कहा जाए मीडिया इसे निजी शत्रुता बताता है. सबसे पहले तो मैं यह कह दूं कि निजी शत्रुता नहीं थी. जब मैं 1994 में डेविस कप टीम में आया तो मैं लिएंडर का प्रशंसक था और उसे वेन फरेरा के खिलाफ खेलते देखकर रोमांचित था जो दुनिया का 10वें नंबर का खिलाड़ी था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसने फरेरा को सीधे सेटों में हराया. मैं प्रशसक से अधिक बन गया, टेनिस के अलावा टेनिस जगत और मीडिया में उसका आकर्षण था. हालांकि चीजें तेजी से बदली, जब हमारे कप्तान जयदीप मुखर्जी और कोच एनरिको पिपर्नो को 1999 के अंत में टीम से बाहर कर दिया गया क्योंकि उसने अटकलें सुनी थी कि ये नाराज हैं क्योंकि वह इटली के खिलाफ मुकाबले के लिए नहीं आया लेकिन अगले हफ्ते चेन्नई में खेलने के लिए पूरी तरह फिट था, यह पहले मतभेद थे.’’ भूपति ने कहा, ‘‘सम्मान शब्द के लिए उसकी अपनी परिभाषा थी और जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि ट्रैक पर सिर्फ एक रेल है, या तो आप इस पर चढ़ जाइये या फिर घर बैठिये. पिछले सालों में मैं घटनाओं पर संभवत: किताब लिख सकता था लेकिन मैं इन्हें संक्षिप्त रखने का प्रयास कर रहा हूं.’’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘अगर मैं पांच मिनट के लिए भूल जाउं, जब उसने हर समय टीम में अपनी जगह को अहमियत नहीं दी और डेविस कप या ओलंपिक के लिए देर से पहुंचा या पोशाक को लेकर टीम के आग्रह को नहीं माना या कप्तान या प्रबंधन को स्पष्ट कह दिया कि चीजें उसके मुताबिक होनी चाहिए तो भी शनिवार को मुकाबले से उसका बीच से जाना ताबूत में अंतिम कील थी.’’ स्पष्ट चेतावनी में भूपति ने कहा कि अगर पेस को उनके विचार पसंद नहीं हैं तो उसे उनके रास्ते में नहीं आना चाहिए क्योंकि उन्हें एआईटीए का समर्थन हासिल है. महेश का आचरण डेविस कप कप्तान बनने के लायक नहीं: पेस निजी बातें सार्वजनिक करने के लिए महेश भूपति को लताड़ लगाते हुए लिएंडर पेस ने कहा कि उनके पूर्व जोड़ीदार का आचरण डेविस कप कप्तान बनने के लिए अनुपयुक्त है.
भूपति ने फेसबुक पोस्ट में आज कहा कि पेस को बाहर रखने में उनका कोई निजी एजेंडा नहीं था जैसा कि इस खिलाड़ी ने दावा किया. उन्होंने साथ ही कहा कि उन्होंने कभी पेस को टीम में जगह का वादा नहीं किया था. पेस ने बयान में कहा, ‘‘निजी बातों को सार्वजनिक किया गया जो उस आचरण की ओर इशारा करता है जिसे मैं डेविस कप कप्तान के लिए अनुपयुक्त मानता हूं.’’ पेस ने कहा कि चयन की मुख्य पात्रता फार्म थी जबकि भूपति ने दावा किया कि यह एकमात्र पात्रता नहीं थी. पेस ने कहा, ‘‘चयन की मुख्य पात्रता फार्म थी. इसका उन बातों में साफ तौर पर जिक्र किया गया है. अंतिम फैसले में इस पर नहीं चला गया.’’ उन्होंेने लिखा, ‘‘मुझे कभी साफ तौर पर नहीं कहा गया कि मैं नहीं खेल रहा. लेकिन यह स्पष्ट है कि फैसला मेरे बेंगलुरू आने से पहले कर लिया गया था. जो मुझे गैरजरूरी और अपमानजनक लगता है.’’ पेस ने साथ ही कहा कि वह जल्द ही भूपति के दावे का विस्तृत जवाब देंगे.