उम्मीद करता हूं मेरा सर्वश्रेष्ठ अब भी बाकी: विश्वनाथन आनंद
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उम्मीद करता हूं मेरा सर्वश्रेष्ठ अब भी बाकी: विश्वनाथन आनंद

पांच बार के विश्व शतरंज चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने आज कहा कि उनका जल्द ही संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है और 2014 में ठीक ठाक प्रदर्शन के बाद वह आगामी वर्ष में और अधिक टूर्नामेंटों में खेलने के लिए तैयार हैं।

उम्मीद करता हूं मेरा सर्वश्रेष्ठ अब भी बाकी: विश्वनाथन आनंद

हैदराबाद : पांच बार के विश्व शतरंज चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने आज कहा कि उनका जल्द ही संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है और 2014 में ठीक ठाक प्रदर्शन के बाद वह आगामी वर्ष में और अधिक टूर्नामेंटों में खेलने के लिए तैयार हैं।

यह पूछने पर कि क्या उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अब भी बाकी है, आनंद ने कहा, ‘मैं ऐसी उम्मीद करता हूं। मैं आशावादी रहने का प्रयास कर रहा हूं।’ आनंद ने कहा कि मौजूदा वर्ष में वह अपने प्रदर्शन से खुश हैं जिसमें उन्होंने तीन टूर्नामेंट जीते। उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि हाल में विश्व चैम्पियनपशिप मुकाबले के दौरान वह स्वयं पैदा किए गए मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे।

यहां केनेडी हाई ग्लोबल स्कूल में एक समारोह के दौरान आनंद ने कहा, ‘मैं इस साल के प्रदर्शन से खुश हूं। मैं कई टूर्नामेंट में अच्छा खेला। मैंने तीन टूर्नामेंट जीते। उम्मीद करता हूं कि यह लय जारी रहेगी।’ आनंद ने कहा कि उन्होंने सोचि में हाल में नार्वे के मैग्नस कार्लसन के खिलाफ विश्व चैम्पियनशिप मुकाबले के दौरान ‘अधिक मौके’ बनाए लेकिन दुर्भाग्य से इनका फायदा उठाने में नाकाम रहे।

कार्लसन की शैली के बारे में आनंद ने कहा कि वह लय में आने के लिए अधिक समय नहीं लेता और लंबी ओपनिंग नहीं खेलता। आगामी वर्ष की योजनाओं के बारे में पूछने पर आनंद ने कहा, ‘मैं अधिक टूर्नामेंटों में हिस्सा लूंगा। मेरा ध्यान अब अधिक टूर्नामेंटों पर है।’ हाल में लंदन क्लासिक का खिताब जीतने वाले आनंद से पूछा गया कि क्या वह कोचिंग देना पसंद करेंगे तो इस ग्रैंडमास्टर ने कहा कि उन्होंने अभी इस बारे में नहीं सोचा है क्यों फिलहाल उनका ध्यान खेलने पर है।

आनंद ने कहा, ‘खेलने के दौरान कोचिंग काफी मुश्किल हैं। और मैं अभी खेलना छोड़ने को तैयार नहीं हूं। मैं कुछ और साल खेलना चाहता हूं। और इसके बाद हम देखते हैं।’ वर्ष 1988 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने आनंद इस बात से सहमत नहीं हैं कि विदेशों में ट्रेनिंग भारत में ट्रेनिंग से बेहतर है।

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