रियो ओलिंपिक 2016: पानी न दिए जाने मामले की जैशा ने जांच कराए जाने की मांग की
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रियो ओलिंपिक 2016: पानी न दिए जाने मामले की जैशा ने जांच कराए जाने की मांग की

रियो ओलिंपिक के मैराथन रेस के दौरान पानी न मिलने वाली बात को ऐथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) द्वारा नकारने पर मैराथन धाविका ओपी जैशा ने कहा है कि इस मामले में जांच की जानी चाहिए। साथ ही कहा कि उन्हें अपने पूरे करियर के दौरान कभी किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की तो अब ऐसा झूठ क्यों बोलेंगी? इससे पहले एएफआई ने बयान जारी कर कहा था कि जैशा और उनके कोच ने ही रेस के बीच में एनर्जी ड्रिंक लेने वाले विकल्प के लिए मना कर दिया था। मैराथन धाविका ओपी जैशा के उनकी स्पर्धा के दौरान बेहद गर्मी के बावजूद अधिकारियों के पानी या एनर्जी ड्रिंक मुहैया नहीं कराने के आरोपों को भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने खारिज कर दिया है।

रियो ओलिंपिक 2016: पानी न दिए जाने मामले की जैशा ने जांच कराए जाने की मांग की

नई दिल्ली: रियो ओलिंपिक के मैराथन रेस के दौरान पानी न मिलने वाली बात को ऐथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) द्वारा नकारने पर मैराथन धाविका ओपी जैशा ने कहा है कि इस मामले में जांच की जानी चाहिए। साथ ही कहा कि उन्हें अपने पूरे करियर के दौरान कभी किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की तो अब ऐसा झूठ क्यों बोलेंगी? इससे पहले एएफआई ने बयान जारी कर कहा था कि जैशा और उनके कोच ने ही रेस के बीच में एनर्जी ड्रिंक लेने वाले विकल्प के लिए मना कर दिया था। मैराथन धाविका ओपी जैशा के उनकी स्पर्धा के दौरान बेहद गर्मी के बावजूद अधिकारियों के पानी या एनर्जी ड्रिंक मुहैया नहीं कराने के आरोपों को भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने खारिज कर दिया है।

 

एएफआई ने बयान में कहा, ‘प्रत्येक टीम को अपने निजी ड्रिंक बूथ पर रखने की स्वीकृति होती है जिन पर टीम और खिलाड़ी की मर्जी के रंग से निशान लगा होता है। इस नियम के अनुसार महिला मैराथन स्पर्धा से पहले की रात भारतीय टीम मैनेजर 16 खाली बोतलें, जैशा और कविता दोनों के लिए आठ-आठ, लेकर इन दोनों और उनके कोच निकोलेई स्नेसारेव के पास उनके कमरे में गया था।’ उन्होंने कहा, ‘टीम मैनेजर ने उनसे उनकी पसंद का निजी ड्रिंक मुहैया कराने को कहा था जिसे उनकी मौजूदगी में सील करके खिलाड़ियों की जरूरत के अनुसार पट्टिका के साथ बूथ में रखने के लिए आयोजकों को दिया जाता।’ बयान के अनुसार, ‘इस मामले में दोनों खिलाड़ियों, जैशा और कविता ने पेशकश से इनकार कर दिया और भारतीय टीम के मैनेजर से कहा कि उन्हें निजी ड्रिंक की जरूरत नहीं है और अगर उन्हें रेस के दौरान इसकी जरूरत पड़ी तो वे आयोजकों के पानी और खाने पीने के बूथ से ड्रिंक ले लेंगी।’ एएफआई ने कहा कि नियमों के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी बाहरी व्यक्ति से ड्रिंक लेता है तो उसे डिक्वालीफाई किया जा सकता है।एएफआई ने कहा, ‘इसलिए यह ओपी जैशा का गलत बयान है कि टीम के साथ गए भारतीय अधिकारियों ने उन्हें पानी या कोई और टानिक मुहैया नहीं कराया।’

जैशा रियो ओलंपिक की महिला मैराथन स्पर्धा में निराशाजनक दो घंटे 47 मिनट 19 सेकेंड के समय से 89वें स्थान पर रही थी। उन्होंने कहा, ‘वहां काफी गर्मी थी। स्पर्धा सुबह नौ बजे से थी, मैं तेज गर्मी में दौड़ी। हमारे लिये कोई पानी नहीं था, न ही कोई एनर्जी ड्रिंक थी और न ही कोई खाना। केवल एक बार आठ किलोमीटर में रियो आयोजकों से मुझे पानी मिला जिससे कोई मदद नहीं मिली। सभी देशों के प्रत्येक दो किमी पर अपने स्टाल थे लेकिन हमारे देश का स्टाल खाली था। ’ जैशा फिनिश लाइन पर मैराथन पूरी करने के बाद गिर गयी थी और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा जहां उनके कोच निकोलई स्नेसारेव की एक डाक्टर से बहस हो गयी और फिर उन्हें स्थानीय पुलिस ने आधे दिन के लिये हिरासत में लिया।

जैशा ने कहा, ‘हमें हमारे तकनीकी अधिकारियों द्वारा ड्रिंक दी जानी थी, यह नियम है। हम किसी अन्य टीम से पानी नहीं ले सकते। मैंने वहां भारतीय बोर्ड देखा लेकिन वहां कुछ नहीं था। मुझे काफी परेशानी हो रही थी। मैं रेस के बाद बेहोश हो गयी। मुझे ग्लूकोज दिया गया, मुझे लगा कि मैं मर जाउंगी।’ इस धाविका ने दावा किया कि उसने जब स्टाल पर पूछा कि उसे पानी क्यों नहीं मुहैया कराया गया तो अधिकारियों से उसे कोई जवाब नहीं मिला। जैशा के दावे को खारिज करते हुए एएफआई ने कहा कि इस धाविका ने एनर्जी ड्रिंक लेने के विकल्प से इनकार कर दिया था।

 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

 

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