रोजर फेडरर रिकॉर्ड आठवीं बार बने विंबलडन के बादशाह, हासिल किया करियर का 19वां ग्रैंड स्लैम
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रोजर फेडरर रिकॉर्ड आठवीं बार बने विंबलडन के बादशाह, हासिल किया करियर का 19वां ग्रैंड स्लैम

विंबलडन में आठ खिताब के अलावा फेडरर पांच बार ऑस्ट्रेलियन ओपन, एक बार फ्रेंच ओपन और पांच बार अमेरिकी ओपन खिताब जीत चुके हैं.

रोजर फेडरर ने अमेरिकी ओपन जीत चुके सिलिक को 6-3, 6-1, 6-4 से हराया. (PHOTO : Wimbledon‏/Twitter)

लंदन: स्विट्जरलैंड के दिग्गज टेनिस स्टार रोजर फेडरर ने रविवार (16 जुलाई) को क्रोएशिया के मारिन सिलिक को आसानी से हराते हुए साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम-विंबलडन का पुरुष एकल खिताब जीत लिया. ऑल इंग्लैंड क्लब में फेडरर की यह रिकॉर्ड आठवीं खिताबी जीत है. इसके साथ ही फेडरर ने ओपन एरा में पीट सैंप्रास और ओवरऑल ब्रिटेन के महान खिलाड़ी विलियम रेनशॉ के रिकॉर्ड को ध्वस्त किया. सैंप्रास और रेनशॉ के नाम सात-सात बार विंबलडन जीतने का रिकॉर्ड है.अपने दूसरे ग्रैंड स्लैम और पहले विंबलडन खिताब के लिए प्रयासरत सिलिक की फेडरर के सामने एक नहीं चली. अपने करियर का 19वां ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम करने की दिशा में फेडरर ने 2014 में जापान के केई निशिकोरी को हराकर अमेरिकी ओपन जीत चुके सिलिक को 6-3, 6-1, 6-4 से हराया. 

यह फेडरर का 19वां ग्रैंड स्लैम खिताब है और सर्वाधिक ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने के मामले में वह स्पेन के राफेल नडाल (15 खिताब) से चार खिताब आगे निकल आए हैं. फेडरर ने ओपन एरा में सर्वाधिक आयु में विंबलडन खिताब जीतने का रिकॉर्ड भी कायम किया. उन्होंने 35 साल 342 दिन की आयु में यह खिताब जीता है. फेडरर ने आर्थर ऐश के रिकॉर्ड को तोड़ा जो 1976 में खिताबी जीत के दौरान लगभग 32 साल के थे.

2014 से 16 के बीच तीन बार विंबलडन क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचकर हारने वाले सिलिक ने पहली बार इस अग्रणी ग्रास कोर्ट टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन ग्रास कोर्ट का बादशाह कहे जाने वाले फेडरर ने उन्हें पहली बार विंबलडन का बादशाह नहीं बनने दिया. दूसरी ओर, इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीत चुके फेडरर विंबलडन में अपना 11वां फाइनल खेलते हुए एक बार फिर विजेता बने. वह 2014, 2015 में भी फाइनल में पहुंचे थे लेकिन वह सर्बिया के नोवाक जोकोविक के हाथों हार गए थे. इसके अलावा 2016 में वह सेमीफाइनल में कनाडा के मिलोस राओनिक के हाथों हार गए थे.

बहरहाल, पहले सेट की शुरुआत में सिलिक ने अपना क्लास दिखाया और एक समय 2-2 की बराबरी पर पहुंच गए थे लेकिन बाद में वह फेडरर के अद्वितीय क्लास और अनुभव के आगे बेबस नजर आए. फेडरर ने यह सेट 6-3 से अपने नाम कर मैच को दूसरे सेट तक बढ़ाया. दूसरा सेट सिलिक के लिए और भी निराशाजनक साबित हुआ. वह इस सेट में एक गेम जीत सके. फेडरर ने अपना वर्चस्व कायम करते हुए यह सेट 6-1 से जीता और यह जता दिया कि उनके अनुभव और क्लासिक टेनिस के आगे सिलिक की तेजतर्रार सर्विस की एक नहीं चलने वाली है.

तीसरे और निर्णायक सेट में सिलिक ने धमाकेदार शुरुआत करते हुए 2-1 की बढ़त हासिल कर ली. वह इस सेट में पहले से बेहतर नजर आए. फेडरर ने इसके बाद दो गेम जीतते हुए 3-3 की बराबरी और फिर 5-3 से आगे हो गए लेकिन सिलिक ने स्कोर 4-5 कर मैच को रोमांच देने का प्रयास किया लेकिन फेडरर ने यहां अपने अनुभव का कमाल दिखाते हुए सिलिक को वापसी का मौका नहीं दिया और सेट के साथ मैच भी अपने नाम किया.

इस तरह फेडरर ने आठवीं बार ऑल इंग्लैंड क्लब में अपना परचम लहराया. एक समय उन्हें चुका हुआ कहा जाने लगा था, लेकिन इस कद्दावर खिलाड़ी ने कोर्ट पर शानदार वापसी करते हुए अपनी प्रतिष्ठा के साथ न्याय किया. फेडरर ने इससे पहले 2003, 2004, 2005, 2006, 2007, 2009 और 2012 में यहां चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था. विंबलडन में आठ खिताब के अलावा फेडरर पांच बार ऑस्ट्रेलियन ओपन, एक बार फ्रेंच ओपन और पांच बार अमेरिकी ओपन खिताब जीत चुके हैं.

स्विट्जरलैंड के इस सुपरस्टार के 11वें विंबलडन और 29वें मेजर फाइनल को हालांकि सिलिच के कारण भी याद रखा जाएगा तो दूसरे सेट में 3-0 से पिछड़ने के बाद रोने लगे थे. अमेरिकी ओपन 2014 चैंपियन सातवें वरीय क्रोएशिया के सिलिच खिताब जीतने का अपना सपना टूटते हुए देख लगातार रो रहे थे और उन्होंने इस दौरान अपने सिर को तौलिये में छिपा लिया.

दूसरे सेट के अंत में वह अपने बायें पैर में पट्टी बांधकर खेले लेकिन इसके बावजूद फेडरर को 1976 में ब्योन बर्ग के बाद टूर्नामेंट में एक भी सेट गंवाए बिना खिताब जीतने वाला पहला खिलाड़ी बनने से नहीं रोक पाए. इस मुकाबले का गवाह बनने के लिए रायल बाक्स में प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट के अलावा अभिनेता ह्यू ग्रांट और ब्रेडली कूपर भी मौजूद थे.

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