गाजियाबाद में पैरा एथलीटों के लिए बदइंतजामी, खेल मंत्री ने रिपोर्ट मांगी
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गाजियाबाद में पैरा एथलीटों के लिए बदइंतजामी, खेल मंत्री ने रिपोर्ट मांगी

राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग ले रहे विकलांग खिलाड़ियों को बिना सुविधाओं वाली गंदी जगह पर ठहराये जाने की चौंकाने वाली घटना पर कड़ा रवैया अपनाते हुए खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को इस पर आयोजकों से रिपोर्ट देने को कहा और 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का वादा किया। सोनोवाल ने कहा कि उन्होंने भारतीय पैरालम्पिक समिति और अपने सचिव से विस्तार रिपोर्ट देने के लिये कहा है।

गाजियाबाद में पैरा एथलीटों के लिए बदइंतजामी, खेल मंत्री ने रिपोर्ट मांगी

नई दिल्ली : राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग ले रहे विकलांग खिलाड़ियों को बिना सुविधाओं वाली गंदी जगह पर ठहराये जाने की चौंकाने वाली घटना पर कड़ा रवैया अपनाते हुए खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को इस पर आयोजकों से रिपोर्ट देने को कहा और 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करने का वादा किया। सोनोवाल ने कहा कि उन्होंने भारतीय पैरालम्पिक समिति और अपने सचिव से विस्तार रिपोर्ट देने के लिये कहा है।

वहीं, भारतीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष राजेश तोमर ने माना कि उनके अधिकारियों की तरफ से गलतियां हुई हैं। तोमर ने कहा कि मामले की जांच समिति से कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

गाजियाबाद में राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (20 से 22 मार्च तक मधुबन, बापूधाम के जनहित परा खेल मैदान में) के दौरान खिलाड़ियों को गंदे और खराब कमरों में ठहरने को कहा गया। इस चैंपियनशिप का आयोजन भारतीय पैरालम्पिक समिति की उत्तर प्रदेश इकाई ने किया था।

सोनोवाल ने कहा, ‘‘सभी खिलाड़ियों को अच्छी तरह रखना हमारी प्राथमिकता है। विकलांग खिलाड़ी और उनकी सेहत हमारी प्राथमिकता है। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और प्रतियोगिता में कुप्रबंधन के कारणों पर गौर कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने खेल सचिव ने तुरंत कार्रवाई करने और 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने के लिये कहा है जिसके आधार पर मैं कार्रवाई करूंगा। हमारी तरफ से खिलाड़ियों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है। खिलाड़ियों की सुविधाओं का ध्यान रखने का जिम्मा राष्ट्रीय महासंघों का होता है। यदि उन्हें कोई परेशानी है तो उन्हें हमसे संपर्क करना चाहिए। हम उनकी मदद करेंगे।’’

प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे एक खिलाड़ी योगेश ने कहा, ‘‘हमें उचित खाना नहीं मिला। हम पिछले चार दिन से पूरी और एक सब्जी खा रहे हैं। हमें डंडों की मदद से चलना पड़ता है और फिर भी हमें दूसरे तल पर रखा गया है। व्हीलचेयर से चलने वाले खिलाड़ियों के लिए रैंप भी नहीं है। टायलेट गंदे हैं, पंखे और पानी भी नहीं है।’’ एक अन्य खिलाड़ी विनय ने कहा, ‘‘आज नहाते समय मैं तीन बार गिर गया। हम टैंकर का पानी पी रहे हैं और इसे साफ नहीं किया गया है और टायलेट काफी गंदे हैं।’’

एथेंस पैरालंपिक खेल 2004 और आईपीसी विश्व चैंपियनशिप 2013 में स्वर्ण पदक जीतने वाले स्टार पैरा एथलीट देवेंद्र झाझरिया ने कहा, ‘‘सुविधाएं अच्छी नहीं थी और इस वजह से हमें परेशानियां झेलनी पड़ी। लेकिन मैं केवल महासंघ को दोष नहीं देना चाहता। सरकार को भी इस पर ध्यान देना होगा।’’

भारतीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष राजेश तोमर ने माना कि उनके अधिकारियों की तरफ से गलतियां हुई हैं लेकिन उन्होंने सरकार पर दोष मढ़ा जिसने कोई पैसा नहीं दिया और प्रतियोगिता के आयोजन के लिये उचित स्थान की व्यवस्था करने से इन्कार कर दिया। तोमर ने कहा, ‘‘मैंने सरकार से प्रतियोगिता के आयोजन के लिये सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा था लेकिन भारतीय खेल प्राधिकरण ने यह कहकर इन्कार कर दिया कि उनके स्थानों का उपयोग अन्य खिलाड़ी कर रहे हैं। मेरे पास प्रतियोगिता के आयोजन के लिये स्थान नहीं था और इसलिए जब पीसीआई की उत्तर प्रदेश इकाई ने मेजबानी की पेशकश की तो मैंने हां कर दी।’’

तोमर ने कहा, ‘‘प्रतियोगिता का आयोजन पीसीआई की उत्तर प्रदेश इकाई ने भारतीय पैरालम्पिक महासंघ के तकनीकी सहायता से किया। मैं स्वीकार करता हूं कि मेरे अधिकारियों से भी गलतियां हुई और खिलाड़ियों के लिये उचित सुविधाएं होनी चाहिए थी। हमने इसकी जांच के लिये पैनल का गठन कर लिया है और जरूरत पड़ी तो कार्रवाई की जाएगी।’’ भारतीय पैरा एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष रतन सिंह ने भी स्वीकार किया कि प्रतियोगिता स्थल पर सुविधाओं का अभाव था और यदि वहां सुविधाएं नहीं थी तो चैंपियनशिप रद्द कर देनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हां हम स्वीकार करते हैं कि हमारी तरफ से गलती हुई और ऐसा नहीं होना चाहिए था। आयोजकों (पीसीआई की उप्र इकाई) ने हमें खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने का वादा किया था। यदि आयोजकों ने एथलीटों को इस तरह की सुविधाएं मुहैया करायी थी तो फिर प्रतियोगिता रद्द कर देनी चाहिए थी।’’ बाद में खेल मंत्रालय ने इस पर बयान भी जारी किया और कहा कि वह राष्ट्रीय चैंपियनशिपों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के ठहरने और अन्य सुविधाओं के लिये न्यूनतम मानकों के संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर सकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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