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सिंगापुर : भारतीय शटलर बी साई प्रणीत ने हमवतन के श्रीकांत को हराकर सिंगापुर ओपन पुरूष एकल खिताब अपने नाम किया जो उनकी पहली सुपर सीरीज ट्रॉफी है. प्रणीत इस खिताब को जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं. प्रणीत के करियर का भी यह पहला सुपर सीरीज खिताब है.
प्रणीत ने 54 मिनट के मुकाबले में 17-21 21-17 21-12 से जीत दर्ज की, जो भारतीय खिलाड़ियों के बीच खेल के इतिहास का पहला सुपर सीरीज फाइनल है. दोनों खिलाड़ी एक दूसरे को पूरी तरह चुनौती दे रहे थे लेकिन प्रणीत ने शानदार वापसी करते हुए दबदबा बनाया और विजेता बने. बता दें कि आज से पहले केवल तीन देश -चीन, इंडोनेशिया और डेनमार्क- के खिलाड़ी ही सुपर सीरीज टूर्नाममेंट के फाइनल में एक दूसरे के आमने सामने हुए थे.
पहले गेम की शुरुआत दोनों के बीच रोमांचक रही. एक समय दोनों खिलाड़ियों का स्कोर 5-5 से बराबरी पर था, लेकिन श्रीकांत ने लगातार चार अंक हासिल करत हुए अपनी 9-5 कर ली. यहां से श्रीकांत ने प्रणीत को एकबार भी बराबरी करने का मौका नहीं दिया और पहला गेम 21-17 से जीत लिया.
पहला गेम हारने और दूसरे गेम में एक समय 2-7 से पिछड़ने के बाद प्रणीत ने अचानक गियर बदला और आक्रामकता तेज कर दी. प्रणीत ने पहले स्कोर 7-7 से बराबर कर लिया. गेम के मध्य में दोनों के बीच एक-एक अंक के लिए कांटे की टक्कर देखने को मिली. 13-14 से पीछे चल रहे प्रणीत ने अगले आठ अंक अर्जित करने के दौरान श्रीकांत को सिर्फ तीन अंक लेने दिए और 21-17 से जीत हासिल की.
दूसरा गेम जीत मैच में बराबरी पर आ खड़े हुए प्रणीत ने तीसरे गेम की शुरुआत आत्मविश्वास के साथ की. पहला दो अंक हासिल करने वाले श्रीकांत इसके बाद प्रणीत के आगे जरा भी नहीं टिक सके. प्रणीत ने दमदार खेल का प्रदर्शन करते हुए जल्द ही 10-3 से बड़ी बढ़त ले ली.
श्रीकांत ने थोड़ा संघर्ष तेज किया और प्रणीत को लगातार अंक लेने से रोका, लेकिन प्रणीत स्कोर का अंतर अंत तक कायम रखने में सफल रहे. प्रणीत ने अंतत: श्रीकांत को 21-12 से करारी मात देते हुए न सिर्फ तीसरा गेम जीता बल्कि करियर का पहला सुपरसीरीज खिताब भी हासिल किया.
सिंगापुर ओपन से पहले प्रणीत और श्रीकांत का सामना चार बार एक-दूसरे से हुआ था और श्रीकांत को इसमें सिर्फ एक बार जीत मिली थी.
इस जीत के साथ प्रणीत ने श्रीकांत के खिलाफ जीत-हार का आंकड़ा 5-1 कर लिया है. ऐसा पहली बार हुआ जब भारत का कोई दो खिलाड़ी किसी सुपरसीरीज टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा हो.