कॉमनवेल्थ खेलों में सोना जीतकर वापस लौटे पहलवान सुशील कुमार की बाबा रामदेव ने भी जमकर तारीफ की है.
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नई दिल्लीः भारत को 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में दिग्गज पहलवान सुशील कुमार ने राष्ट्रमंडल खेलों में अपने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक पूरी की. सुशील ने पुरुषों की 74 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा में दक्षिण अफ्रीका के जोहानेस बोथा को 10-0 से मात देकर राष्ट्रमंडल खेलों का तीसरा स्वर्ण पदक जीता. इससे पहले, सुशील ने 2010 दिल्ली और 2014 ग्लास्गो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते थे. इस जीत के साथ ही उन्होंने अपने पदकों की हैट्रिक पूरी की है. सुशील ने बोथा को पहले ही मिनट में पूरा पलटते हुए चार अंक लिए और इसके बाद उन्हें नीचे पटकते हुए दो और अंक हासिल कर लिए. भारतीय दिग्गज पहलवान सुशील ने बोथी को संभलने का मौका भी नहीं दिया और और एक बार फिर उन्हें पटकर चार और अंक हासिल किए और स्वर्ण पदक जीता.
सुशील कुमार ने अपना गोल्ड मेडल हाल ही में हिमाचल में हादसे का शिकार हुए मृत बच्चों को समर्पित किया है. सुशील कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा- जिंदगी से ज्यादा कीमती कुछ नहीं है. तीसरी बार गोल्ड जीतना गर्व की बात है, लेकिन हिमाचल में हुए हादसे में अपनी जान गंवाने वाले बच्चों को मैं यह मेडल समर्पित करता हूं. इसके साथ ही सुशील कुमार ने अपनी जीत के लिए अपने कोच, माता-पिता और योग गुरु बाबा रामदेव के आशीर्वाद को क्रेडिट दिया.
कॉमनवेल्थ खेलों में सोना जीतकर वापस लौटे पहलवान सुशील कुमार की बाबा रामदेव ने भी जमकर तारीफ की है. बाबा रामदेव ने कहा कि 2016 के ओलंपिक खेलों में भारतीय पहलवान सुशील कुमार एक और गोल्ड मेडल जीत सकते थे यदि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में खेलने से नहीं रोका जाता. बता दें कि फ्री स्टाइल रेसलर सुशील कुमार को 2016 के रियो ओलपिंक में 74 किलोग्राम वर्ग में खेलने से रोक दिया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रायल की उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
बाबा रामदेव ने दो बार ओलंपिक में पदक जीत चुके सुशील कुमार से मुलाकात की और उनकी खूब प्रशंसा की. गौरतलब है कि सुशील ने 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है.
बाबा रामदेव ने कहा, हम सब को सुशील पर गर्व है. सुमित और सुशील दोनों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का नाम रोशन किया है. मैं युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वे इन दोनों से प्रेरणा लें. बाबा रामदेव ने कहा कि यदि सुशील को ओलपिंक में खेलने से नहीं रोका जाता तो वह एक और गोल्ड मेडल जीत सकते थे.
#WATCH: Wrestler Sushil Kumar speaks on his performance at #CommonwealthGames2018, says 'Sab aap logon ki duaien, aashirvaad tha, Swami Ji ka aashirwaad tha jo main achha kar paya'. pic.twitter.com/uPKy14AdEf
— ANI (@ANI) April 17, 2018
पहलवान सुशील कुमार ने रामदेव और लोगों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि, वह बाबा रामदेव के आशीर्वाद से ही मेडल जीत पाए हैं. सुशील ने कहा, मुझे उम्मीद है कि सभी भारतीयों का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहेगा. मैं भारत के लिए खेलते रहना चाहता हूं और यह सब बाबा के आशीर्वाद से ही संभव हो रहा है.
#WATCH: Baba Ramdev says, 'Agar uss samay (Olympic 2016) Sushil ji khelte to ek gold medal Bharat ke khaate mein aur judta aur Bharat ko gaurav milta'. Wrestler Sushil Kumar, gold medalist at #CommonwealthGames2018, met him after returning to India. pic.twitter.com/AWBTkUprAz
— ANI (@ANI) April 17, 2018
2016 के रियो ओलपिंक के बारे में उन्होंने कहा, मैं उस मामले को भूल चुका हूं और आगे बढ़ चुका हूं. यदि एसे न होता तो मैं अब मेडल नहीं जीत पाता. सुशील ने लगातार तीसरी बार सी डब्ल्यूजी का फाइनल खेला है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्स बोथा को फाइनल में 10-0 से पराजित किया. यह कॉमनवेल्थ गेम्स में उनका लगातार तीसरा गोल्ड मेडल है. बाबा रामदेव कामन वेल्थ गेम्स में 125किलो वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाले सुमित मलिक से भी मिले.