वर्ल्ड चैंपियन बनने की प्रबल दावेदार मैरीकॉम से प्ररित हो रही हैं महिला मुक्केबाज
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वर्ल्ड चैंपियन बनने की प्रबल दावेदार मैरीकॉम से प्ररित हो रही हैं महिला मुक्केबाज

भारत की प्रमुख मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन का मानना है कि ‘मैरी दीदी’ सभी मुक्केबाजों की प्रेरणास्रोत हैं. 

मैरीकॉम नए बॉक्सरों की बॉक्सिंग सीखने में मदद करती रहती हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: वर्ल्ड महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में पदार्पण करने वाली भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान की गयी गलतियों में सुधार किया है और अब वह यहां गुरूवार से शुरू होने वाली इस प्रतियोगिता में मेडल जीतकर ही भरपाई कर सकती हैं. भारतीय महिला मुक्केबाजी की स्टार एमसी मैरीकाम जहां छठे विश्व खिताब के लिये पुरजोर तैयारियों में जुटी हैं तो वह अन्य जूनियर मुक्केबाजों के लिये प्रेरणा का स्रोत भी बनी हुई हैं. 

  1. 69 किलो वर्ग की मुक्केबाज हैं लवलीन
  2. कॉमनवेल्थ खेलों में पदक दावेदार थी लवलीन
  3. मैरीकॉम से काफी प्रेरित हैं लवलीन

मैरीकाम शिविर में ट्रेनिंग के दौरान अन्य मुक्केबाजों को भी समय समय पर गुर सिखाती हैं और उनकी खामियों को दूर करने में मदद भी करती हैं. इस पर लवलीना ने  कहा, ‘‘मैरी दीदी शिविर के दौरान हमेशा हमारी मदद के लिये तैयार रहती हैं. वैसे तो कोच हमारे साथ होते हैं. लेकिन अगर हम गलत पंच मारते हैं तो मैरी दीदी आकर सिखाती हैं. वह इतनी अनुभवी हैं. वह हमें रिंग में जाने से पहले मानसिक रूप से कितना मजबूत होना चाहिए, किस तरह का रवैया होना चाहिए, इस बारे में भी बताती हैं.’’ 

वर्ल्ड चैंपियन मैरी ही बनेगी!
उन्होंने कहा, ‘‘वह हम सभी को प्रेरित करती हैं. उनकी ट्रेनिंग बढ़िया है और वह निश्चित रूप से छठी बार भी विश्व चैम्पियन बनेंगी. मैं भी उन्हीं की तरह प्रदर्शन करना चाहती हूं, वह सभी महिला मुक्केबाजों की प्रेरणास्रोत हैं.’’ 

राष्ट्रमंडल में गोल्ड की दावेदार थी लवलीना
साल के शुरू में इंडिया ओपन में वेल्टरवेट में गोल्ड मेडल जीतने वाली लवलीना को गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में मेडल का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन वह इसमें विफल रहीं. इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया, नतीजा 2-3 रहा था. पर मैंने भी कुछ गलतियां की थीं. जिससे मैं मेडल से चूक गयी. पर अब मैंने उन गलतियों को सुधारा है. ट्रेनिंग अच्छी की है और अब घरेलू सरजमीं पर भारत को मेडल देना ही है.’’

चीन और कजाखस्तान से मिलेगी टक्कर
असम की इस मुक्केबाज ने एशियाई महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप और प्रेसिडेंट्स कप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. चीन और कजाखस्तान के मुक्केबाजों (सभी वजन वर्गों) को प्रबल दावेदार बताते हुए लवलीना ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इन दोनों देशों की मुक्केबाज सभी वर्गों में कड़ी टक्कर देंगी लेकिन हमें घरेलू हालात का फायदा निश्चित रूप से मिलेगा. ’’ 

योग ध्यान नहीं कराया जाता
यह पूछने पर कि क्या शिविर के दौरान मानसिक रूप से मजबूती हासिल करने के लिये योग या ध्यान जैसी चीजें करायी जाती हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं ये नहीं कराया जाता. लेकिन हमारे पास मनोचिकित्सक हैं जो हफ्ते में एक बार सेशन कराते हैं. टूर्नामेंट से पहले दबाव को कम करने के लिये दिमाग को शांत कैसे रखना है, ये सब सिखाते हैं.’’ 

पहले से बेहतर हुई है ट्रेनिंग
इस युवा मुक्केबाजा ने माना कि अब ट्रेनिंग पहले की तुलना में बेहतर हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘ट्रेनिंग अब काफी बेहतर हुई है. अब हर सदस्य के साथ लगभग एक कोच है. खेल के हर पहलू पर ध्यान रखकर ट्रेनिंग करायी जाती है. जो अन्य देशों की टीमें आयी हैं, उन्हें देखते हुए लग रहा है कि भारत की टीम सर्वश्रेष्ठ है.’’ नई दिल्ली के आईजी स्टेडियम में 15 से 24 नवंबर तक चलने वाली दसवीं विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में 70 देशों की मुक्केबाजों के भाग लेने की उम्मीद है.

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