सिर्फ औपचारिकता से भरा होगा सिक्किम का चुनाव
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सिर्फ औपचारिकता से भरा होगा सिक्किम का चुनाव

अतुलनीय प्राकृतिक सौंदर्य एवं जैव विविधता के विश्वविद्यालय सिक्किम में इस वर्ष के पूर्वार्ध में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा का चुनाव भी होगा।

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अतुलनीय प्राकृतिक सौंदर्य एवं जैव विविधता के विश्वविद्यालय सिक्किम में इस वर्ष के पूर्वार्ध में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा का चुनाव भी होगा। यहां गत दो दशक अर्थात् सन् 1964 से सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है। तब से यहां मुख्यमंत्री की कुर्सी पर 63 वर्षीय पवन कुमार चामलिंग आसीन हैं।
यह देश के सबसे छोटे राज्यों में से एक हैं। गोवा के बाद यह दूसरा छोटा राज्य है। यह पर्वतीय प्रदेश है। पूर्वी हिमालय में स्थित है। यहां नामग्याल राजवंश का शासन था जिनके भारत में विलय की इच्छा के बाद जनमत संग्रह कर भारत में 16 मई 1975 को विलय कर 22वें राज्य का दर्जा दिया गया। तब से यहां लोकतांत्रिक तरीके से सरकारें चुनी जा रही हैं।
सिक्किम को देश में शामिल करने हेतु संविधान में 36वां संशोधन करना पड़ा। यहां अब एक सदनीय विधानमंडल है जिसमें विधानसभा हेतु 32 सीटें हैं। यहां की आबादी 6 लाख के आसपास है जो 32 विधायकों के साथ एक सांसद एवं एक राज्यसभा सदस्य का चुनाव भी करते हैं। विधानसभा एवं सरकार का वर्तमान कार्यकाल 21 मई 2014 को समाप्त हो रहा है। इसके पहले यहां विधानसभा का चुनाव होगा। सिक्किम में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट सिक्किम संग्राम परिषद तथा राष्ट्र स्तर की पार्टियों में से केवल कांग्रेस का प्रमुख प्रभाव है। चुनाव में मुख्य मुकाबला इन्हीं दलों के बीच होता है।
यह छोटा सा पहाड़ी राज्य अद्वितीय नैसर्गिक सौंदर्य एवं जीव विविधता के लिये विश्व विख्यात है। यह सघन वनों से घिरा है। यहां पर्वत 7000 मीटर से भी अधिक ऊंचे हैं। विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा सिक्किम में ही स्थित है। भरपूर वर्षा के चलते प्राकृतिक उगे वन एवं पेड़ पौधे जैव विविधता से भरे हैं।
पर्यटन और कृषि यहां के लोगों के लिये आजीविका का साधन है। यहां के लोग नेपाली, लेपचा, भूटिया, लिंबू जैसी प्राचीन एवं दुर्लभ भाषाएं बोलते हैं। साक्षरता दर बेहतर है 82.2 प्रतिशत के करीब है। प्रति व्यक्ति आय भी बहुत अच्छी है किन्तु स्त्री पुरुष लिंगानुपात सबसे खराब स्थिति में है। यहां प्रति हजार पुरुषों के पीछे मात्र 889 महिलाएं हैं।
राजशाही से लोकतांत्रिक स्वरूप अपनाने वाला सिक्किम पूर्वी हिमालय में स्थित एक छोटा सा राज्य है जो तिब्बत, नेपाल, भूटान एवं पश्चिम बंगाल से घिरा है। राज्य में वन एवं जैव विविधता की बहुलता है। इसे फूल-फलोद्यानों का स्वर्ग कहा जाता है।
यह राज्य भारत के लिये सामरिक महत्व है। अपनी विशेषता एवं विशिष्टता के कारण सबके लिए आकर्षण का केंद्र है। दर्शनीयता के कारण देसी विदेशी पर्यटक आते हैं। भारत में 22वें राज्य के रूप में 1975 में शामिल होने के बाद से यहां के लोग 32 विधायक, एक सांसद एवं एक राज्यसभा सदस्य का चुनाव करते हैं। अब यह भारत गणराज्य का अभिन्न अंग है। यह देश के लिये सामरिक महत्व का है। 21 मई 2014 के पूर्व यहां विधानसभा का चुनाव होना है। इसके साथ लोकसभा का आम चुनाव भी है।
सिक्किम में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, सिक्किम संग्राम परिषद एवं कांग्रेस का राजनीतिक प्रभाव है। सिक्किम में अभी डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है। मुख्यमंत्री की कुर्सी 63 वर्षीय पवन कुमार चामलिंग संभाल रहे हैं। वह 1964 से यह पद संभाल रहे हैं। 1994 में उन्होंने सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट नामक पार्टी की स्थापना की थी जिसे लगातार जीत मिल रही है। 1994, 1999, 3004, 2009 इन वारों विधानसभा चुनाव में चामलिंग की एसडीएफ पार्टी को अभूतपूर्व जीत मिली एवं सरकार बनी।
चामलिंग की खासियत के कारण लोग उन्हीं की पार्टी को चुनते हैं। पिछले चार चुनाव में यही सब देखने को मिला। एक बार फिर सामने चुनाव है जिसमें पुन: पूर्ववत मंजर देखने मिल सकता है। मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के कार्य एवं लोकप्रियता से सभी प्रभावित हैं। इसलिये उनके एवं उनकी पार्टी के सामने कोई टिक नहीं पा रहा है। अब ऐसी स्थिति में इस राज्य में चुनाव के दौरान नये कीर्तिमान बनने की उम्मीदें हैं।

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