बारिश बन गई मैच में मुसीबत
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बारिश बन गई मैच में मुसीबत

भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान के जलवे और इंग्लैंड के मध्यक्रम के बल्लेबाज जोनाथन ट्राट की अर्धशतकीय पारी से रोचक मोड़ की तरफ बढ़ रहे पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन के खेल में आज यहां आखिर में बारिश खलनायक बनकर आयी.

भारत ने इस ऐतिहासिक 200वें टेस्ट और दोनों टीमों के बीच खेले जा रहे 100वें टेस्ट मैच में टास जीता और इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी के लिये न्यौता. जहीर खान ने ऐंठन के कारण बीच में मैदान छोड़ने से पहले एलिस्टेयर कुक (12) और स्ट्रास (22) को आउट किया, लेकिन जोनाथन ट्राट (नाबाद 58)  इंग्लैंड के बचाव में उतरे. उनकी इस पारी से इंग्लैंड ने बारिश से प्रभावित पहले दिन दो विकेट पर 127 रन बनाये. ट्राट के साथ दूसरे छोर पर केविन पीटरसन 22 रन बनाकर खेल रहे हैं. इन दोनों ने अभी तक तीसरे विकेट के लिये 65 रन जोड़कर पहला दिन काफी हद तक इंग्लैंड के नाम करने की कोशिश की.

सुबह हल्की बारिश के कारण खेल आधा घंटा देर से शुरू हुआ. खराब रोशनी की वजह से चाय का विश्राम थोड़ा पहले लिया गया लेकिन इसके बाद बारिश आ गयी और फिर दिन में आगे का खेल नहीं हो पाया. शाम को साढ़े छह बजे खेल शुरू होने की संभावना बनी लेकिन तभी बारिश आ गयी जिसके बाद अंपायरों ने दिन का खेल समाप्त करने की घोषणा की.

लॉर्ड्स पर इस ऐतिहासिक मैच के पहले दिन के आकर्षण जहीर और ट्राट रहे. जहीर ने अब तक 13.3 ओवर में 18 रन देकर दो विकेट लिये हैं जबकि भारत के खिलाफ पहला मैच खेल रहे ट्राट दो जीवनदान मिलने के बाद बड़े स्कोर की तरफ बढ़ते हुए दिखायी दे रहे हैं. जहीर को छोड़कर भारत का कोई भी अन्य गेंदबाज प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं कर पाया. जहीर भी पारी के 42वें ओवर में ऐंठन के कारण ड्रेसिंग रूम में चले गये थे.

सुबह से ही आसमान में बादल घिरे थे, इसलिए महेंद्र सिंह धोनी ने टास जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया. रिकार्ड के लिये देखें तो 2000 के बाद लॉर्ड्स पर पहले क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम ने पांच मैच जीते और सात गंवाये हैं. पिछले साल पहले क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम तीनों मैच में हारी थी. पिच में मूवमेंट था और बल्लेबाजों को पांव जमाने में काफी समय लगा. स्ट्रास और कुक ने सतर्क शुरुआत की. पहले तीन ओवर मेडन गये और श्रृंखला का पहला रन चौके के रूप में आया. तब कुक ने प्रवीण की गेंद कट करके सीमा रेखा पर भेजी थी.

बेहतरीन फार्म में चल रहे कुक जल्द ही जहीर के शिकार बन गये. वह उनकी सीधी गेंद को नहीं समझ पाये उसे फ्लिक करने के प्रयास में पगबाधा आउट हो गये. गेंद जैसे ही उनके पैड पर टकरायी, जोरदार अपील पर असद राउफ की उंगली उठ गयी. पिछली सात पारियों में यह पहला मौका था जबकि कुक अर्धशतक तक पहुंचने से पहले ही पवेलियन लौट गये. इससे इंग्लैंड का स्कोर एक विकेट पर 19 रन हो गया.

हरभजन 19वें ओवर में गेंदबाजी के लिये बुलाये गये. टर्बनेटर की पहली गेंद ही घातक साबित हो जाती यदि राहुल द्रविड़ ने पहली स्लिप में डाइव लगाकर ट्राट का कैच ले लिया होता. ट्राट तक आठ रन पर खेल रहे थे. स्ट्रास और जहीर के बीच मुकाबले पर सभी की निगाह लगी थी. इस मैच से पहले स्ट्रास ने उनकी 290 गेंद खेली थी और पांच बार वह जहीर के शिकार बने थे. इंग्लैंड के कप्तान ने पहले सत्र में उनका डटकर सामना किया लेकिन दूसरे सत्र के शुरू में ही जहीर उन्हें आउट करने में सफल रहे.

जहीर की यह शार्ट पिच गेंद थी जो आफ स्टंप से बाहर जा रही थी. स्ट्रास ने उसे कट करना चाहा लेकिन वह बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर हवा में लहराती हुई फाइन लेग पर खड़े इशांत शर्मा के हाथों में चली गयी. स्ट्रास ने जहीर की 34 गेंद खेली जिसमें वह केवल छह रन ही बना पाये. इस तरह से जहीर ने छठी बार स्ट्रास को आउट करने में सफल रहे.

ट्राट शुरू में मिले जीवनदान का फायदा उठाकर अपना सातवां टेस्ट अर्धशतक जमाने में सफल रहे. जहीर ने उन्हें भी काफी परेशान किया. ट्राट जब 32 रन पर थे तब जहीर की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर धोनी और द्रविड़ के बीच से चार रन के लिये गयी. उसे कैच में तब्दील किया जा सकता था. ट्राट ने इस तरह से जहीर की 34वीं गेंद खेलने के बाद उनके खिलाफ पहला रन बनाया.

पारी का यह 40वां ओवर था जिसकी अंतिम गेंद पर ट्राट ने एक रन लेकर टीम का स्कोर 100 रन पर पहुंचाया. पीटरसन ने 14वीं गेंद खेलकर खाता खोला. उन्होंने प्रवीण की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर बल्ला भिड़ाकर पहला चौका लगाया. तब लॉर्ड्स की ढलान ने भी गेंद को सीमा रेखा पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभायी थी. उनका अगला चौका भी प्रवीण की गेंद पर इसी अंदाज में गया.

भारत को पारी के 42वें ओवर में करारा झटका लगा जब जहीर ऐंठन के कारण बाहर चले गये. उनका यह ओवर प्रवीण ने पूरा किया. वेस्टइंडीज में प्रवीण पिच पर दौड़ने के लिये गेंदबाजी से हटाया गया था और आज भी अंपायर ने एक अवसर पर उन्हें चेतावनी दी. प्रवीण और इशांत की गेंदों में वेस्टइंडीज जैसा मूवमेंट नहीं दिखा. इशांत ने एक दो अवसरों पर बल्लेबाजों को परेशान किया लेकिन प्रवीण प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे.
पीटरसन इस बीच लॉर्ड्स पर 1000 या इससे अधिक रन बनाने वाले छठे बल्लेबाज बने.

 

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