केंद्र की इस योजना को देश के अन्य राज्यों में भी शुरू करने की तैयारी है. अभी इस योजना को एमपी के शाजापुर, धार, आगर मालवा और खरगोन में करीब एक हजार मवेशियों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू किया जा चुका है.
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नई दिल्ली : केंद्र और राज्य की कई सरकारी योजनाओं में आधार को अनिवार्य करने के बाद पशुओं का भी आधार कार्ड बनाने की योजना है. जी हां, यह सुनने में आपको थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन 'आधार' के जरिए अब गायों के नाम, पते, फोटो, उनके दूध देने की क्षमता और स्वास्थ्य से जड़ा रिकार्ड रखा जाएगा. मध्य प्रदेश में गायों का आधार कार्ड बनाने का निर्णय लिया है. पशु की पहचान बताने वाले 12 अंकों के इस डिजिटल आधार कार्ड को देश में कहीं भी एक क्लिक पर देखा जा सकेगा.
इस स्मार्ट चिप को मध्य प्रदेश के सभी 90 लाख दुधारू पशुओं के कानों में लगाया जाएगा. केंद्र की इस योजना को देश के अन्य राज्यों में भी शुरू करने की तैयारी है. अभी इस योजना को एमपी के शाजापुर, धार, आगर मालवा और खरगोन में करीब एक हजार मवेशियों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू किया जा चुका है. इसकी सफलता के बाद सरकार ने जल्दी ही सभी 51 जिलों में गाय-भैंसों के आधार बनाने की तैयारी कर ली है.
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इस योजना के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर भी तैयार किया गया है. पशुपालन विभाग के कर्मचारियों को गायों का पहचान पत्र बनाने के लिए टैबलेट दिए जाएंगे. इसमें वह पशुओं का डिजिटल ब्योरा दर्ज कर पाएंगे. टैबलेट खरीदने के लिए सरकार ने टेंडर की कार्रवाई शुरू की है. पशुओं के कान में लगने वाले टैग के नवंबर अंत तक आने की संभावना है.
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सरकार की पशु संजीवनी योजना को देशभर में चलाया जाएगा. इस पूरे अभियान पर 15 करोड़ रुपए का खर्च किया जाएगा. 15 करोड़ में से 40 फीसदी यानी 6 करोड़ रुपए राज्य सरकार की तरफ से दिए जाएंगे. एक अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक नवंबर के अंत तक सभी जिलों में आधार बनाने का काम शुरू हो जाएगा. मार्च 2018 तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य है.