रपट में कहा गया कि हम लगभग एक महीने में बीईसी घोटालों द्वारा लक्षित लगभग 8,000 व्यवसायों को देखते हैं. औसतन, इन व्यवसायों को हर महीने पांच से अधिक घोटाले वाले ई-मेल प्राप्त होते हैं.
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नई दिल्ली : ईमेल उपयोगकर्ता को किसी भी दूसरे मॉलवेयर की तुलना में ईमेल के माध्यम से साइबर खतरे का सामना करने की आशंका ज्यादा होती है. एक नए सर्वे में यह बात सामने आई है. हर नौवें यूजर में से एक को 2017 की पहली छमाही में द्वेषपूर्ण ई मेल प्राप्त हुए हैं, इसका खुलासा साइबर सुरक्षा कंपनी सिमेनटेक की रपट 'ई-मेल थ्रेटस 2017' में हुआ है. बिजनेस ईमेल समझौता (बीईसी) घोटालों को साइबर खतरे के रूप में भी पहचाना गया है जहां स्कैमर्स किसी कंपनी के भीतर, या प्रशासनिक चेन के भीतर किसी व्यक्ति का प्रतिरूप तैयार करते हैं और उपयोगकर्ताओं के पैसे निकालने या संवेदनशील जानकारी साझा करने का प्रयास करते हैं.
रपट में कहा गया कि हम लगभग एक महीने में बीईसी घोटालों द्वारा लक्षित लगभग 8,000 व्यवसायों को देखते हैं. औसतन, इन व्यवसायों को हर महीने पांच से अधिक घोटाले वाले ई-मेल प्राप्त होते हैं. रपट ने स्पैम ईमेल को एक और झुंझलाहट के रूप में पहचाना है. स्पैम दर जो 2011 से धीमी लेकिन स्थिर गिरावट पर थी, अब बढ़ने की शुरुआत में है.
रपट में कहा गया कि 2017 की पहली छमाही में स्पैम दर ने 54 फीसदी का आंकड़ा छू लिया, जो यहां दर्शाता है कि एक साल पहले की तुलना में आपके पास हर महीने इनबॉक्स में करीब 11 स्पैम ईमेल आ रहे हैं.