केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने एक फोटो ट्विटर पर शेयर की है. इस फोटो में वह राहत शिविर में सोते नजर आ रहे हैं.
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नई दिल्ली: केरल में बाढ़ की तबाही के बाद राहत कार्य तेजी पर है. बाढ़ से केरल में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी हैं. वहीं करीब 10 लाख से ज्यादा बेघर हो गए हैं. केरल की सरकार ने बाढ़ से बेघर हुए लोगों के लिए करीब 1500 राहत शिवर लगे हैं. इनमें ही केरल के लोग अपनी जिंदगी बचा रहे हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने एक फोटो ट्विटर पर शेयर की है. इस फोटो में वह राहत शिविर में सोते नजर आ रहे हैं. फोटो के शेयर होते ही केजे अल्फोंस ट्विटर यूजर्स के निशाने पर आ गए. दरअसल, केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है. उसमें वह बाढ़ ग्रस्त कोटट्यम जिले के चंगनाचेरी इलाके में लगे राहत शिवर में सोते नजर आ रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस हुए ट्रोल
ट्विटर पर शेयर की गई इस तस्वीर पर उन्होंने लिखा, मैं राहत शिवर में सोते हुए, यहां ज्यादातर लोग कल की चिंता में सोए नहीं हैं. केजे अल्फोंस ने अपने इस ट्विटर पोस्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पीयूष गोयल और बीजेपी के आधिकारिक अकाउंट को भी टैग किया है. उनकी पोस्ट के तुरन्त बाद ही वह ट्विटर यूजर्स के निशाने पर आ गए.
I slept at a relief camp last night in Changanacherry. Most people didn’t sleep thinking of a uncertain tomo @narendramodi @AmitShah @BJP4India @BJP4Keralam @PiyushGoyal @dpradhanbjp pic.twitter.com/xQgnYjfZx5
— Alphons KJ (@alphonstourism) August 22, 2018
Very cheap mentality Mr. Alphons. Get the credit by offering helping hand to a needy not by your cheap marketing. I dont support any political party but i cant keep quite to all these nonsense in social media especially from an elected leader like you.
— Chikku Chandran (@Chikcha3250) August 22, 2018
If you want to show your sacrifices to your masters send personal mail to them . Other than in social media we have not seen you at any rescue site, relief operations or anywhere.
— Rakesh KN (@RakeshKN_blr) August 22, 2018
सोमवार को अल्फोंस ने कांग्रेस नेता की मांग को खारिज कर दिया था. जिसमें उन्होंने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि डिसास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 में इस तरह कोई प्रावधान नहीं है.
Sir, Is this a joke? U don't need to do such show offs. People of Kerala can clearly recognise this kind of political gimmicks. In fact, being a central minister you are able to help kerala in this dire situation. Pls do that. Jai Hind
— Vivek Gangadharan (@vivekgangadhar3) August 22, 2018
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटीनी ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि केरल की बाढ़ को तुरन्त राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. इससे राहत कार्यों के लिए न सिर्फ देश से बल्कि विदेश से भी फंड इकट्ठा करने में मदद मिली.
While you were sleeping, how did you come to know 'most people didn't sleep'? Did you get sound sleep?
— Sandhya (@PplOfIndia) August 22, 2018
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अल्फोंस ने एंटीनी की मांग को खारिज करते हुए कहा था कि इस तरह के हादसे को कांग्रेस के कार्यकाल (2004-14) में राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि कन्न्ततनम ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और एंटनी के बयान को 'बेवकूफी' भरा बताया था, उन्होंने सवाल उठाया कि 'क्या एंटनी को, जो दस साल तक देश के रक्षा मंत्री थे, उन्हें नियमों और एक्ट के प्रावधानों की जानकारी नहीं है?'