नहीं बदलना होगा सिम कार्ड, खुद पोर्ट हो जाएगा नंबर, ये है ऑफर
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नहीं बदलना होगा सिम कार्ड, खुद पोर्ट हो जाएगा नंबर, ये है ऑफर

पोर्टेबिलिटी या किसी और कंपनी में अपना नंबर स्विच करने पर आपको सिम बदलना पड़ता था, लेकिन टाटा टेली के ग्राहकों के साथ ऐसा नहीं होगा.

टाटा टेली सर्विसेज के ग्राहक अब एयरटेल में ट्रांसफर हो रहे हैं.

नई दिल्ली: टाटा टेली सर्विसेज के ग्राहक अब एयरटेल में जाना शुरू हो गए हैं. हाल ही में एयरटेल ने टाटा टेली सर्विसेज को खरीदा था. इसके बाद ही टाटा टेली सर्विसेज के ग्राहक एयरटेल में ट्रांसफर हो रहे हैं. पोर्टेबिलिटी या किसी और कंपनी में अपना नंबर स्विच करने पर आपको सिम बदलना पड़ता था, लेकिन टाटा टेली के ग्राहकों के साथ ऐसा नहीं होगा. एयरटेल में ट्रांसफर होने के बावजूद भी उनको उसी सिम पर सारी सुविधाएं मिलती रहेंगी. खास बात ये है कि टाटा टेली के ग्राहकों को इसके लिए अलग से कुछ भी नहीं करना होगा. 

  1. टाटा टेली के मौजूदा ग्राहकों को एयरटेल ने दिया ऑफर
  2. नंबर स्विच करने पर सिम बदलने की जरूरत नहीं होगी
  3. पुराने सिम पर ही मिलती रहेंगी एयरटेल की सुविधाएं

पहले फेज में 3 राज्यों को होगा फायदा
टाटा टेली के ग्राहकों को एयरटेल में ट्रांसफर करने का सिलसिला शुरू हो चुका है. इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर) के तहत पहले चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के ग्राहकों को ट्रांसफर किया जाएगा. आने वाले कुछ हफ्तों में देश के बाकी हिस्सों के सभी ग्राहकों को एयरटेल नेटवर्क की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी. इसमें किसी भी उपभोक्ता को सिम नहीं बदलना होगा.

मौजूदा सिम पर ही मिलेगी सेवा
टाटा टेलीसर्विसज के ग्राहक अपने मौजूदा सिम से ही एयरटेल की सेवाएं लेते रहेंगे. उनके टैरिफ प्लान भी पहले की तरह ही होंगे. ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी होने पर सभी सब्सक्राइबर एयरटेल रिचार्ज ऑफर का फायदा उठा सकेंगे. इसके अलावा पोस्टपेड कस्टमर्स को उनके मौजूदा प्लान पर ही सभी सुविधाएं मिलेंगी. 

क्या है इसका कारण
एयरटेल में टाटा टेली के ग्राहकों का माइग्रेशन इस लिए हो रहा है ताकि दूसरी कंपनियां इन ग्राहकों को न हथिया लें. टाटा टेली के 4.5 करोड़ ग्राहक हैं. डील के बाद भी टाटा टेली सर्विसेज का 31 हजार करोड़ रुपए का कर्ज टाटा संस को ही चुकाना है. 

टाटा ग्रुप के इतिहास में पहली बार
टाटा ग्रुप के 149 साल के इतिहास में बंद होने वाली यह पहली बड़ी यूनिट होगी. टाटा टेलीसर्विसेस की स्‍थापना 1996 में लैंडलाइन ऑपरेशन के साथ की गई थी.

क्यों बंद हो रही है कंपनी
टाटा के दूरसंचार कारोबार का दायरा देशभर के 19 दूरसंचार सर्किल तक फैला है. हालांकि उसके ग्राहकों की संख्या लगातार घट रही है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में उसके वायरलेस उपयोगकर्ताओं की संख्या लगातार घटी है. इससे देश में टाटा टेलीसर्विसेज की बाजार हिस्सेदारी भी घटकर महज 3.55 फीसदी रह गई है.

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