बॉर्डर पर चीन की नहीं चलेगी चतुराई, हरकतों पर नजर रखने के लिए भारत बनाएगा सुरंग
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बॉर्डर पर चीन की नहीं चलेगी चतुराई, हरकतों पर नजर रखने के लिए भारत बनाएगा सुरंग

सीमा पर चीन लगातार हरकतें करता रहता है. भारत की ओर से कई बार हिदायत देने के बाद भी वह भारत से सटे सीमावर्ती इलाकों में कभी सड़क निर्माण तो कभी भारतीय सीमा में घुसपैठ की हरकतें करता रहता है. 

भारत-चीन बॉर्डर पर हालात लगातार असामन्य होते रहते हैं. प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: सीमा पर चीन लगातार हरकतें करता रहता है. भारत की ओर से कई बार हिदायत देने के बाद भी वह भारत से सटे सीमावर्ती इलाकों में कभी सड़क निर्माण तो कभी भारतीय सीमा में घुसपैठ की हरकतें करता रहता है. चीन की इन्हीं हरकतों पर नजर रखने के लिए भारत सीमावर्ती इलाकों में सुरंग बनाने जा रहा है. इसके लिए बजट का आवंटन भी किया जा चुका है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में अपने बजट संबोधन में कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी. उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अरुणाचल प्रदेश में सेला दर्रा के तहत एक सुरंग का निर्माण किया जाएगा. सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच सीमा पर स्थित एक बेहद ऊंचा पर्वतीय दर्रा है, जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है. जेटली ने कहा कि जोजिला दर्रा के पास 14 किलोमीटर लंबे सुरंग का निर्माण कार्य प्रगति पर है.

  1. बॉर्डर पर लगातार हरकतें करता रहता है चीन
  2. भारत चीन बॉर्डर पर बनाएगा सुरंग
  3. सुरंग के लिए आवंटित किया गया बजट

सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटा भारत
13,700 फुट की ऊंचाई पर सेला दर्रे में सुरंग बनाने की सरकारी योजना की घोषणा की. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में सेला दर्रे से सुरंग के निर्माण की मंजूरी से रक्षा तैयारियों में पर लग जायेंगे. अपने बजट संबोधन में जेटली ने कहा कि सरकार भारत की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में संपर्क बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है.

सेला सुरंग के निर्माण का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब रक्षा प्रतिष्ठान करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारत चीन सीमा पर चीन की मुखरता बढ़ने से चिंता में है. जेटली ने कहा, ‘लद्दाख क्षेत्र को सभी मौसमों के अनुकूल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए रोहतांग सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है. जोजिला दर्रे में 14 किलोमीटर से भी अधिक लंबी सुरंग की निविदा का काम तेजी से चल रहा है. अब मैं सेला दर्रे में सुरंग के निर्माण का प्रस्ताव रखता हूं.’

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रक्षा बजट के लिए 2.95 लाख करोड़ रुपए आवंटित

सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच सीमा पर स्थित एक बेहद ऊंचा पर्वतीय दर्रा है, जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है. सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश में तवांग और कामेंग जिलों के बीच स्थित है और इसे रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जाता है.

सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में रक्षा बजट के लिए 2.95 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं जो पिछले साल के 2.74 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 7.81 फीसदी ज्यादा है. संसद में गुरुवार (1 फरवरी) को पेश आम बजट में कुल रक्षा बजट के तहत सेना के तीनों अंगों के लिए नए हथियारों, विमानों, जंगी जहाजों और अन्य सैन्य साजो-सामान की खरीद के लिए 99,947 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है. रक्षा बजट 2018-19 के लिए निर्धारित कुल 24,42,213 करोड़ रुपए के आवंटन का 12.10 प्रतिशत है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में देश की सीमाओं पर चुनौतियों से निपटने और जम्मू कश्मीर तथा पूर्वोत्तर दोनों क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा माहौल को प्रबंधित करने में सशस्त्र बलों की भूमिका की सराहना की.

पुलिस बलों के बुनियादी ढांचे में सुधार पर विशेष जोर
उन्होंने कहा कि सरकार दो रक्षा औद्योगिक उत्पादन कॉरिडोर विकसित करेगी और घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल सैन्य उत्पादन नीति लेकर आएगी. जेटली ने कहा कि 2017-18 में रक्षा बजट के लिए 2.79 लाख करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान की तुलना में आवंटन में वृद्धि 5.91 प्रतिशत और 2.74 लाख करोड़ रुपए के बजट अनुमान की तुलना में वृद्धि 7.81 प्रतिशत है.

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अगले वित्त वर्ष में केंद्रीय गृह मंत्रालय के लिए 92,600 करोड़ रुपए रहने का बजटीय प्रावधान किया गया है जो कि 2017-18 की तुलना में 10.5 प्रतिशत अधिक होगा. अगले साल के बजट में पुलिस बलों के बुनियादी ढांचे में सुधार पर विशेष जोर दिया गया है. गृह मंत्रालय के बजट में दिल्ली पुलिस के लिए 6,946.28 करोड़ रुपए रखे गए हैं, जबकि भारत पाक व चीन भारत सीमाओं पर तनाव के बीच सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1,750 करोड़ रुपए दिए गए हैं. बजटीय दस्तावेजों के अनुसार गृह मंत्रालय के लिए 2018-19 में 92,679.86 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जो कि 2017-18 के 83,823.30 करोड़ रुपए की तुलना में 10.5 प्रतिशत अधिक है.

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जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में लगे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को 2018-19 में 20,268 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. वहीं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए 17,118.64 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. आगामी वित्त वर्ष में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का कुल आवंटन 62,741.31 करोड़ रुपए रहेगा. इन बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, असम राइफल्स व एनएसजी शामिल है. आसूचना ब्यूरो (आईबी) को 1,876.44 करोड़ रुपए, एसपीजी को 385 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.

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