बजट के 'सुखद' पल: विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना की ओर भारत ने बढ़ाए कदम
Advertisement

बजट के 'सुखद' पल: विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना की ओर भारत ने बढ़ाए कदम

आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख का बीमा कवर गरीब परिवार को मिलेगा.

सरकार ने 24 नए मेडिकल खोलने या जिला अस्पतालों को अपग्रेड करने की भी घोषणा की है....(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में देश में 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना-आयुष्मान भारत शुरू करने की घोषणा की और कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य देखरेख कार्यक्रम होगा. यह यूनिवर्सल हेल्थस्कीम की ओर भारत का पहला कदम है. इस योजना के तहत 5 लाख का बीमा कवर गरीब परिवार को मिलेगा. 

यह योजना कैशलैस होगी और मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) को नई योजना का रूप दिया जाएगा. उन्होंने इस योजना की शुरूआत की तारीख तो नहीं बताई लेकिन कहा कि एक अप्रैल, 2018 से सरकार के पास इसके लिए 2000 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे. सरकार ने 24 नए मेडिकल खोलने या जिला अस्पतालों को अपग्रेड करने की भी घोषणा की है. इसका मतलब है कि प्रत्येक तीन लोकसभा क्षेत्रों में संयुक्त रूप से एक मेडिकल कॉलेज होगा. 

जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की नींव के रूप में स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों की परिकल्पना की गई है. डेढ़ लाख केंद्र स्वास्थ्य पूरे भारत में भारत आयुष्मान प्रोग्राम के तहत बनाए जाएंगे. उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए इस बजट में 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की वचनबद्धता जताई. इसके लिए उन्होंने निजी क्षेत्र को भी योगदान के लिए आमंत्रित किया. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘हम सब जानते हैं कि हमारे देश में लाखों परिवारों को अस्पतालों में इलाज कराने के लिए उधार लेना पड़ता है या संपत्तियां बेचनी पड़ती हैं. सरकार निर्धन और कमजोर परिवारों की इस स्थिति को लेकर अत्यधिक चिंतित है.’’

जेटली ने कहा, ‘‘आयुष्मान भारत के तहत ये दो दूरगामी पहलें वर्ष 2022 तक एक नए भारत का निर्माण करेंगी.’’ बजट में टीबी से पीड़ित सभी रोगियों को उपचार की अवधि के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पोषक आहार सहायता प्रदान करने के लिए 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है. गुणवत्तायुक्त चिकित्सा शिक्षा के मकसद से सरकार ने मौजूदा जिला अस्पतालों को उन्नत बनाकर 24 नये सरकारी चिकित्सा कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना करने की घोषणा की. 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘हम 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों (करीब 50 करोड़ लाभार्थियों) को दायरे में लाने के लिए एक फ्लैगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना प्रारंभ करेंगे जिसके तहत दूसरे और तीसरे स्तर के अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष तक का कवरेज प्रदान किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह विश्व का सबसे बड़ा सरकारी वित्तपोषित स्वास्थ्य देखरेख कार्यक्रम होगा. इस कार्यक्रम के सुचारू क्रार्यान्वयन के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी.’’ संप्रग सरकार के समय से चल रही मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में गरीब परिवारों को 30 हजार रुपये का वार्षिक कवरेज प्रदान किया जाता है. इसे ही व्यापक किया जा रहा है.

(इनपुट एजेंसी से)

Trending news